भरतपुर. जिले के जनाना अस्पताल के पालनागृह में गुरुवार देर रात को अचानक से घंटी बजी, नर्सिंग स्टाफ ने दौड़कर देखा तो एक पत्र के साथ नवजात बच्ची मिली. महिला के पत्र में उसकी बेटी को छोड़ने, उससे अलग होने का दर्द साफ झलक रहा था. महिला ने पत्र में लिखा कि मेरी छह बेटी हो गई हैं. सास परेशान करती है. इसलिए बेटी को छोड़कर जा रही हूं. सूचना पर शिशु रोग विशेषज्ञ पहुंचे और बच्ची की स्वास्थ्य जांच की. बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल के एनआईसीयू में रखा गया है.
मेरी बेटी को पाल लो, एहसान होगा : नवजात बच्ची के साथ पालनागृह में एक पत्र रखा मिला. पत्र में लिखा था कि मुझ पर छह लड़की हो गई हैं. इसलिए मेरी सास परेशान करती है. इसलिए ये कदम उठाया है. मेरी बेटी को पाल लो एहसान होगा. मुझे माफ कर दो.
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आधी रात को बजा बजर : गुरुवार मध्यरात्रि को जनाना अस्पताल के पालनागृह का बजर (घंटी) बजा. नर्सिंग स्टाफ ने दौड़कर देखा तो एक नवजात बालिका मिली. स्टाफ ने तुरंत नवजात को संभाला. चिकित्सकों ने पहुंचकर नवजात की स्वास्थ्य जांच की. पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि बच्ची स्वस्थ है. इसकी सूचना बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को दे दी गई है.
![newborn daughter in cradle house in Bharatpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18598195_middle.png)
बाल कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष राजाराम भूतोली ने बताया कि बच्ची को अभी कुछ दिन चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. उसके बाद इसके पालन पोषण के लिए इससे शिशु ग्रह ले जाएंगे. प्रयास करेंगे कि बच्ची के माता-पिता का भी पता चल जाए. सामान्य तौर पर पालना गृह में नवजात बच्चियों को छोड़कर जाते हैं.