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डीग में महापंचायत आयोजित...खनन से हो रहे महाविनाश को रोकने पर चर्चा - अवैध खनन को रोकने के लिए महापंचायत

भरतपुर के डीग में अवैध खनन को रोकने के लिए सरपंच , संत और प्रतिष्ठित लोगों ने महापंचायत की. इस दौरान क्षेत्र में खनन से हो रहे महाविनाश को रोकने पर चर्चा की गई.

अवैध खनन को रोकने के लिए महापंचायत, Mahapanchayat to stop illegal mining
डीग में महापंचायत आयोजित
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Published : Dec 21, 2020, 1:43 PM IST

डीग (भरतपुर). क्षेत्र में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. खनन माफिया पुलिस से बैखोफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं. वहीं पुलिस प्रशासन का भी खनन माफियाओं पर कोई जोर दिखाई नहीं दे रहा है. इसके विरोध में सोमवार को सरपंच , संत और प्रतिष्ठित लोगों ने महापंचायत की.

डीग में महापंचायत आयोजित

इस दौरान क्षेत्र में खनन से हो रहे महाविनाश को रोकने पर चर्चा की गई. जहां उपस्थित लोगों ने अपने विचार रखे. इस अवसर पर संतों और उपस्थित लोगों ने कहा कि यहां स्थित वन और पहाड़ियां द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली रहे हैं, इसलिए वन और पहाड़ियां प्रकृति का हिस्सा और हमारी आस्था के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि अवैध खनन हमारी आस्था, पर्यावरण की क्षति और प्रकृति के साथ खिलवाड़ है. इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाऐगा.

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खास बात यह भी है कि उक्त पहाड़ियों के बीचों-बीच खनन विभाग का कार्यालय होने पर भी बेखौफ अवैध खनन हो रहा है. इस मौके पर महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि समस्त क्षेत्र को खनन मुक्त करना है, चाहे इसके लिए जन आंदोलन ही क्यों ना करना पड़े. इसके लिए गांव-गांव जाकर जन संपर्क करके आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया जाएगा. जिससे अवैध खनन को रोकने की प्रक्रिया जन सहयोग से पूर्णतः सफल हो सके. इस दौरान महापंचायत में मौजूद सरपंच और वरिष्ठ लोगों ने आंदोलन के लिए उपयुक्त स्थानों का निरीक्षण भी किया.

डीग (भरतपुर). क्षेत्र में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. खनन माफिया पुलिस से बैखोफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं. वहीं पुलिस प्रशासन का भी खनन माफियाओं पर कोई जोर दिखाई नहीं दे रहा है. इसके विरोध में सोमवार को सरपंच , संत और प्रतिष्ठित लोगों ने महापंचायत की.

डीग में महापंचायत आयोजित

इस दौरान क्षेत्र में खनन से हो रहे महाविनाश को रोकने पर चर्चा की गई. जहां उपस्थित लोगों ने अपने विचार रखे. इस अवसर पर संतों और उपस्थित लोगों ने कहा कि यहां स्थित वन और पहाड़ियां द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली रहे हैं, इसलिए वन और पहाड़ियां प्रकृति का हिस्सा और हमारी आस्था के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि अवैध खनन हमारी आस्था, पर्यावरण की क्षति और प्रकृति के साथ खिलवाड़ है. इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाऐगा.

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खास बात यह भी है कि उक्त पहाड़ियों के बीचों-बीच खनन विभाग का कार्यालय होने पर भी बेखौफ अवैध खनन हो रहा है. इस मौके पर महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि समस्त क्षेत्र को खनन मुक्त करना है, चाहे इसके लिए जन आंदोलन ही क्यों ना करना पड़े. इसके लिए गांव-गांव जाकर जन संपर्क करके आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया जाएगा. जिससे अवैध खनन को रोकने की प्रक्रिया जन सहयोग से पूर्णतः सफल हो सके. इस दौरान महापंचायत में मौजूद सरपंच और वरिष्ठ लोगों ने आंदोलन के लिए उपयुक्त स्थानों का निरीक्षण भी किया.

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