ETV Bharat / state

Special : भरतपुर के थानों में बढ़ते POCSO के मामले, जांच में अधिकतर निकलते हैं झूठे, देखें ये खास रिपोर्ट

भरतपुर जिले में पॉक्सो (POCSO) के मामलों में दिनों दिन वृध्दि हो रही है. पुलिस अनुसंधान में ज्यादातर मामले झूठे साबित हो रहे हैं. तफ्तीश में पुलिस का समय भी खराब हो रहा है. जांच में अधिकांश मामले जमीन विवाद, आपसी लेनदेन, रंजिश, क्रॉस केस या अन्य तरह के साबित होते हैं. ऐसे में पुलिस के लिए भी इस एक्ट के तहत काम करना मुश्किल हो रहा है. देखिये ये खास रिपोर्ट..

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
भरतपुर जिले में पॉस्को (Posco) के अधिकतर मामले झूठे
author img

By

Published : Dec 7, 2020, 2:18 PM IST

भरतपुर. जिला पुलिस ने एक साल में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्सेस एक्ट यानी पॉक्सो (POCSO) के तहत दर्ज मामलों की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि काफी संख्या में दर्ज पॉस्को के मामले झूठे हैं. ऐसे में पुलिस ने कई मामलों में एफआर लगा दी है. ज्यादातर दर्ज झूठे मामले जमीन विवाद, आपसी लेनदेन, आपसी रंजिश, क्रॉस केस, शादी का झांसा इसी तरह के हैं जो पॉस्को के तहत दर्ज कराए गए हैं.

भरतपुर जिले में पॉस्को (Posco) के अधिकतर मामले झूठे

पॉक्सो के झूठे मामले दर्ज कराने के पीछे की वजह जमीन विवाद, आपसी लेनदेन, आपसी रंजिश, क्रॉस केस, शादी का झांसा तो है ही, लेकिन इसके पीछे एक खास वजह भी बताई जा रही है. दरअसल पॉस्को के मामले दर्ज कराने वाले पीड़ित पक्ष को सरकार की तरफ से 1 लाख से 10 लाख रुपये तक की मदद मिलती है. इसलिए झूठे मामले दर्ज कराने के पीछे वजह लोगों का लालच और अपने विरोधी को गलत तरीके से फंसाना भी होती है.

जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने उच्चाधिकारियों से मांग करते हुए सिफारिश की है कि पॉक्सो एक्ट के तहत झूठे मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए. जिससे ना केवल झूठे मामले दर्ज कराने वालों पर अंकुश लगाया जा सके, बल्कि ऐसे मामलों की जांच करने में पुलिस का समय भी खराब नहीं हो.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
झूठा केस दर्ज होने से निर्दोष को मिलती है सजा

पढ़ें- भरतपुर: जेल की अवैध गतिविधियों पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखेगी पुलिस

झूठे मामलों पर एक नजर

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पॉक्सो के अंतर्गत दर्ज कराये गए मामलों में वर्ष 2019 में 34.86% मामले जूठे पाए गए. इस साल जनवरी से सितम्बर तक 13.76% मामले झूठे पाए गए. वहीं दुष्कर्म के प्रयास के अंतर्गत दर्ज मामलों में 2019 में 63.46% और इस वर्ष जनवरी से सितम्बर तक 37.50% मामले झूठे पाए गए. इसी तरह बलात्कार (376) के अंतर्गत दर्ज कराये गए मामलों में वर्ष 2019 में 63.11% और वर्ष 2020 में 37.33% मामले झूठे पाए गए.

पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2019 में 225 मामले बलात्कार के दर्ज हुए जिनमें 142 मामले झूठे पाए गए. इसी तरह वर्ष 2020 में 150 मामले दर्ज हुए, जिनमें 56 मामले झूठे पाए गए. इन सभी झूठे मामलों के दर्ज कराने की वजह आपसी झगड़ा, रंजिश, लेनदेन, शादी का झांसा बताया जा रहा है. वर्ष 2019 में दर्ज पॉक्सो के 109 मामलों में 38 मामले झूठे पाए गए तो वहीं वर्ष 2020 में दर्ज कुल 109 मामलों में 15 मामले झूठे पाए गए. इसकी वजह भी आपसी झगड़ा, रंजिश या प्रेम प्रसंग था. दुष्कर्म व छेड़छाड़ के अंतर्गत वर्ष 2019 में दर्ज कुल 104 मामलों में 66 मामले झूठे पाए गए.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
जिले में 2019 में पॉक्सो के 35 फीसदी मामले थे झूठे

आर्थिक मदद का लालच

पॉक्सो, दुष्कर्म का प्रयास, छेड़छाड़ के अंतर्गत ज्यादातर झूठे मामले जिले के मेवात इलाके के कामा थाना क्षेत्र में दर्ज हुए थे. कानून के अनुसार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है. जिसमें सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता परिवार को 5 से 10 लाख रुपये और दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने पर 3 से 4 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इसके लिए पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से तीन क़िस्त में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. शिकायत दर्ज कराने पर पहली किश्त, चालान पेश होने पर दूसरी क़िस्त और कोर्ट द्वारा आरोपी ठहराए जाने पर तीसरी किस्त दी जाती है.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
जिले में 2019 में रेप के 225 में से 142 मामले थे झूठे

पढ़ें- राजस्थान : कई निजी बाल गृह में गड़बड़ झाला, जल्द की जाएगी ऑडिट : संगीता बेनीवाल

झूठा मामला दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव

जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि तैयार रिपोर्ट में सामने आया है कि मेवात इलाके और जिले में दर्ज पॉक्सो मामलों में काफी संख्या में झूठी शिकायत दर्ज कराई गयी हैं. पुलिस जांच में ये ज्यादातर मुक़दमे झूठे पाए गए. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से पॉस्को के झूठे दर्ज मामले कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान करने का सुझाव दिया गया है, ऐसा होता है तो झूठे मामलों की जांच में पुलिस का समय ख़राब नहीं होगा और निर्दोष बेवजह नहीं फंसेंगे.

