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शहीद वीरसिंह का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि

डीग के सहारई निवासी हवलदार वीरसिंह असम में बांग्लादेश बॉर्डर पर शहीद हो गए. तीन दिन बाद शनिवार को शहीद वीरसिंह का पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंचा, जहां उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

cremated with military honors
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2024, 9:37 PM IST

डीग. जिले के सहारई ग्राम निवासी हवलदार वीरसिंह बांग्लादेश-इंडो बॉर्डर असम में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहीद वीरसिंह असम में 181 बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे, जहां बीते 4 जनवरी को ड्यूटी के दौरान वो शहीद हो गए. वहीं, मृत्यु के तीन दिन बाद उनके पार्थिव शरीर को 6 जनवरी को उनके पैतृक गांव सहारई लाया गया, जहां शव के पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई.

वहीं, डीग एसडीएम रवि गोयल, सीओ आशीष कुमार प्रजापत, सैनिकों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सैनिक, प्रशासनिक अधिकारियों व ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद हवलदार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

इसे भी पढ़ें - चित्तौड़गढ़ का सपूत मणिपुर में शहीद, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

शहीद वीरसिंह को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरे ग्रामवासियों की आंखे नम रही और सभी ने शहीद को नम आंखों से भावांजिल व श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद हवलदार वीरसिंह के दो बेटे हैं, जिनमें से बड़ा बेटा शिक्षक के पद पर सेवारत हैं. वहीं, शहीद के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. साथ ही पूरे गांव में शोक की लहर छाई हुई है. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि शहीद के परिजनों से मिलने के लिए लगातार जनप्रतिनिधियों के आने का सिलसिला जारी है, लेकिन फिलहाल तक किसी ने भी शहीद परिवार के मदद को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है.

डीग. जिले के सहारई ग्राम निवासी हवलदार वीरसिंह बांग्लादेश-इंडो बॉर्डर असम में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद हो गए. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहीद वीरसिंह असम में 181 बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे, जहां बीते 4 जनवरी को ड्यूटी के दौरान वो शहीद हो गए. वहीं, मृत्यु के तीन दिन बाद उनके पार्थिव शरीर को 6 जनवरी को उनके पैतृक गांव सहारई लाया गया, जहां शव के पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई.

वहीं, डीग एसडीएम रवि गोयल, सीओ आशीष कुमार प्रजापत, सैनिकों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद सैनिक, प्रशासनिक अधिकारियों व ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद हवलदार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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शहीद वीरसिंह को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरे ग्रामवासियों की आंखे नम रही और सभी ने शहीद को नम आंखों से भावांजिल व श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद हवलदार वीरसिंह के दो बेटे हैं, जिनमें से बड़ा बेटा शिक्षक के पद पर सेवारत हैं. वहीं, शहीद के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. साथ ही पूरे गांव में शोक की लहर छाई हुई है. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि शहीद के परिजनों से मिलने के लिए लगातार जनप्रतिनिधियों के आने का सिलसिला जारी है, लेकिन फिलहाल तक किसी ने भी शहीद परिवार के मदद को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है.

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