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स्पेशल: यहां एक ही जगह मंदिर और मजार, बीच में नहीं कोई दीवार - धार्मिक स्थल

भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धार्मिक स्थल पर मजार के साथ ही शिवजी और भैरव नाथ का मंदिर भी है. खास बात ये है, कि मजार और मंदिर के बीच कोई दीवार भी नहीं है.

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मजार के साथ ही मंदिर
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Published : Jan 1, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Jan 1, 2020, 12:55 PM IST

भरतपुर. आज हर तरफ इंसान धर्म और जातियों में बंट रहा है और इंसानियत का धर्म भूलता जा रहा है. राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भी धार्मिक वैमनस्यता का जहर लोगों में घोला जा रहा है, लेकिन भरतपुर शहर में एक स्थान ऐसा है, जहां धर्म के सारे बंधन टूट जाते हैं. लोग धार्मिक भेदभाव को भूलकर यहां पहुंचते हैं और सर्वधर्म संभाव का उदाहरण पेश करते हैं. भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस धार्मिक स्थल पर मजार भी है. शिवजी और भैरव नाथ का मंदिर भी है.

मजार के साथ ही मंदिर

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब एक किलोमीटर के अंदर बाबा सीताराम की बगीची के पास एक धार्मिक स्थान है. यहां नारंगी बाबा ( घने वाले बाबा) की मजार, शिवजी और भैरवनाथ का छोटा मंदिर स्थित है. ये सभी एक ही स्थान पर स्थित हैं और इनके बीच कोई दीवार नहीं है.

पढ़ेंः भरतपुरः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने किया कार्यक्रम का आयोजन, नाशा मुक्ति का दिया संदेश

मथुरा से चादर चढ़ाने पहुंचा सचिन...

जब ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची तो दो लोग यहां आराधना कर रहे थे. उन्होंने मजार पर चादर चढ़ाने के बाद शिवजी और भैरवनाथ के मंदिर में भी पूजा की. पूछने पर पता चला, कि मथुरा निवासी सचिन ( हिन्दू) अपने मित्र के साथ यहां नारंगी बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने आया है. सचिन ने बताया, कि एक बार घना घूमने आया था, तभी यहां कोई मुराद मांगी थी, जिसके पूरा होने पर वो मजार पर आया है.

हर दिन आते हैं दर्जनों श्रद्धालु...

शहर निवासी रिंकू ने बताया, कि यहां हर दिन दर्जनों श्रद्धालु आते हैं. खुद रिंकू हर गुरुवार को यहां आता है. मजार और मंदिर पर पूजा करता है. उसने बताया, कि यहां उर्स भी लगता है, जिसमें दूरदराज के हर धर्म के श्रद्धालु यहां आते हैं और चादर चढ़ाकर, पूजा कर मन्नत मांगते हैं.

भरतपुर. आज हर तरफ इंसान धर्म और जातियों में बंट रहा है और इंसानियत का धर्म भूलता जा रहा है. राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भी धार्मिक वैमनस्यता का जहर लोगों में घोला जा रहा है, लेकिन भरतपुर शहर में एक स्थान ऐसा है, जहां धर्म के सारे बंधन टूट जाते हैं. लोग धार्मिक भेदभाव को भूलकर यहां पहुंचते हैं और सर्वधर्म संभाव का उदाहरण पेश करते हैं. भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस धार्मिक स्थल पर मजार भी है. शिवजी और भैरव नाथ का मंदिर भी है.

मजार के साथ ही मंदिर

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब एक किलोमीटर के अंदर बाबा सीताराम की बगीची के पास एक धार्मिक स्थान है. यहां नारंगी बाबा ( घने वाले बाबा) की मजार, शिवजी और भैरवनाथ का छोटा मंदिर स्थित है. ये सभी एक ही स्थान पर स्थित हैं और इनके बीच कोई दीवार नहीं है.

पढ़ेंः भरतपुरः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने किया कार्यक्रम का आयोजन, नाशा मुक्ति का दिया संदेश

मथुरा से चादर चढ़ाने पहुंचा सचिन...

