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सरकारी स्कूल के अध्यापकों की लापरवाही की भेंट चढ़ी नन्ही जान

भरतपुर के गाजीपुर गांव में सरकारी स्कूल की कक्षा 3 की छात्रा की जहरीला कीड़ा काटने के कारण मौत हो गई. क्लास में टूटे फर्श से निकले कीड़े ने मासूम को पैर में काट लिया. लेकिन अध्यापक उसे झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास गए और जहां तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लेकर गए.

अध्यापकों की लापरवाही के कारण मासूम की मौत
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Published : Jul 22, 2019, 7:21 PM IST

भरतपुर. जिले के गाजीपुर गांव में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 7 साल की छात्रा नेहा की अध्यापकों की लापरवाही की कारण मौत हो गई. दरअसल कक्षा 3 की छात्रा नेहा सोमवार को स्कूल में अपनी क्लास में बैठी थी. इस दौरान क्लास में टूटे फर्श में से कोई जहरीला कीड़ा निकला और नेहा के पैर पर काट गया. कीड़े के काटने पर नेहा ने शोर मचाया. क्लास में मौजूद टीचर ने देखा तो नेहा के पैर से खून निकल रहा था. इसके बाद अध्यापक नेहा को लेकर उसके घर गए और उसके पिता को साथ लेकर पहले झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास पहुंचे. वहां कोई फायदा नहीं होने पर उसे लेकर नदबई अस्पताल गए.

innocent student of government school died due to cutting by poisonous worm

नदबई अस्पताल पहुंचने तक नेहा की हालत काफी बिगड़ चुकी थी. जहां डॉक्टर्स ने चेकअप के बाद उसे भरतपुर के आरबीएम अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन भरतपुर ले जाते समय रास्ते में ही नेहा ने दम तोड़ दिया. स्कूल के अध्यापकों ने बताया कि स्कूल का फर्श काफई पहले से टूटा हुआ है. लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हुई. अब यह सवाल उठता है कि बारिश के दिनों में कीड़े निकलते रहते हैं. ऐसे में टूटे फर्श की मरम्मत क्यों नहीं हुई. अगर समय पर टूटे फर्श की मरम्मत हो जाती तो मासूम छात्रा की जान बच सकती थी.

भरतपुर. जिले के गाजीपुर गांव में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 7 साल की छात्रा नेहा की अध्यापकों की लापरवाही की कारण मौत हो गई. दरअसल कक्षा 3 की छात्रा नेहा सोमवार को स्कूल में अपनी क्लास में बैठी थी. इस दौरान क्लास में टूटे फर्श में से कोई जहरीला कीड़ा निकला और नेहा के पैर पर काट गया. कीड़े के काटने पर नेहा ने शोर मचाया. क्लास में मौजूद टीचर ने देखा तो नेहा के पैर से खून निकल रहा था. इसके बाद अध्यापक नेहा को लेकर उसके घर गए और उसके पिता को साथ लेकर पहले झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास पहुंचे. वहां कोई फायदा नहीं होने पर उसे लेकर नदबई अस्पताल गए.

innocent student of government school died due to cutting by poisonous worm

नदबई अस्पताल पहुंचने तक नेहा की हालत काफी बिगड़ चुकी थी. जहां डॉक्टर्स ने चेकअप के बाद उसे भरतपुर के आरबीएम अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन भरतपुर ले जाते समय रास्ते में ही नेहा ने दम तोड़ दिया. स्कूल के अध्यापकों ने बताया कि स्कूल का फर्श काफई पहले से टूटा हुआ है. लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हुई. अब यह सवाल उठता है कि बारिश के दिनों में कीड़े निकलते रहते हैं. ऐसे में टूटे फर्श की मरम्मत क्यों नहीं हुई. अगर समय पर टूटे फर्श की मरम्मत हो जाती तो मासूम छात्रा की जान बच सकती थी.

Intro:भरतपुर
Summery- सरकारी स्कूल की क्लास में काटा बच्ची को कीड़ा, बच्ची की हुई मौत, कक्षा 03 में पढ़ती थी 07 साल को नेहा, सुबह स्कूल गई पड़ने, लेकिन बच्ची की लाश आई घर
एंकर- भरतपुर में गाजीपुर गाँव के एक सरकारी स्कूल में नेहा नाम की बच्ची को क्लास में कीड़ा काट गया। जिसमें उसकी भरतपुर लाते लाते मौत हो गई। 
  नेहा के पिता ने बताया कि सुबह नेहा घर से स्कूल में पड़ने के लिए गई थी। लेकिन जब वह क्लास में पड़ रही थी तो क्लास के टूटे हुए फर्श में से एक कीड़ा निकला और नेहा के पैर में काट गया। कीड़े के काटते ही नेहा ने शोर मचाया। क्लास में मौजूद अध्यापक नेहा के पास गए तो उसके पैर से खून निकल रहे थे। तभी स्कूल के सभी अध्यापक उसे लेकर उसके घर पहुँचे। और उसके पिता को साथ लेकर पहले झाड़फूंक करने वाले के पास गए और जब वहां फायदा नहीं हुआ तो वहाँ से नदवई के अस्पताल लेकर पहुँचे लेकिन जब तक नेहा की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। नदवई के अस्पताल से नेहा को भरतपुर के आरबीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन उसने रास्ते मे दम तोड़ दिया। नेहा की एक और छोटी बहन है।
     स्कूल के अध्यापकों से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल का फर्श टूटा हुआ है। अब सवाल ये उठता है कि क्लास में पहली बार तो कीड़ा नही निकला होगा इससे पहले भी क्लास में कीड़ा निकला होगा। लेकिन जब अध्यापको ने इस गौर नही किया। अगर उस समय गौर कर लिया होता तो शायद नेहा की जान नही जाती। और अगर फर्श टूटा भी हुआ था तो उसकी समय रहते मरम्मत क्यों नही हुई। 
बाइट- सोहन सिंह, नेहा का पिता
बाइट- लाखन सिंह, अध्यापक


Body:सरकारी स्कूल के अध्यापकों की लापरवाही की भेंट चढ़ी नन्ही जान


Conclusion:
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