भरतपुर. आज हर तरफ इंसान धर्म और जातियों में बंट रहा है और इंसानियत का धर्म भूलता जा रहा है. राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भी धार्मिक वैमनस्यता का जहर लोगों में घोला जा रहा है, लेकिन भरतपुर शहर में एक स्थान ऐसा है, जहां धर्म के सारे बंधन टूट जाते हैं. लोग धार्मिक भेदभाव को भूलकर यहां पहुंचते हैं और सर्वधर्म संभाव का उदाहरण पेश करते हैं. भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस धार्मिक स्थल पर मजार भी है. शिवजी और भैरव नाथ का मंदिर भी है.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब एक किलोमीटर के अंदर बाबा सीताराम की बगीची के पास एक धार्मिक स्थान है. यहां नारंगी बाबा ( घने वाले बाबा) की मजार, शिवजी और भैरवनाथ का छोटा मंदिर स्थित है. ये सभी एक ही स्थान पर स्थित हैं और इनके बीच कोई दीवार नहीं है.
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मथुरा से चादर चढ़ाने पहुंचा सचिन...
जब ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची तो दो लोग यहां आराधना कर रहे थे. उन्होंने मजार पर चादर चढ़ाने के बाद शिवजी और भैरवनाथ के मंदिर में भी पूजा की. पूछने पर पता चला, कि मथुरा निवासी सचिन ( हिन्दू) अपने मित्र के साथ यहां नारंगी बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने आया है. सचिन ने बताया, कि एक बार घना घूमने आया था, तभी यहां कोई मुराद मांगी थी, जिसके पूरा होने पर वो मजार पर आया है.
हर दिन आते हैं दर्जनों श्रद्धालु...
शहर निवासी रिंकू ने बताया, कि यहां हर दिन दर्जनों श्रद्धालु आते हैं. खुद रिंकू हर गुरुवार को यहां आता है. मजार और मंदिर पर पूजा करता है. उसने बताया, कि यहां उर्स भी लगता है, जिसमें दूरदराज के हर धर्म के श्रद्धालु यहां आते हैं और चादर चढ़ाकर, पूजा कर मन्नत मांगते हैं.