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मनरेगा काम के दौरान नहीं हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना

राजस्थान में नरेगा के चलते मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान उनके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. महिलाओं का कहना है कि काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

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Published : May 16, 2020, 11:23 PM IST

भरतपुर. कोरोना के दौरान सभी काम धंधे बंद होने से लोग घरों में बैठने को मजबूर हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच कड़ी धुप में सैकड़ों महिलाएं नरेगा में कठोर कार्य कर रही हैं. इस दौरान उनमें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना देखने को नहीं मिल रही है. यही नहीं उनके लिए धुप से बचने के लिए छाया के इंतजाम भी नहीं किये गए हैं.

नरेगा मजदूर महिलाओं के लिए नहीं छाया का इंतजाम

बता दें कि शनिवार को तुहिया ग्रामीण पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्य में 130 ग्रामीण महिलाएं नरेगा कार्य के दौरान कुछ देर रेस्ट लेती हुई मिली, लेकिन उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो पा रही थी. जिससे महिलाओं के बीच कोरोना संक्रमण के फैलाव की सम्भावना भी बढ़ सकती है.

पढ़ें- राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं: मुख्यमंत्री

मजदूरी कर रही महिलाओं का कहना है कि कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन में उनके घरों के लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं. साथ ही ज्यादातर लोग शराब पीकर महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं और काम पर भी नहीं जाते. जिससे परिवार के पालन पोषण के लिए महिलाओं को ही काम करना पड़ता है. अब जब गर्मी का मौसम है और दोपहर में चिलचिलाती धुप होती है तो उसमे भी महिलाएं काम करने को मजबूर हैं.

भरतपुर. कोरोना के दौरान सभी काम धंधे बंद होने से लोग घरों में बैठने को मजबूर हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच कड़ी धुप में सैकड़ों महिलाएं नरेगा में कठोर कार्य कर रही हैं. इस दौरान उनमें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना देखने को नहीं मिल रही है. यही नहीं उनके लिए धुप से बचने के लिए छाया के इंतजाम भी नहीं किये गए हैं.

नरेगा मजदूर महिलाओं के लिए नहीं छाया का इंतजाम

बता दें कि शनिवार को तुहिया ग्रामीण पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्य में 130 ग्रामीण महिलाएं नरेगा कार्य के दौरान कुछ देर रेस्ट लेती हुई मिली, लेकिन उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो पा रही थी. जिससे महिलाओं के बीच कोरोना संक्रमण के फैलाव की सम्भावना भी बढ़ सकती है.

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मजदूरी कर रही महिलाओं का कहना है कि कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन में उनके घरों के लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं. साथ ही ज्यादातर लोग शराब पीकर महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं और काम पर भी नहीं जाते. जिससे परिवार के पालन पोषण के लिए महिलाओं को ही काम करना पड़ता है. अब जब गर्मी का मौसम है और दोपहर में चिलचिलाती धुप होती है तो उसमे भी महिलाएं काम करने को मजबूर हैं.

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