भरतपुर. सरकार और पुलिस प्रशासन की लगातार कोशिशों के बावजूद अवैध बजरी खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है. संभाग के धौलपुर जिले में भी धड़ल्ले से चंबल नदी के किनारों से अवैध रूप से बजरी खनन कर परिवहन किया जा रहा है. बजरी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि संभाग में बीते तीन साल में बजरी माफियाओं ने पुलिस पर 82 बार फायरिंग और हमले किए हैं.
हालात ये हैं कि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बॉर्डर वाला क्षेत्र होने की वजह से बजरी माफिया आसानी से हमला कर पड़ोसी राज्यों में भाग जाते हैं. धौलपुर जिले में चंबल नदी के तटों पर धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन जारी है. ईटीवी भारत ने कुछ वाइल्डलाइफर की मदद से चंबल किनारे हो रहे अवैध बजरी खनन के लाइव वीडियो कैमरे में कैद किए हैं. जेसीबी की मदद से कई ट्रैक्टर-ट्रॉली दिन के उजाले में अवैध बजरी खनन कर परिवहन करते नजर आ रहे हैं.
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पुलिस पर हमला कर भाग जाते हैं पड़ोसी राज्य: चंबल में अवैध बजरी खनन और परिवहन पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. लेकिन बजरी माफिया पुलिस को देखकर कई बार हमला कर देते हैं. कई बार तो पुलिस पर फायरिंग तक कर देते हैं. कई मौकों पर पुलिस बजरी माफियाओं को पकड़ने में भी सफल हुई है. बावजूद इसके अवैध बजरी खनन और परिवहन पर लगाम नहीं लग पा रही है.
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तीन साल में 82 बार पुलिस पर हमले: संभाग के भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर और करौली जिलों में बजरी माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि बीते तीन साल में (1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2022 तक) पुलिस पर 82 बार हमले और फायरिंग की घटनाएं हुई हैं. धौलपुर में 37 बार, सवाई माधोपुर में 21 बार, भरतपुर में 13 बार और करौली में 11 बार पुलिस पर हमले और फायरिंग हुई.
प्रदेश के हालात भी खराब: भरतपुर संभाग के साथ ही पूरे प्रदेश में अवैध बजरी खनन को लेकर हालात खराब हैं. 3 साल के दौरान पूरे प्रदेश में 263 बार बजरी माफियाओं द्वारा पुलिस पर हमले और फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिया गया. हालांकि पुलिस ने भी बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर 838 आरोपियों को गिरफ्तार किया.