ETV Bharat / state

35 साल बाद आए फैसले पर कृष्णेंद्र कौर बोलीं, 'आज का फैसला बहुत अच्छा, राजा मानसिंह व हरि सिंह को मिला न्याय'

author img

By

Published : Jul 21, 2020, 3:17 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 6:09 AM IST

बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में 35 साल बाद मंगलवार को कोर्ट का फैसला आ गया. इस फैसले को लेकर राजा मानसिंह की बेटी ने कहा कि वो इस फैसले से संतुष्ट हैं और लंबे समय के बाद न्याय मिलने के बाद भरतपुर की जनता भी खुश है.

rajasthan news, राजा मानसिंह हत्याकांड
राजा मानसिंह की बेटी बोली न्याय मिला

भरतपुर. बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में 35 साल बाद आखिर 11 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना है. राजा मानसिंह की बेटी व पूर्व मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह ने कहा कि राजा मानसिंह को न्याय मिल गया है और उनके हत्यारों को सजा. वे न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं.

फैसले पर राजा मानसिंह की बेटी का बयान

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा न्यायालय में इसको लेकर फैसला हुआ. न्यायालय ने राजा मानसिंह हत्याकांड में तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 11 लोगों को आरोपी मानते हुए सजा सुनाई है. आरोपियों की सजा को लेकर न्यायालय में बुधवार को बहस होगी.

अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह, जीवनराम, जगमोहन, भंवर सिंह, हरि सिंह, शेर सिंह, छतर सिंह, पदमाराम और रवि शेखर मिश्रा को 148, 149, 302 में सजा हुई है.

सजा के प्रश्न पर बुधवार को कोर्ट में बहस होगी. अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने तीन को बरी किया है. इनमें हरिकिशन, गोविंदराम, कान सिंह सिरवी शामिल हैं. इन पर कागजों को उलटफेर करने का आरोप था.

क्या था मामला...

20 फरवरी 1985 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र सिंह के समर्थन में डीग में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे. उस समय राजा मान सिंह का हनुमान जी की तस्वीर वाला पीले रंग का झंडा डीग के किले की लक्खा बुर्ज पर लहराता था. उस समय किसी कांग्रेसी समर्थक ने वो झंडा हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया. जिसके बाद किसी समर्थक ने राजा मानसिंह को घटनाक्रम की जानकारी दी. इससे राजा मान सिंह काफी नाराज हुए.

यह भी पढ़ें. LIVE : पायलट की याचिका सुनवाई 2 बजे तक स्थगित, विधायक दल की बैठक शुरू

लक्ष्मण मंदिर के पास मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का मंच लगाया गया था और मुख्यमंत्री कस्बा में जनसंपर्क कर रहे थे. इस दौरान राजा मान सिंह ने अपनी जीप (जोंगा) से टक्कर मारकर मंच तोड़ दिया था. इससे वहां लोगों में हड़कंप मच गया. उसके बाद डीग के स्कूल में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर खड़ा था. उसे भी जोंगा से क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना से मुख्यमंत्री माथुर काफी नाराज हुए और राजा मानसिंह के खिलाफ FIR दर्ज करा दी.

यह भी पढ़ें. CBI पर भरोसा नहीं, इसलिए SOG से करवा रहे जांचः खाचरियावास

अगले दिन 21 फरवरी को राजा मान सिंह वपन समर्थकों के साथ जोंगा से कोतवाली थाना जा रहे थे. उस समय पुलिस ने इनके जोंगा को घेर लिया और गोलीबारी कर दी. जिसमें राजा मानसिंह, सुमेर सिंह और हरि सिंह मारे गए. जिसके बाद राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई.

जिसमें तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत एसआई रवि शेखर मिश्रा, सुखराम, जीवन राम, हरि सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, हरिकिशन, गोविंद प्रसाद, नेकी राम, सीता राम और कुलदीप को आरोपी बनाया था.

भरतपुर. बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में 35 साल बाद आखिर 11 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना है. राजा मानसिंह की बेटी व पूर्व मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह ने कहा कि राजा मानसिंह को न्याय मिल गया है और उनके हत्यारों को सजा. वे न्यायालय के फैसले से संतुष्ट हैं.

फैसले पर राजा मानसिंह की बेटी का बयान

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा न्यायालय में इसको लेकर फैसला हुआ. न्यायालय ने राजा मानसिंह हत्याकांड में तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 11 लोगों को आरोपी मानते हुए सजा सुनाई है. आरोपियों की सजा को लेकर न्यायालय में बुधवार को बहस होगी.

अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह, जीवनराम, जगमोहन, भंवर सिंह, हरि सिंह, शेर सिंह, छतर सिंह, पदमाराम और रवि शेखर मिश्रा को 148, 149, 302 में सजा हुई है.

सजा के प्रश्न पर बुधवार को कोर्ट में बहस होगी. अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने तीन को बरी किया है. इनमें हरिकिशन, गोविंदराम, कान सिंह सिरवी शामिल हैं. इन पर कागजों को उलटफेर करने का आरोप था.

क्या था मामला...

20 फरवरी 1985 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर कांग्रेस प्रत्याशी विजेंद्र सिंह के समर्थन में डीग में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे. उस समय राजा मान सिंह का हनुमान जी की तस्वीर वाला पीले रंग का झंडा डीग के किले की लक्खा बुर्ज पर लहराता था. उस समय किसी कांग्रेसी समर्थक ने वो झंडा हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया. जिसके बाद किसी समर्थक ने राजा मानसिंह को घटनाक्रम की जानकारी दी. इससे राजा मान सिंह काफी नाराज हुए.

यह भी पढ़ें. LIVE : पायलट की याचिका सुनवाई 2 बजे तक स्थगित, विधायक दल की बैठक शुरू

लक्ष्मण मंदिर के पास मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का मंच लगाया गया था और मुख्यमंत्री कस्बा में जनसंपर्क कर रहे थे. इस दौरान राजा मान सिंह ने अपनी जीप (जोंगा) से टक्कर मारकर मंच तोड़ दिया था. इससे वहां लोगों में हड़कंप मच गया. उसके बाद डीग के स्कूल में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर खड़ा था. उसे भी जोंगा से क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना से मुख्यमंत्री माथुर काफी नाराज हुए और राजा मानसिंह के खिलाफ FIR दर्ज करा दी.

यह भी पढ़ें. CBI पर भरोसा नहीं, इसलिए SOG से करवा रहे जांचः खाचरियावास

अगले दिन 21 फरवरी को राजा मान सिंह वपन समर्थकों के साथ जोंगा से कोतवाली थाना जा रहे थे. उस समय पुलिस ने इनके जोंगा को घेर लिया और गोलीबारी कर दी. जिसमें राजा मानसिंह, सुमेर सिंह और हरि सिंह मारे गए. जिसके बाद राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई.

जिसमें तत्कालीन डीएसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत एसआई रवि शेखर मिश्रा, सुखराम, जीवन राम, हरि सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, हरिकिशन, गोविंद प्रसाद, नेकी राम, सीता राम और कुलदीप को आरोपी बनाया था.

Last Updated : Jul 22, 2020, 6:09 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.