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'झोलाछाप डॉक्टर' ने छीन ली 12 साल के किशोर की जिंदगी, कार्रवाई की मांग

भरतपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक किशोर की मौत हो गई. इसके विरोध में ग्रामीणों और परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया.

Jholachap Doctor Bharatpur, झोलाछाप डॉक्टर भरतपुर
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Published : Sep 22, 2019, 4:42 PM IST

भरतपुर. शहर में एक झोलाछाप डॉक्टर के अधूरे ज्ञान ने 12 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली. जिसके बाद ग्रामीण और परिजन शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर विरोध जताया और आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

बच्चे के शव को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर रखकर ग्रामीणों ने जताया विरोध

मामला जिले के सोगर गांव का है जहां 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले विशाल को चार दिन पहले बुखार आ गया था. जिसके बाद विशाल के पिता प्रभु दयाल उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर डोरीलाल के पास ले गए और डॉक्टर डोरीलाल ने विशाल को एक इंजेक्शन लगा दिया. वहीं विशाल के परिजनों से कहा की अब बुखार ठीक हो जायेगा जिसके बाद विशाल के परिजन उसे लेकर घर चले गए. लेकिन सुबह विशाल के पिछले हिस्से में सूजन आ गई और एक गांठ पड़ गई.

पढ़ें- गहलोत सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 9 कलेक्टर सहित 70 आईएएस का तबादला

मृतक विशाल के पिता उसे लेकर दोबारा डॉक्टर्स के पास पहुंचे लेकिन डॉक्टर डोरीलाल ने उन्हें गाली देकर अपनी दुकान से भगा दिया. थोड़ी देर बाद विशाल की तबियत ज्यादा खराब होने लगी तब विशाल को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया. जिसके बाद विशाल के 2 दिन इलाज़ चला और विगत देर रात विशाल ने दम तोड़ दिया. रविवार को सुबह विशाल के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों को सौप दिया गया है.

पढ़ें- जयपुरः निगम करेगा घर -घर जाकर बकाया टैक्स की वसूली

विशाल के पिता ने बताया की गांव के ही डॉक्टर डोरीलाल की लापरवाही की वजह से विशाल की जान गई है. वह डॉक्टर शाम होते ही शराब पी लेता है और शराब पीकर ही मरीजों का इलाज करता है. पहले भी डॉक्टर के गलत इलाज के कारण कई लोगों की तबियत खराब हो चुकी है.

भरतपुर. शहर में एक झोलाछाप डॉक्टर के अधूरे ज्ञान ने 12 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली. जिसके बाद ग्रामीण और परिजन शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर विरोध जताया और आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

बच्चे के शव को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर रखकर ग्रामीणों ने जताया विरोध

मामला जिले के सोगर गांव का है जहां 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले विशाल को चार दिन पहले बुखार आ गया था. जिसके बाद विशाल के पिता प्रभु दयाल उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर डोरीलाल के पास ले गए और डॉक्टर डोरीलाल ने विशाल को एक इंजेक्शन लगा दिया. वहीं विशाल के परिजनों से कहा की अब बुखार ठीक हो जायेगा जिसके बाद विशाल के परिजन उसे लेकर घर चले गए. लेकिन सुबह विशाल के पिछले हिस्से में सूजन आ गई और एक गांठ पड़ गई.

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मृतक विशाल के पिता उसे लेकर दोबारा डॉक्टर्स के पास पहुंचे लेकिन डॉक्टर डोरीलाल ने उन्हें गाली देकर अपनी दुकान से भगा दिया. थोड़ी देर बाद विशाल की तबियत ज्यादा खराब होने लगी तब विशाल को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया. जिसके बाद विशाल के 2 दिन इलाज़ चला और विगत देर रात विशाल ने दम तोड़ दिया. रविवार को सुबह विशाल के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों को सौप दिया गया है.

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विशाल के पिता ने बताया की गांव के ही डॉक्टर डोरीलाल की लापरवाही की वजह से विशाल की जान गई है. वह डॉक्टर शाम होते ही शराब पी लेता है और शराब पीकर ही मरीजों का इलाज करता है. पहले भी डॉक्टर के गलत इलाज के कारण कई लोगों की तबियत खराब हो चुकी है.

Intro:भरतपुर_22-09-2019
Summery- भरतपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के अधूरे ज्ञान ने एक 12 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली जिसके बाद ग्रामीण व् परिजन शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर विरोध जताया व् आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यबाही की मांग की
एंकर- भरतपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के अधूरे ज्ञान ने एक 12 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली जिसके बाद ग्रामीण व् परिजन शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर विरोध जताया व् आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यबाही की मांग की जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज कर कार्यबाही करने का आश्वासन दिया | 
मामला जिले के सोगर गांव का है जहाँ 07 वी कक्षा में पढ़ने वाले विशाल को चार दिन पहले बुखार आ गया था जिसके बाद विशाल के पिता प्रभु दयाल उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर डोरीलाल के पास ले गए और डॉक्टर डोरीलाल ने विशाल को एक इंजेक्शन लगा दिया और विशाल के परिजनों से कहा की अब बुखार ठीक हो जायेगा जिसके बाद विशाल के परिजन उसे लेकर घर चले गए लेकिन सुबह विशाल के कूल्हे पर सूजन आ गई और एक गांठ पड़ गई | 
मृतक बच्चे विशाल का पिता उसे लेकर दोबारा डॉक्टर्स के पास पहुंचे लेकिन डॉक्टर डोरीलाल ने उन्हें गाली देकर अपनी दूकान से भगा दिया थोड़ी देर बाद विशाल की तबियत ज्यादा ख़राब होने लगी तब विशाल को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया जिसके बाद विशाल के 02 दिन इलाज़ चला और विगत देर रात विशाल ने दम तोड़ दिया जिसके बाद आज सुबह विशाल के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों को सौप दिया गया है |  
वही विशाल के पिता ने बताया की गांव के ही डॉक्टर डोरीलाल ने विशाल के कूल्हे से नीचे इंजेक्शन लगाया था जिसकी वजह से विशाल की जान गई है और वह डॉक्टर शाम होते ही शराब पी लेता है और शराब पीकर ही मरीजों का इलाज करता है पहले भी डॉक्टर के गलत इलाज़ के कारण कई लोगों की तबियत ख़राब हो चुकी है |
बाइट - परमाल सिंह,ग्रामीण पुलिस वृत्ताधिकारी,भरतपुर 
बाईट- विक्रम,पूर्व सरपंच
बाइट- नेम सिंह,किसान नेता


Body:बच्चे के शव को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर रखकर ग्रामीणों ने जताया विरोध 


Conclusion:
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