डीग (भरतपुर). नगर पालिका चुनाव शुक्रवार को शांतिपूर्ण संपन्न हुए. डीग नगर पालिका के 40 वार्डों में चुनाव लड़ रहे 159 प्रत्याशियों की किस्मत मतदाताओं ने ईवीएम में बंद कर दी. राजनीतिक दलों के दिग्गजों सहित अन्य लोगों की अटकलों और आशंकाओं पर मतदाताओं ने विराम लगा दिया है. सुबह के वक्त मतदान की गति धीमी रही. सुबह दस बजे के बाद लोगों ने घरों से निकलकर मतदान केंद्र की तरफ कूच करना शुरू किया.
खास बात ये रही कि कोरोना का भय मतदाताओं के चेहरे पर नजर ही नहीं आया. अंतिम समय तक 81.58 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. सबसे अधिक मतदान वार्ड 35 में 92.77 फीसदी एंव सबसे कम मतदान वार्ड 26 में 68.82 फीसदी रहा.
नगर पालिका में पार्षद के लिए हुई वोटिंग को लेकर शहरी मतदाता उत्साहित नजर आए. कोरोना संक्रमण को लेकर भी महिलाएं सजग नजर आईं जिनके पास मास्क नहीं था वे गमछा या साड़ी के पल्लू से अपना चेहरा ढककर पहुंची. इस बार चुनाव में कई ऐसे भी मतदाता दिखे जो पहली बार वोट डालने आए. प्रत्याशियों की ओर से वोटरों को लाने ले जाने के लिए ई-रिक्शा से वोटिंग बूथों पर पहुंचे मतदाताओं का उत्साह ही अलग देखने को मिला.
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हालांकि, कोरोना संक्रमण के डर के साए में इस बार पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लम्बी कतारें देखने को नहीं मिली. वहीं वार्ड 22 के मतदान केन्द्र पर दूल्हा बना विपिन भी मतदान करने पहुंचा. कई मतदाताओं को अपने दिव्यांग माता-पिता को गोद में लेकर मतदान केन्द्र आते देखा गया गया.
प्रिय सखी संगठन ने दो अनाथ बच्चियों की शादी का संकल्प लिया-
डीग कस्बे में कोली समाज में स्वर्गीय बाबूलाल कोली की दो बच्चियां कुंती कोली और नेहा कोली जिनके सर से माता-पिता का साया उठ चुका है तथा कोई नजदीकी रिश्तेदार भी नहीं था. अभी तक अपना गुजारा जैसे तैसे अपने भाई के साथ कर रही थी लेकिन बच्चियों की उम्र शादी लायक हो चुकी थी. घर की हालत खराब थी समाज की एक महिला सुनीता कोली के द्वारा बच्चियों के भाई तथा बच्चों के रजामंदी से बच्चियों का रोका कराया गया.
प्रिय सखी संगठन संयोजिका मोनिका जैन से संपर्क किया और अपनी स्थिति के बारे में उन्हें अवगत कराया. संगठन सदस्यों ने विचार विमर्श कर बच्चियों की शादी की जिम्मेदारी का बीड़ा उठाने का निर्णय लिया. संगठन की सदस्य मोनिका जैन शशि गोयल मोहिनी बेला खंडेलवाल गोयल शशि देवी बृजेश ठाकुर आशा सेठी ओमवती ठाकुर ज्योति बंसल ममता वर्मा अंजना कोली तुलसी कोली आदि के द्वारा कस्बे दरवाजे दरवाजे जाकर सहायता राशि और सामान एकत्रित किया. मोनिका जैन अमित जैन शशि गोयल जितेंद्र गोयल ने मां-बाप और परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका अदा कर कन्यादान की जिम्मेदारी उठाई है.