भरतपुर. इन दिनों बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता मेयर अभिजीत कुमार जाटव का जमकर विरोध कर रहे हैं. इसका कारण है कि मेयर अभिजीत ने मायावती के खिलाफ राष्ट्रीय जाटव महासभा के व्हाट्सएप ग्रुप में एक टिप्पणी की थी. जिससे नाराज होकर बसपा के कार्यकर्ताओं ने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने विगत दिनों प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अपना बयान दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में अशांति का माहौल है और बसपा के 6 विधायकों को प्रलोभन देकर कांग्रेस में सम्मिलित कर लिया गया है, जो गैरकानूनी है. इसलिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना जरूरी है. मायावती के इस वक्तव्य के बाद भरतपुर नगर निगम के मेयर अजीत कुमार जाटव ने व्हाट्सएप ग्रुप में मायावती के खिलाफ टिप्पणी की.
मेयर ने यह भी लिखा था कि मायावती जी अब दलित आप के बहकावे में या खरीद-फरोख्त में नहीं आएंगे. बल्कि दलित अब जागरूक हो चुके हैं और अब आपके किसी भी बहकावे में नहीं आएंगे. वह स्वयं अपने हित का ख्याल रखकर जहां चाहे वहां वोट देंगे. इसके अलावा मेयर ने मायावती पर और भी कई तरह के गंभीर आरोप लगाए, जिससे नाराज होकर मंगलवार को बसपा के कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ की गई टिप्पणी के खिलाफ मेयर का विरोध जताया.
बसपा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती दलितों को ऊपर उठाने का काम करती हैं. लेकिन जिस तरह से बसपा के टिकट पर जीतने के बाद उनके छह विधायकों को प्रलोभन देकर अशोक गहलोत सरकार ने अपने में मिला लिया वह गैरकानूनी है. इसको लेकर मायावती ने मांग की थी कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. लेकिन जिस तरह से भरतपुर नगर निगम के मेयर का बयान आया है वह सरासर गलत है.
वहीं जब मेयर अभिजीत से उनके विरोध को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने गहलोत सरकार पर 6 विधायकों को पार्टी में मिलाने का आरोप लगाया है. लेकिन पहले स्पीकर दलबदल कानून के तहत 6 विधायकों का डिसाइड करे. मेयर ने बताया कि उनका कहना था कि जब पूरी पार्टी का एक विधायक दल होता है. जब उसमें कोई भी विलय हो जाता है तो वह दलबदल कानून के तहत नहीं आता. मेयर ने कहा कि मेरी इस टिप्पणी पर बसपा के कुछ दलाल किस्म के लोग है. उनको ये मेरी टिप्पणी गलत लग रही है. इसलिए वह विरोध प्रदर्शन कर रहे है.
जबकि बसपा सुप्रीमो ने कहा था राजस्थान में राष्ट्रपति शाशन लागू कर दिया जाए. राजस्थान में चुनी हुई सरकार है और सरकार के पास पूर्ण बहुमत है तो राष्ट्रपति शासन कैसे लागू हो सकता है. इससे पहले बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भी यह बयान दे चुके हैं कि सरकार आइसलेशन में है. इस बयान पर मेयर अभिजीत ने कहा कि बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा को ये भी नहीं पता होगा कि सरकार बनाने के लिए कितने एमएलए की जरूरत होती है.