भरतपुर. क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पंच तत्व से बना शरीरा. शास्त्रों के अनुसार शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है. प्रत्येक व्यक्ति की राशि के अनुरूप पांच में से एक तत्व जातक का होता है. जातक को अपने तत्व यानी देवता का पता कर विधिपूर्वक पूजा और दान करना चाहिए. इससे जीवन सुखमय के साथ ही समृद्ध बनता है.
अग्नि देव को ऐसे करें प्रसन्न- वैदिक पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि मेष, सिंह और धनु राशि के जातक का अग्नि देव तत्व होता है. इस राशि के जातकों को अग्नि से संबंधित लकड़ी, मिट्टी का तेल, घरेलू गैस आदि का दान करना चाहिए. इससे जातक के जीवन की सभी बुराइयां और उनके नकारात्मक प्रभाव जल कर नष्ट हो जाते हैं.
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भूमि की पूजा कर बढ़ाएं सहनशीलता- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि वृष, कन्या और मकर राशि के तत्व भूमि हैं. जातकों को चाहिए कि वो अपने घर और आसपास की भूमि को पवित्र रखें. जिस स्थान पर जातक बैठें उसे साफ सुथरा बना लें. साथ ही भूमि को सुदृढ़ बनाने के लिए पौधरोपण करें. इससे जातक के जीवन में साहस, धैर्य और सहनशीलता बढ़ेगी.
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वायु से शीतलता- मिथुन, तुला और कुंभ राशि के जातकों का तत्व वायु देव हैं. इस राशि के जातक अपने घर, ऑफिस की वायु को शुद्ध रखें. इसके लिए घर में सुगंधित धूप, अगरबत्ती जलाएं, कार्यालय में इत्र आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को शीतलता प्राप्त होगी और सकारात्मक विचार आएंगे, जिससे जीवन को सही दिशा मिलेगी.
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जल से सुख, शांति- कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के तत्व जल देवता हैं. जातकों को जल का दान करना चाहिए. प्यासे को जल पिलाना चाहिए. इससे इष्टदेव और पितृ संतुष्ट और तृप्त होते हैं. इष्ट और पितृ ऐसे जातक के जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर कर जीवन में सुख, शांति प्रदान करते हैं.
जीवन की रिक्तता भरेगा आकाश- मानव शरीर के निर्माण में आकाश तत्व का महत्वपूर्ण योगदान होता है. यह मनुष्य के शरीर में आत्मा के रूप में मौजूद रहता है. शरीर के रिक्त स्थान जैसे कि आंख, कान, नांक और मुंह के रिक्त स्थान आकाश के प्रतीक हैं. मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की पूजा कर आकाश तत्व की भी पूजा कर सकते हैं. इससे जीवन की रिक्तता भर जाती है.