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MSJ कॉलेज की NAAC Grade गिरने से 4 साल में 8 करोड़ का नुकसान, अब ग्रेड सुधारने में जुटा प्रशासन... फिर से कराएंगे निरीक्षण

भरतपुर संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज को पिछले चार साल में करीब 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इसके पीछे की वजह कॉलेज को मिली सी (Fall in NAAC grade of Bharatpur MSJ College) ग्रेड है.

Fall in NAAC grade of Bharatpur MSJ College
Fall in NAAC grade of Bharatpur MSJ College
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Published : May 13, 2023, 5:07 PM IST

प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी

भरतपुर. कॉलेज प्रशासन की लापरवाही और अधूरी तैयारी के चलते संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज की करीब चार साल पहले नैक (NAAC) ग्रेड गिर गई. B+ ग्रेड से गिरकर कॉलेज को सी ग्रेड मिली. जिसका नतीजा ये हुआ कि हर साल कॉलेज विकास और यहां के शैक्षणिक स्तर को बेहतर करने के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपए की ग्रांट बंद हो गई. अब कॉलेज प्रशासन पिछली भूल को सुधारने और कॉलेज की ग्रेड को बेहतर करने के लिए फिर से नैक इंस्पेक्शन कराने की तैयारियों में जुटा है. यदि सबकुछ ठीक रहा तो कॉलेज को पुरानी ग्रेड B+ या उससे बेहतर ग्रेड मिल जाएगी. जिससे कॉलेज को फिर से यूजीसी ग्रांट मिलना शुरू हो सकेगी.

1.30 अंक से हाथ से निकल गई ग्रेड - प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि साल 2018 में कॉलेज में नैक इंस्पेक्शन हुआ था. उस समय कॉलेज की B+ ग्रेड थी. लेकिन इंस्पेक्शन के दौरान ग्रेड प्वाइंट औसत 1.99 ही मिले, जिसकी वजह से कॉलेज को सी ग्रेड दी गई. यदि 2 और ग्रेड प्वाइंट मिलते तो बी और 3.50 अंक मिलते तो B+ ग्रेड मिल जाती.

हर साल 2 करोड़ का नुकसान - प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि यदि कॉलेज को बी प्लस ग्रेड मिलती तो यूजीसी की तरफ से हर साल कॉलेज विकास और शैक्षणिक स्तर को बेहतर करने के लिए 2 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलती. लेकिन सी ग्रेड मिलने की वजह से कॉलेज को ग्रांट मिलना बंद हो गया. ऐसे में साल 2018 से अब तक कॉलेज को करीब 8 करोड़ रुपए की ग्रांट का नुकसान हुआ है.

इसे भी पढ़ें - स्पेशल: भरतपुर के MSJ कॉलेज में जल्द शुरू होगी स्मार्ट साइंस लैब, विद्यार्थी 3डी तकनीक से कर सकेंगे पढ़ाई

ग्रेड बेहतर करने के लिए प्रयास - प्राचार्य सोलंकी ने बताया कि नैक इंस्पेक्शन से पहले हम कॉलेज की कमियों को दूर करने में जुटे हुए हैं. जिन-जिन कामों से प्वाइंट मिल सकते हैं, वही विकास कार्य और शैक्षणिक कार्य कॉलेज में कराए जा रहे हैं.

सौर ऊर्जा : नैक ग्रेडिंग में सौर ऊर्जा के अलग से अंक हैं. ऐसे में कॉलेज की छत पर 25 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है. इससे हर दिन 100 यूनिट से अधिक बिजली उत्पन्न हो रही है.

ऑनलाइन लाइब्रेरी : कॉलेज पुस्तकालय को भी अपग्रेड किया गया है. लाइब्रेरी को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है.
38 प्रोफेसर : नैक ग्रेडिंग में रिसर्च पेपर के भी अंक दिए जाते हैं. अब कॉलेज में 38 प्रोफेसर प्रमोट हुए हैं. इससे अब कॉलेज में रिसर्च वर्क भी शुरू हो गया. जिससे ग्रेड सुधारने में मदद मिलेगी.

वर्ष जल संग्रह : कॉलेज में जल्द ही वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी कराया जाएगा. इसका भी नैक ग्रेडिंग में अलग से अंक मिलते हैं. 48 लाख से विकास कार्य कराए जाएंगे. इसके लिए यूआईटी को प्रपोजल तैयार कर के दिया है, जिसके तहत जल्द कार्य शुरू होंगे.