भरतपुर. जिला पुलिस ने एक साल में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्सेस एक्ट यानी पॉक्सो (POCSO) के तहत दर्ज मामलों की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में यह सामने आया है कि काफी संख्या में दर्ज पॉस्को के मामले झूठे हैं. ऐसे में पुलिस ने कई मामलों में एफआर लगा दी है. ज्यादातर दर्ज झूठे मामले जमीन विवाद, आपसी लेनदेन, आपसी रंजिश, क्रॉस केस, शादी का झांसा इसी तरह के हैं जो पॉस्को के तहत दर्ज कराए गए हैं.

भरतपुर जिले में पॉस्को (Posco) के अधिकतर मामले झूठे

पॉक्सो के झूठे मामले दर्ज कराने के पीछे की वजह जमीन विवाद, आपसी लेनदेन, आपसी रंजिश, क्रॉस केस, शादी का झांसा तो है ही, लेकिन इसके पीछे एक खास वजह भी बताई जा रही है. दरअसल पॉस्को के मामले दर्ज कराने वाले पीड़ित पक्ष को सरकार की तरफ से 1 लाख से 10 लाख रुपये तक की मदद मिलती है. इसलिए झूठे मामले दर्ज कराने के पीछे वजह लोगों का लालच और अपने विरोधी को गलत तरीके से फंसाना भी होती है.

जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने उच्चाधिकारियों से मांग करते हुए सिफारिश की है कि पॉक्सो एक्ट के तहत झूठे मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए. जिससे ना केवल झूठे मामले दर्ज कराने वालों पर अंकुश लगाया जा सके, बल्कि ऐसे मामलों की जांच करने में पुलिस का समय भी खराब नहीं हो.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
झूठा केस दर्ज होने से निर्दोष को मिलती है सजा

पढ़ें- भरतपुर: जेल की अवैध गतिविधियों पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखेगी पुलिस

झूठे मामलों पर एक नजर

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पॉक्सो के अंतर्गत दर्ज कराये गए मामलों में वर्ष 2019 में 34.86% मामले जूठे पाए गए. इस साल जनवरी से सितम्बर तक 13.76% मामले झूठे पाए गए. वहीं दुष्कर्म के प्रयास के अंतर्गत दर्ज मामलों में 2019 में 63.46% और इस वर्ष जनवरी से सितम्बर तक 37.50% मामले झूठे पाए गए. इसी तरह बलात्कार (376) के अंतर्गत दर्ज कराये गए मामलों में वर्ष 2019 में 63.11% और वर्ष 2020 में 37.33% मामले झूठे पाए गए.

पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2019 में 225 मामले बलात्कार के दर्ज हुए जिनमें 142 मामले झूठे पाए गए. इसी तरह वर्ष 2020 में 150 मामले दर्ज हुए, जिनमें 56 मामले झूठे पाए गए. इन सभी झूठे मामलों के दर्ज कराने की वजह आपसी झगड़ा, रंजिश, लेनदेन, शादी का झांसा बताया जा रहा है. वर्ष 2019 में दर्ज पॉक्सो के 109 मामलों में 38 मामले झूठे पाए गए तो वहीं वर्ष 2020 में दर्ज कुल 109 मामलों में 15 मामले झूठे पाए गए. इसकी वजह भी आपसी झगड़ा, रंजिश या प्रेम प्रसंग था. दुष्कर्म व छेड़छाड़ के अंतर्गत वर्ष 2019 में दर्ज कुल 104 मामलों में 66 मामले झूठे पाए गए.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
जिले में 2019 में पॉक्सो के 35 फीसदी मामले थे झूठे

आर्थिक मदद का लालच

पॉक्सो, दुष्कर्म का प्रयास, छेड़छाड़ के अंतर्गत ज्यादातर झूठे मामले जिले के मेवात इलाके के कामा थाना क्षेत्र में दर्ज हुए थे. कानून के अनुसार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है. जिसमें सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता परिवार को 5 से 10 लाख रुपये और दुष्कर्म के बाद गर्भवती होने पर 3 से 4 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इसके लिए पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से तीन क़िस्त में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. शिकायत दर्ज कराने पर पहली किश्त, चालान पेश होने पर दूसरी क़िस्त और कोर्ट द्वारा आरोपी ठहराए जाने पर तीसरी किस्त दी जाती है.

Most cases of Posco in Bharatpur are false, Posco case in bharatpur,Case filed under Posco in Bharatpur police stations, Posco cases in Bharatpur police stations, Bharatpur false cases Posco, Crime in Bharatpur Mewat area
जिले में 2019 में रेप के 225 में से 142 मामले थे झूठे

पढ़ें- राजस्थान : कई निजी बाल गृह में गड़बड़ झाला, जल्द की जाएगी ऑडिट : संगीता बेनीवाल

झूठा मामला दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव

जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि तैयार रिपोर्ट में सामने आया है कि मेवात इलाके और जिले में दर्ज पॉक्सो मामलों में काफी संख्या में झूठी शिकायत दर्ज कराई गयी हैं. पुलिस जांच में ये ज्यादातर मुक़दमे झूठे पाए गए. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से पॉस्को के झूठे दर्ज मामले कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान करने का सुझाव दिया गया है, ऐसा होता है तो झूठे मामलों की जांच में पुलिस का समय ख़राब नहीं होगा और निर्दोष बेवजह नहीं फंसेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.