ETV Bharat / state

अनूठी पहल : 15 सखियों ने 3 साल में कराई 40 गरीब कन्याओं की शादी...घर-घर जाकर मांगती हैं मदद

समाज में लड़कियां आज भी पराई ही मानी जाती हैं. बेटियों की शादी की जिम्मेदारी मां-बाप के लिए एक चिंता बन जाती है. ऐसे में एक संस्था आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता के लिए फरिश्ता बनकर आई है. देखिए कैसे महिलाओं ने आगे आकर गरीब बेटियों का कन्यादान कर उनका घर बसाने में मदद की.

rajasthan news, प्रिय सखी संगठन
डीग के संगठन ने उठाया गरीब कन्याओं की शादी का बीड़ा
author img

By

Published : Jul 8, 2020, 10:26 AM IST

भरतपुर. समाज भले ही कितना तरक्की का दावा करता हो, लेकिन मां-बाप को बेटियों की शादी की चिंता हमेशा सताते रहती है. वहीं परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो तो चिंता और मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. ऐसे में भरतपुर के कुछ महिलाओं के समूह ने गरीब बेटियों के हाथ पीले करवाने का बीड़ा उठाया है. इस संगठन ने अब तक कुल 40 गरीब बेटियों का कन्यादान कर उनका घर बसाने में मदद की है.

डीग के संगठन ने उठाया गरीब कन्याओं की शादी का बीड़ा

किसी गरीब विधवा को अपनी बेटी के हाथ पीला करना हो या कोई गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी करने में असमर्थ हो, ऐसे परिवारों की मदद के लिए डीग क्षेत्र की 15 महिलाएं हमेशा आगे रहती हैं. डीग का प्रिय सखी संगठन ना केवल गरीब बेटियों के हाथ पीले करने में मदद कर रहा है बल्कि गरीबी में जीवन जी रहे परिवारों के लिए भी मदद जुटा रहा है. बता दें कि संगठन की ये महिलाएं बीते करीब तीन साल से क्षेत्र में लोगों की मदद कर रही है.

rajasthan news, डीग न्यूज
लॉकडाउन में भी करवाई 10 बालिकाओं की शादी

यूं शुरू हुई मुहिम

प्रिय सखी संगठन की अध्यक्ष मोनिका जैन ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक बुजुर्ग महिला अपनी दो पोतियों की शादी के लिए घर-घर जाकर अपना दामन फैला कर मदद मांग रही थी. वह असहाय महिला मोनिका के घर भी मदद मांगने आई. इस दौरान उस महिला ने बताया कि वो असहाय हैं और पोतियों की शादी बिना मदद के नहीं कर सकती.

यह भी पढ़ें. Special: साइन लैंग्वेज के जरिए विशेष योग्यजन बच्चों को पढ़ाया, लेकिन कोरोना ने सब कुछ भुला दिया

इसलिए वे घर-घर जाकर पोतियों की शादी के लिए मदद मांग रही हैं. जिसके बाद मोनिका के मन में असमर्थ परिवारों की बच्चियों की शादी करवाने का ख्याल आया. उसके बाद कुछ महिलाओं के साथ मिलकर मोनिका ने गरीब महिला की पोतियों की शादी करवाने में मदद की.

rajasthan news, डीग न्यूज
मदद जुटाती संगठन की सखी

जिसके बाद मोनिका का मदद करने का ख्याल धीरे-धीरे एक संगठन में बदल गया. अब प्रिय सखी संगठन में 15 महिलाएं एकजुट होकर समाजसेवा का कार्य कर रही हैं.

घर-घर जाकर मांगती हैं मदद

मोनिका ने जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान भी 10 लड़कियों की शादी करवाने में उन्होंने मदद की है. गरीब बालिकाओं की शादी की मदद के लिए संगठन की सभी महिलाएं डीग कस्बा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मदद मांगती हैं. जो भी मदद के रूप में मिलता है, वह गरीब बालिका की शादी में पहुंचाई जाती है.

rajasthan news, प्रिय सखी संगठन
मदद करने पर गले लगकर आभार व्यक्त करती बुजुर्ग महिला

वहीं संगठन में काम कर रही महिलाओं का कहना है कि उनके लिए पहले ये काम करना आसान नहीं था. लोग तरह-तरह की बातें करते थे. मदद मांगने पर मदद के लिए आगे नहीं आते थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज क्षेत्र में लोगों की सोच बदली है तो लोग इस पुण्य काम के लिए आगे आ रहे हैं.

नि:शुल्क भोजन भी करवाया उपलब्ध

संगठन सदस्य ममता गुप्ता ने बताया कि गरीब बालिकाओं की शादी में मदद पहुंचाने के साथ ही लॉकडाउन में भी लोगों की मदद की गई. इस दौरान आने-जाने वाले लोगों को नि:शुल्क खाना उपलब्ध कराया गया. साथ ही डीग कस्बे की कॉलोनियों में फ्री में मास्क भी वितरित किए.

अत्याचार के खिलाफ भी उठाती हैं आवाज

यह संगठन ना केवल गरीब महिलाओं की मदद करता है बल्कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता है. संगठन की महिलाएं पीड़ित महिलाओं की हर संभव मदद करने के प्रयास में तत्पर रहती हैं.

यह भी पढ़ें. Special: साइन लैंग्वेज के जरिए विशेष योग्यजन बच्चों को पढ़ाया, लेकिन कोरोना ने सब कुछ भुला दिया

वहीं संगठन की संरक्षक मोहिनी गोयल का कहना है कि समाज में आज भी बेटियों को बोझ माना जाता है. इसलिए संगठन का उद्देश्य है कि बेटियों के प्रति समाज में जागरूकता लाया जाए. इसके लिए बेटियों के मां-बाप को समझाते हैं कि बेटियां कम नहीं हैं.

rajasthan news, डीग न्यूज
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को खिलाया खाना

साथ ही जब भी अस्पताल में बेटियां जन्म लेती हैं तो संगठन की ओर से बेटियों को शहद चटाया जाता है और उनके परिजनों को बेटियों का अच्छे से लालन-पालन करने की सलाह दी जाती है.

