भरतपुर. अक्सर भवन निर्माण करवाते समय हम इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाते कि उसके निर्माण के काम में ली जा रही सामग्री कितनी अच्छी गुणवत्ता की है और कितनी हल्की. लेकिन अब भवन निर्माण से पहले ही भरतपुर शहरवासी निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच आसानी से करा सकेंगे. भरतपुर के अभियांत्रिकी महाविद्यालय में 35 लाख रुपए की लागत से कंस्ट्रक्शन मैटेरियल टेस्टिंग लैब स्थापित की गई है. जिसमें तमाम भवन निर्माण सामग्रियों की गुणवत्ता जांच हो सकेगी.
12 प्रकार की निर्माण सामग्रियों की जांच
महाविद्यालय की सिविल इंजीनियरिंग शाखा के विभाग अध्यक्ष अमित दहिया ने बताया कि लैब में 12 प्रकार की भवन निर्माण सामग्रियों की जांच की जा सकती है. इनमें रेत, सीमेंट, बजरी, कंक्रीट, बिटुमिंस, स्टील, लोहा, रोड सरफेस आदि शामिल है. इन सभी प्रकार की जांचों के लिए लैब में करीब आधा दर्जन मशीनें स्थापित की गई है.
अमित दहिया ने बताया कि महाविद्यालय में स्थापित की गई. लैब में भवन निर्माण सामग्रियों की जांच करने से भवन निर्माण की गुणवत्ता में और सुधार किया जा सकता है. लैब में निर्माण सामग्री की जांच के माध्यम से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में कौन सी सामग्री का इस्तेमाल करना है और कौन सी सामग्री के इस्तेमाल से बचना है.
यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन-इस मशीन के माध्यम से भवन निर्माण में काम में लिए जाने वाली स्टील की सभी प्रकार की जांच की जा सकती है. स्टील की मजबूती, भर सहने की क्षमता आदि का अंदाजा लगाया जा सकता है.
बिटुमिन एक्सट्रैक्टर-रोड निर्माण में बिटुमिन के इस्तेमाल को लेकर भी लैब में जांच की जा सकती है. रोड निर्माण में कितना बिटुमिन इस्तेमाल किया गया है या कितना इस्तेमाल करना चाहिए, इसकी जानकारी भी जांच के माध्यम से पता चल सकती है. इसके लिए लैब में इसके लिए बिटुमिन एक्सट्रैक्टर मशीन स्थापित की गई है.
35 लाख में स्थापित हुई लैब
महाविद्यालय के प्राचार्य रवि गुप्ता ने बताया कि लैब स्थापित करने में करीब 35 लाख रुपए की लागत आई है. लैब में 12 प्रकार की भवन निर्माण सामग्रियों की जांच के लिए करीब 6 मशीनें लगी हैं. इस लैब का निर्माण वर्ल्ड बैंक के टैक्यूप प्रोजेक्ट के तहत कराया गया है.
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गौरतलब है कि भरतपुर संभाग में अब तक भवन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में सरकारी या निजी भवन की निर्माण सामग्री की जांच के लिए उनके सैंपल जयपुर एमएनआईटी भेजे जाते थे. लेकिन अब सभी प्रकार की भवन निर्माण सामग्रियों की जांच भरतपुर में ही शुरू हो गई है.