भरतपुर. जिले की एक नाबालिग को आखिर न्याय मिल गया. पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 के जज गजेंद्र पाल सिंह मोघा ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को शनिवार को सजा सुनाई. कोर्ट ने दुष्कर्म करने वाले मुख्य आरोपी को पॉक्सो की धारा के तहत 10 साल की सजा और 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया है. सह-आरोपी को 3 साल की सजा सुनाई है. हालांकि उसे तुरंत बेल मिल (Bail to co accused of Bharartpur Minor rape case) गई.
न्यायाधीश ने जैसे ही मुख्य आरोपी को सजा सुनाई, आरोपी के पिता सहित अन्य परिजन कोर्ट परिसर में ही फूट-फूट कर बिलखने लगे. एपीपी महाराज सिंह एडवोकेट ने बताया कि 22 अक्टूबर, 2017 को नदबई क्षेत्र के एक गांव में देर रात एक 17 साल की नाबालिग घर से शौच के लिए निकली. तभी आरोपी पवन कुमार सिंह उसे अपने साथ ले गया. वह नाबालिग को लेकर कई जगह घूमता रहा. आखिरी में वह बालाजी पहुंचा और नाबालिग को पहाड़ पर पर ले जाकर दुष्कर्म किया. आरोपी ने बालाजी पर अपने दोस्त रूपसिंह, हरिया और रामवीर को बुलाया. उसके बाद पवन नाबालिग को बाइक पर बैठा कर लाया और डेहरा मोड़ उतार दिया. आरोपियों ने नाबालिग को धमकी दी कि अगर वह किसी को इस बारे में बताएगी तो उसके परिजनों को हत्या के आरोप में फंसा देंगे.
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नाबालिग जब घर पहुंची तो उसने अपने पिता को आपबीती बताई. जिस पर पिता ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना नदबई में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया. पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 के जज ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी और शनिवार को मुख्य आरोपी पवन कुमार को 10 साल की सजा और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जबकि सह-आरोपी हरिया को 3 साल की सजा सुनाई. हरिया को तुरंत बेल मिल गई. एपीपी महाराज सिंह ने बताया कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोर्ट में 19 गवाह और 17 दस्तावेज पेश किए गए.