भरतपुर. समाज भले ही कितना तरक्की का दावा करता हो, लेकिन मां-बाप को बेटियों की शादी की चिंता हमेशा सताते रहती है. वहीं परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो तो चिंता और मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. ऐसे में भरतपुर के कुछ महिलाओं के समूह ने गरीब बेटियों के हाथ पीले करवाने का बीड़ा उठाया है. इस संगठन ने अब तक कुल 40 गरीब बेटियों का कन्यादान कर उनका घर बसाने में मदद की है.

डीग के संगठन ने उठाया गरीब कन्याओं की शादी का बीड़ा

किसी गरीब विधवा को अपनी बेटी के हाथ पीला करना हो या कोई गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी करने में असमर्थ हो, ऐसे परिवारों की मदद के लिए डीग क्षेत्र की 15 महिलाएं हमेशा आगे रहती हैं. डीग का प्रिय सखी संगठन ना केवल गरीब बेटियों के हाथ पीले करने में मदद कर रहा है बल्कि गरीबी में जीवन जी रहे परिवारों के लिए भी मदद जुटा रहा है. बता दें कि संगठन की ये महिलाएं बीते करीब तीन साल से क्षेत्र में लोगों की मदद कर रही है.

rajasthan news, डीग न्यूज
लॉकडाउन में भी करवाई 10 बालिकाओं की शादी

यूं शुरू हुई मुहिम

प्रिय सखी संगठन की अध्यक्ष मोनिका जैन ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक बुजुर्ग महिला अपनी दो पोतियों की शादी के लिए घर-घर जाकर अपना दामन फैला कर मदद मांग रही थी. वह असहाय महिला मोनिका के घर भी मदद मांगने आई. इस दौरान उस महिला ने बताया कि वो असहाय हैं और पोतियों की शादी बिना मदद के नहीं कर सकती.

यह भी पढ़ें. Special: साइन लैंग्वेज के जरिए विशेष योग्यजन बच्चों को पढ़ाया, लेकिन कोरोना ने सब कुछ भुला दिया

इसलिए वे घर-घर जाकर पोतियों की शादी के लिए मदद मांग रही हैं. जिसके बाद मोनिका के मन में असमर्थ परिवारों की बच्चियों की शादी करवाने का ख्याल आया. उसके बाद कुछ महिलाओं के साथ मिलकर मोनिका ने गरीब महिला की पोतियों की शादी करवाने में मदद की.

rajasthan news, डीग न्यूज
मदद जुटाती संगठन की सखी

जिसके बाद मोनिका का मदद करने का ख्याल धीरे-धीरे एक संगठन में बदल गया. अब प्रिय सखी संगठन में 15 महिलाएं एकजुट होकर समाजसेवा का कार्य कर रही हैं.

घर-घर जाकर मांगती हैं मदद

मोनिका ने जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान भी 10 लड़कियों की शादी करवाने में उन्होंने मदद की है. गरीब बालिकाओं की शादी की मदद के लिए संगठन की सभी महिलाएं डीग कस्बा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मदद मांगती हैं. जो भी मदद के रूप में मिलता है, वह गरीब बालिका की शादी में पहुंचाई जाती है.

rajasthan news, प्रिय सखी संगठन
मदद करने पर गले लगकर आभार व्यक्त करती बुजुर्ग महिला

वहीं संगठन में काम कर रही महिलाओं का कहना है कि उनके लिए पहले ये काम करना आसान नहीं था. लोग तरह-तरह की बातें करते थे. मदद मांगने पर मदद के लिए आगे नहीं आते थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज क्षेत्र में लोगों की सोच बदली है तो लोग इस पुण्य काम के लिए आगे आ रहे हैं.

नि:शुल्क भोजन भी करवाया उपलब्ध

संगठन सदस्य ममता गुप्ता ने बताया कि गरीब बालिकाओं की शादी में मदद पहुंचाने के साथ ही लॉकडाउन में भी लोगों की मदद की गई. इस दौरान आने-जाने वाले लोगों को नि:शुल्क खाना उपलब्ध कराया गया. साथ ही डीग कस्बे की कॉलोनियों में फ्री में मास्क भी वितरित किए.

अत्याचार के खिलाफ भी उठाती हैं आवाज

यह संगठन ना केवल गरीब महिलाओं की मदद करता है बल्कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता है. संगठन की महिलाएं पीड़ित महिलाओं की हर संभव मदद करने के प्रयास में तत्पर रहती हैं.

यह भी पढ़ें. Special: साइन लैंग्वेज के जरिए विशेष योग्यजन बच्चों को पढ़ाया, लेकिन कोरोना ने सब कुछ भुला दिया

वहीं संगठन की संरक्षक मोहिनी गोयल का कहना है कि समाज में आज भी बेटियों को बोझ माना जाता है. इसलिए संगठन का उद्देश्य है कि बेटियों के प्रति समाज में जागरूकता लाया जाए. इसके लिए बेटियों के मां-बाप को समझाते हैं कि बेटियां कम नहीं हैं.

rajasthan news, डीग न्यूज
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को खिलाया खाना

साथ ही जब भी अस्पताल में बेटियां जन्म लेती हैं तो संगठन की ओर से बेटियों को शहद चटाया जाता है और उनके परिजनों को बेटियों का अच्छे से लालन-पालन करने की सलाह दी जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.