जयपुर. राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की 'आग' फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है. हालांकि, समाज के एक गुट ने शनिवार यानी 31 अक्टूबर को जयपुर जाकर सरकार के साथ वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया था. जबकि दूसरे धड़ा आज यानी 1 नवंबर को पहले से प्रस्तावित आंदोलन के अनुसार बयाना के पीलूपुरा में रेल पटरियों पर बैठ गया और हंगामा शुरू कर दिया. वहीं, गहलोत सरकार की ओर से भरतपुर एसडीएम संजय गोयल एक नया समझौता प्रस्ताव लेकर गुर्जरों के बीच पहुंचे, लेकिन गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस पर सहमति जताने से इनकार कर दिया है. देखिये इस मुद्दे से जुड़ी अब तक की अपडेट...
मंत्री अशोक चांदना जयपुर रवाना
रविवार रात को हिंडौन पहुंचे मंत्री अशोक चांदना से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद मंत्री अशोक चांदना बयाना के लिए रवाना हुए. लेकिन बयाना के लिए निकले चांदना को बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसा अज्ञात लोगों की ओर से चांदना को हमले की सूचना मिली थी. इसके बाद मंत्री अशोक चांदना अब जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं. बता दें, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह से मिलने चांदना बयाना जा रहे थे.
गुर्जर समाज में पड़ी फूट
आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा गुर्जर समाज दो गुटों में बंट गया है. समाज के एक गुट ने शनिवार को जयपुर जाकर सरकार के साथ वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया है. वहीं, गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने कहा कि रविवार को भरतपुर जिले के पीलू का पुरा में समाज की महापंचायत होगी. वहीं, पर आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद प्रस्तावित आंदोलन के अनुसार बयाना के पीलूपुरा में गुर्जर समाज के लोग रेल पटरियों पर बैठ गया और हंगामा शुरू कर दिया.
नया समझौता प्रस्ताव लेकर पहुंचे भरतपुर SDM
गहलोत सरकार की ओर से भरतपुर एसडीएम संजय गोयल एक नया समझौता प्रस्ताव लेकर गुर्जरों के बीच पहुंचे, लेकिन गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस सहमति को मानने से इनकार कर दिया है. प्रस्ताव में बैकलॉग भर्तियों और पंचायत की कई मांगों का जिक्र नहीं होने की वजह से उसे मानने से इनकार कर दिया.
गुर्जरों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है. समाज के लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर शुरुआत में 200-250 गुर्जर समाज के लोग जमा हुए और इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. शांतिपूर्ण आंदोलन का दावा करने वाले गुर्जर समाज ने पटरियों को उखाड़ना शुरू कर दिया है. इसके अलावा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और विजय बैंसला अन्य जिलों के गुर्जरों को सड़कों पर जाम लगाने के लिए आह्वान करते दिखाई दिए.
बाड़ी-करौली रूट की बसों का संचालन बंद
धौलपुर रोडवेज आगार के प्रबंधक प्रमोद पांडे ने बताया कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन को देखते हुए बाड़ी-करौली सड़क मार्ग पर चलने वाली रोडवेज बसों के संचालन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इस इलाके में सबसे अधिक गुर्जर बाहुल्य गांव पड़ते हैं. इसके अलावा आधा दर्जन रोडवेज बसों के संचालन को अन्य रूटों से निरस्त किया है.
गुर्जर आंदोलन के कारण रेल यातायात प्रभावित
गुर्जर आंदोलन के कारण रेल यातायात प्रभावित हो गया है. हिंडौन सिटी-बयाना रेलखंड पर रेल यातायात अवरुद्ध होने के कारण गाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. गुर्जर आंदोलन को देखते हुए इस रूट पर चलने वाली करीब एक दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गए हैं, जिनमें जनशताब्दी, अंबाला, गोल्डन टेंपल और कोटा-निजामुद्दीन शामिल है. कोटा मंडल रेलवे ने भी लंबी दूरी की ट्रेनों को डायवर्ट करने का काम शुरू कर दिया है.
इंटरनेट पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाई
गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले के गुर्जर बाहुल्य इलाकों में इंटरनेट पर प्रतिबंध 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है. यह प्रतिबंध 1 नवंबर शाम 6 बजे से 2 नवंबर शाम 6 बजे तक 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है. संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने कोटपुतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर, जमवारामगढ़ के अलावा फागी, माधोराजपुरा, दूदू और मोजमाबाद में भी इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया है.
गुर्जर आंदोलन को लेकर सरकार खुले मन से कर रही काम: CS निरंजन आर्य
गुर्जर आंदोलन और इससे जुड़े आरक्षण के मामले को लेकर प्रदेश के नए मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सरकार गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से खुले मन से लगातार वार्ता कर रही है. मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है. यह कोशिश की जा रही है कि बातचीत के जरिए मामले को खत्म किया जाए.