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भरतपुर: DST ने झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में मारा छापा, 30 साल से लोगों को बना रहा था बेवकूफ - राजस्थान की खबर

भरतपुर पुलिस ने मंंगलवार शाम डीग में अवैध रूप से निजी क्लीनिक चला रहे डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की. पुलिस को डॉक्टर के क्लीनिक से भारी मात्रा में भंडारण की हुई दवाईयां भी मिली हैं. फिलहाल क्लीनिक को सील कर दिया गया है.

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झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर की छापामार कार्रवाई
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Published : Mar 18, 2020, 11:50 AM IST

Updated : Mar 18, 2020, 12:51 PM IST

डीग (भरतपुर). डीग कस्बे सहित ग्रामीण अंचल में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है. मंगलवार शाम जिला पुलिस ने अवैध रूप से संचालित निजी क्लीनिक पर कार्रवाई करते हुए छापा मारा और भंडारण की दवाइयां जब्त की. यहां एक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री के मरीजों का इलाज करता था.

झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर की छापामार कार्रवाई

जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर डीएसटी प्रभारी हेमराज मीणा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. क्लीनिक संचालक डॉ. श्याम सुंदर मुखर्जी उम्र 54 साल निवासी पश्चिम बंगाल इस काम में लिप्त पाया गया. क्लीनिक पर कार्टूनों में और खुले रूप में दवाइयां का अवैध रूप से भंडाराण करके रखा गया था. इतना ही नहीं मरीजों का परीक्षण करने वाले इंस्ट्रूमेंट भी मिले हैं.

यह भी पढे़ं- अलवर पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर चोर, कई मामले हैं दर्ज

इसके अलावा झोलाछाप डॉक्टर श्याम सुंदर ने अपने क्लीनिक पर मरीजों को भर्ती करने और इलाज करने के लिए बेड भी लगाए हुए थे. झोलाछाप डॉक्टर करीब 30 साल से कस्बे में अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहा था. फिलहाल क्लिनिक को सील कर दिया गया है.

डीग (भरतपुर). डीग कस्बे सहित ग्रामीण अंचल में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है. मंगलवार शाम जिला पुलिस ने अवैध रूप से संचालित निजी क्लीनिक पर कार्रवाई करते हुए छापा मारा और भंडारण की दवाइयां जब्त की. यहां एक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री के मरीजों का इलाज करता था.

झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर की छापामार कार्रवाई

जानकारी के अनुसार मुखबिर की सूचना पर डीएसटी प्रभारी हेमराज मीणा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. क्लीनिक संचालक डॉ. श्याम सुंदर मुखर्जी उम्र 54 साल निवासी पश्चिम बंगाल इस काम में लिप्त पाया गया. क्लीनिक पर कार्टूनों में और खुले रूप में दवाइयां का अवैध रूप से भंडाराण करके रखा गया था. इतना ही नहीं मरीजों का परीक्षण करने वाले इंस्ट्रूमेंट भी मिले हैं.

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इसके अलावा झोलाछाप डॉक्टर श्याम सुंदर ने अपने क्लीनिक पर मरीजों को भर्ती करने और इलाज करने के लिए बेड भी लगाए हुए थे. झोलाछाप डॉक्टर करीब 30 साल से कस्बे में अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहा था. फिलहाल क्लिनिक को सील कर दिया गया है.

Last Updated : Mar 18, 2020, 12:51 PM IST
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