जब ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची तो दो लोग यहां आराधना कर रहे थे. उन्होंने मजार पर चादर चढ़ाने के बाद शिवजी और भैरवनाथ के मंदिर में भी पूजा की. पूछने पर पता चला, कि मथुरा निवासी सचिन ( हिन्दू) अपने मित्र के साथ यहां नारंगी बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने आया है. सचिन ने बताया, कि एक बार घना घूमने आया था, तभी यहां कोई मुराद मांगी थी, जिसके पूरा होने पर वो मजार पर आया है.

हर दिन आते हैं दर्जनों श्रद्धालु...

शहर निवासी रिंकू ने बताया, कि यहां हर दिन दर्जनों श्रद्धालु आते हैं. खुद रिंकू हर गुरुवार को यहां आता है. मजार और मंदिर पर पूजा करता है. उसने बताया, कि यहां उर्स भी लगता है, जिसमें दूरदराज के हर धर्म के श्रद्धालु यहां आते हैं और चादर चढ़ाकर, पूजा कर मन्नत मांगते हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी
भरतपुर.
आज हर तरफ इंसान धर्म और जातियों में बंट रहा है और इंसानियत का धर्म भूलता जा रहा है। राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भी धार्मिक वैमनस्यता का जहर लोगों में घोला जा रहा है लेकिन भरतपुर शहर में एक स्थान ऐसा है जहां धर्म के सारे बंधन टूट जाते हैं। लोग धार्मिक भेदभाव को भूलकर यहां पहुंचते हैं और सर्वधर्म समभाव का उदाहरण पेश करते हैं। जी हां भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस धार्मिक स्थल पर मजार भी है और शिवजी व भैरव नाथ का मंदिर भी। इतना ही नहीं इन मजार और मंदिर के बीच कोई दीवार भी नहीं है।


Body:हिन्दू चढ़ाते हैं मजार पर चादर, मुस्लिम करते हैं भोले की आराधना
असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में करीब एक किलोमीटर अंदर बाबा सीताराम की बगीची के पास एक धार्मिक स्थान है। यहां नारंगी बाबा ( घने वाले बाबा) की मजार, शिवजी और भैरवनाथ का छोटा मंदिर स्थित है। ये सभी एक ही स्थान पर स्थित हैं और इनके बीच कोई दीवार नहीं है। ऐसे में यहां मुस्लिम लोग मजार पर माथा टिकाने के साथ ही भोले और भैरव की आराधना भी करते हैं। वहीं हिन्दू सम्प्रदाय के लोग शिवजी और भैरवनाथ की आराधना जे साथ ही मजार पर चादर भी चढ़ाते हैं।

मथुरा से चादर चढ़ाने पहुंचा सचिन
जब ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची तो दो लोग यहां आराधना कर रहे थे। उन्होंने मजार पर चादर चढ़ाने के बाद शिवजी और भैरवनाथ के मंदिर में भी पूजा की। पूछने पर पता चला कि मथुरा निवासी सचिन ( हिन्दू) अपने मित्र के साथ यहां नारंगी बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने आया है। सचिन ने बताया कि एक बार घना घूमने आया था तभी यहां कोई मुराद मांगी थी, जिसके पूरा जोन पर वो मजार पर आया है।



Conclusion:हर दिन आते हैं दर्जनों श्रद्धालु
शहर निवासी रिंकू ने बताया कि यहां हर दिन दर्जनों श्रद्धालु आते हैं। खुद रिंकू हर गुरुवार को यहां आता है और मजार और मंदिर पर पूजा करता है। उसने बताया कि यहां उर्स भी लगता है, जिसमे दूरदराज के हर धर्म के श्रद्धालु यहां आते हैं और चादर चढ़ाकर व पूजा कर मन्नत मांगते हैं।

बाईट- सचिन (सिर पर कपड़ा बांधे हुए)
बाईट 2- रिंकू

सादर
श्यामवीर सिंह
Last Updated : Jan 1, 2020, 12:55 PM IST
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