स्मार्ट लैब : कॉलेज में 3D साइंस लैब के साथ ही कई स्मार्ट लैब भी तैयार कराई गई है. इनका नैक इंस्पेक्शन के समय काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी

भरतपुर. कॉलेज प्रशासन की लापरवाही और अधूरी तैयारी के चलते संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज की करीब चार साल पहले नैक (NAAC) ग्रेड गिर गई. B+ ग्रेड से गिरकर कॉलेज को सी ग्रेड मिली. जिसका नतीजा ये हुआ कि हर साल कॉलेज विकास और यहां के शैक्षणिक स्तर को बेहतर करने के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपए की ग्रांट बंद हो गई. अब कॉलेज प्रशासन पिछली भूल को सुधारने और कॉलेज की ग्रेड को बेहतर करने के लिए फिर से नैक इंस्पेक्शन कराने की तैयारियों में जुटा है. यदि सबकुछ ठीक रहा तो कॉलेज को पुरानी ग्रेड B+ या उससे बेहतर ग्रेड मिल जाएगी. जिससे कॉलेज को फिर से यूजीसी ग्रांट मिलना शुरू हो सकेगी.

1.30 अंक से हाथ से निकल गई ग्रेड - प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि साल 2018 में कॉलेज में नैक इंस्पेक्शन हुआ था. उस समय कॉलेज की B+ ग्रेड थी. लेकिन इंस्पेक्शन के दौरान ग्रेड प्वाइंट औसत 1.99 ही मिले, जिसकी वजह से कॉलेज को सी ग्रेड दी गई. यदि 2 और ग्रेड प्वाइंट मिलते तो बी और 3.50 अंक मिलते तो B+ ग्रेड मिल जाती.

हर साल 2 करोड़ का नुकसान - प्राचार्य ओमप्रकाश सोलंकी ने बताया कि यदि कॉलेज को बी प्लस ग्रेड मिलती तो यूजीसी की तरफ से हर साल कॉलेज विकास और शैक्षणिक स्तर को बेहतर करने के लिए 2 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलती. लेकिन सी ग्रेड मिलने की वजह से कॉलेज को ग्रांट मिलना बंद हो गया. ऐसे में साल 2018 से अब तक कॉलेज को करीब 8 करोड़ रुपए की ग्रांट का नुकसान हुआ है.

इसे भी पढ़ें - स्पेशल: भरतपुर के MSJ कॉलेज में जल्द शुरू होगी स्मार्ट साइंस लैब, विद्यार्थी 3डी तकनीक से कर सकेंगे पढ़ाई

ग्रेड बेहतर करने के लिए प्रयास - प्राचार्य सोलंकी ने बताया कि नैक इंस्पेक्शन से पहले हम कॉलेज की कमियों को दूर करने में जुटे हुए हैं. जिन-जिन कामों से प्वाइंट मिल सकते हैं, वही विकास कार्य और शैक्षणिक कार्य कॉलेज में कराए जा रहे हैं.

सौर ऊर्जा : नैक ग्रेडिंग में सौर ऊर्जा के अलग से अंक हैं. ऐसे में कॉलेज की छत पर 25 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है. इससे हर दिन 100 यूनिट से अधिक बिजली उत्पन्न हो रही है.

ऑनलाइन लाइब्रेरी : कॉलेज पुस्तकालय को भी अपग्रेड किया गया है. लाइब्रेरी को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है.
38 प्रोफेसर : नैक ग्रेडिंग में रिसर्च पेपर के भी अंक दिए जाते हैं. अब कॉलेज में 38 प्रोफेसर प्रमोट हुए हैं. इससे अब कॉलेज में रिसर्च वर्क भी शुरू हो गया. जिससे ग्रेड सुधारने में मदद मिलेगी.

वर्ष जल संग्रह : कॉलेज में जल्द ही वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी कराया जाएगा. इसका भी नैक ग्रेडिंग में अलग से अंक मिलते हैं. 48 लाख से विकास कार्य कराए जाएंगे. इसके लिए यूआईटी को प्रपोजल तैयार कर के दिया है, जिसके तहत जल्द कार्य शुरू होंगे.

स्मार्ट लैब : कॉलेज में 3D साइंस लैब के साथ ही कई स्मार्ट लैब भी तैयार कराई गई है. इनका नैक इंस्पेक्शन के समय काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

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