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भरतपुर: गंदे पानी की वजह से लोगों को आ रही परेशानी...प्रशासन नहीं ले रहा सुध

भरतपुर के डीग कस्बे के जल महलों के चारों ओर फैल रही गंदगी से कस्बेवासी काफी परेशान नजर आ रहे हैं. गंदगी का आलम ये है कि किले के पास गंदगी से निकलने वाली दुर्गंध के कारण वहां से कोई राहगीर निकल भी नहीं सकता है. दूसरी ओर नगरपालिका प्रशासन भी सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ी खबर,  news related to clean india mission
गंदे पानी की वजह से लोगों को आ रही परेशानी
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Published : Oct 11, 2020, 2:24 PM IST

डीग (भरतपुर). जल महलों की नगरी डीग जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, मिट्टी के बने किले और रंगीन फव्वारों के लिए विश्व विख्यात है. जहां एक ओर पर्यटन की दृष्टि से डीग को हेरिटेज सिटी भी कहा जाता है. वहीं, डीग कस्बे के जल महलों के चारों ओर फैल रही गंदगी से कस्बेवासी काफी परेशान नजर आ रहे हैं. गंदगी का आलम ये है कि किले के पास गंदगी से निकलने वाली दुर्गंध के कारण वहां से कोई राहगीर निकल भी नहीं सकता है. दूसरी ओर नगरपालिका प्रशासन भी सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

गंदे पानी की वजह से लोगों को आ रही परेशानी

कस्बेवासियों का कहना है कि गटरों का पानी इन तालाबों में आता है. नालियों से गंदा पानी और कीचड़, पॉलिथिन, कूड़ा करकट और सभी तरह की गंदगी लोग पानी में फेंक कर चले जाते हैं. इस वजह से अब पानी से दुर्गंध आने लगी है, लेकिन नगरपालिका को ना तो शहरवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है और ना ही ऐतिहासिक धरोहर की.

पढे़ं: टूरिज्म को बढ़ावाः झड़ा तालाब में अब बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे सैलानी

चारों ओर गंदगी का आलम है, लेकिन नगर पालिका इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. सब्जी मंडी सहित कस्बे में जगह-जगह गन्दगी का यही दृश्य दिखाई दे रहा है. वहीं नगरपालिका कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है. स्वच्छ भारत मिशन महज कागजों में ही सिमट कर रह गया है. स्थानीय नागरिक भगवान सिंह कोली ने बताया कि वह पूर्व में भी कई बार अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. गंदे पानी की वजह से लोगों में बीमारियों का खतरा और भी बढ़ गया है.

डीग (भरतपुर). जल महलों की नगरी डीग जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, मिट्टी के बने किले और रंगीन फव्वारों के लिए विश्व विख्यात है. जहां एक ओर पर्यटन की दृष्टि से डीग को हेरिटेज सिटी भी कहा जाता है. वहीं, डीग कस्बे के जल महलों के चारों ओर फैल रही गंदगी से कस्बेवासी काफी परेशान नजर आ रहे हैं. गंदगी का आलम ये है कि किले के पास गंदगी से निकलने वाली दुर्गंध के कारण वहां से कोई राहगीर निकल भी नहीं सकता है. दूसरी ओर नगरपालिका प्रशासन भी सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

गंदे पानी की वजह से लोगों को आ रही परेशानी

कस्बेवासियों का कहना है कि गटरों का पानी इन तालाबों में आता है. नालियों से गंदा पानी और कीचड़, पॉलिथिन, कूड़ा करकट और सभी तरह की गंदगी लोग पानी में फेंक कर चले जाते हैं. इस वजह से अब पानी से दुर्गंध आने लगी है, लेकिन नगरपालिका को ना तो शहरवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है और ना ही ऐतिहासिक धरोहर की.

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चारों ओर गंदगी का आलम है, लेकिन नगर पालिका इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. सब्जी मंडी सहित कस्बे में जगह-जगह गन्दगी का यही दृश्य दिखाई दे रहा है. वहीं नगरपालिका कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है. स्वच्छ भारत मिशन महज कागजों में ही सिमट कर रह गया है. स्थानीय नागरिक भगवान सिंह कोली ने बताया कि वह पूर्व में भी कई बार अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. गंदे पानी की वजह से लोगों में बीमारियों का खतरा और भी बढ़ गया है.

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