भरतपुर. शहर में एक झोलाछाप डॉक्टर के अधूरे ज्ञान ने 12 साल के बच्चे की जिंदगी छीन ली. जिसके बाद ग्रामीण और परिजन शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर विरोध जताया और आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
मामला जिले के सोगर गांव का है जहां 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले विशाल को चार दिन पहले बुखार आ गया था. जिसके बाद विशाल के पिता प्रभु दयाल उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर डोरीलाल के पास ले गए और डॉक्टर डोरीलाल ने विशाल को एक इंजेक्शन लगा दिया. वहीं विशाल के परिजनों से कहा की अब बुखार ठीक हो जायेगा जिसके बाद विशाल के परिजन उसे लेकर घर चले गए. लेकिन सुबह विशाल के पिछले हिस्से में सूजन आ गई और एक गांठ पड़ गई.
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मृतक विशाल के पिता उसे लेकर दोबारा डॉक्टर्स के पास पहुंचे लेकिन डॉक्टर डोरीलाल ने उन्हें गाली देकर अपनी दुकान से भगा दिया. थोड़ी देर बाद विशाल की तबियत ज्यादा खराब होने लगी तब विशाल को जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया. जिसके बाद विशाल के 2 दिन इलाज़ चला और विगत देर रात विशाल ने दम तोड़ दिया. रविवार को सुबह विशाल के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया और शव परिजनों को सौप दिया गया है.
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विशाल के पिता ने बताया की गांव के ही डॉक्टर डोरीलाल की लापरवाही की वजह से विशाल की जान गई है. वह डॉक्टर शाम होते ही शराब पी लेता है और शराब पीकर ही मरीजों का इलाज करता है. पहले भी डॉक्टर के गलत इलाज के कारण कई लोगों की तबियत खराब हो चुकी है.