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विजय बैंसला ने राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के विरोध का किया एलान, जानिए क्यों

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने का एलान (Vijay Bainsla on Bharat Jodo Yatra) किया है. उन्होंने कहा कि अगर 20 दिन में हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.

Vijay Bainsla on Bharat Jodo Yatra
विजय बैंसला
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Published : Nov 14, 2022, 2:23 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 1:22 PM IST

भरतपुर. दिसंबर के पहले सप्ताह में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान प्रवेश करने वाली (Bharat Jodo Yatra in Rajasthan) है. लेकिन उससे पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली चुनौती दे दी है. विजय बैंसला ने साफ कहा (Vijay Bainsla on Bharat Jodo Yatra) है कि राजस्थान सरकार के पास 20 दिन का वक्त है. यदि 20 दिन में राजस्थान सरकार अपने वादे के अनुसार हमारी मांगे पूरी कर देती है तो मैं खुद राहुल गांधी का सबसे पहले स्वागत करने पहुंचूंगा. अन्यथा समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.

ये हैं गुर्जर समाज की मांग- विजय बैंसला ने बताया कि राजस्थान सरकार के साथ वर्ष 2019 और 2020 में दो बार समझौते हुए. समझौते के तहत राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए, वर्ष 2013 से 2018 तक की भर्ती के बैकलॉग पर कुछ नहीं किया, प्रक्रियाधीन भारतीयों पर भी 5% आरक्षण को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया. साथ ही समाज के 233 अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश रद्द कर दिए. देवनारायण छात्रवृत्ति योजना के तहत सेंशन 13 हजार छात्रवृत्तियां रोक रखी हैं. राजस्थान सरकार गुर्जर समाज के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

बैंसला ने राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के विरोध का किया एलान

पढ़ें- बैंसला की गहलोत सरकार को चेतावनी, कहा- 'समझौता' पूरा नहीं हुआ...भारत जोड़ो यात्रा का करेंगे विरोध

सरकार हमें उल्लू बना रही- विजय बैंसला ने कहा कि बैकलॉग देने की बात मैं नहीं कर रहा बल्कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में यह बात लिखी थी, जिसमें गांधी परिवार के सभी लोगों की फोटो भी लगे हुए थे. या तो वो मेनिफेस्टो झूठा था या फिर सरकार हमें उल्लू बनाने का काम कर रही है. बीते दिनों में कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ और अन्य उच्च अधिकारियों से भी मिलकर आया. हमारी तो बस इतनी मांग है कि सरकार ने खुद अपने हाथों से जो समझौता किया है बस उसका क्रियान्वयन कर दो.

हमारे बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा- बैंसला ने कहा कि सरकार का 1 साल बचा है. इसके बाद सरकार कहेगी की आचार संहिता लग गई. हमारे बच्चों का भविष्य तो अधर में लटक जाएगा. सरकार के पास 20 दिन हैं और इस 20 दिन में सरकार हमारी मांगे पूरी कर दे. बैंसला ने कहा कि हम कुछ अलग से नहीं मांग रहे, सरकार ने जो समझौता किया है, वही पूरा करने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की चेतावनी, जानिए पूरा मामला...

विजय बैंसला ने राजस्थान सरकार में गुर्जर समाज के 8 विधायकों पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे 8 विधायक भी उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सभी विधायक गुर्जर समाज के दम पर जीत कर सरकार में बैठे हैं और उसके बावजूद ये समाज के साथ खड़े नहीं हो रहे. यदि ये नेता समाज के नाम पर जीत कर समाज के साथ खड़े नहीं होंगे, तो हम इनको क्यों जिताएंगे. हम भविष्य में ऐसे नेताओं को घर बैठा देंगे.

गुर्जर समाज करेगा जमकर विरोध प्रदर्शन- बैंसला ने कहा कि यदि 20 दिन के अंदर मांग पूरी नहीं हुई, तो प्रदेश का गुर्जर समाज जमकर विरोध प्रदर्शन करेगा. राजस्थान सरकार को समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. यदि राजस्थान सरकार 20 दिन में हमारी मांगे पूरी कर देती है, तो मैं खुद सबसे आगे जाकर राहुल गांधी का स्वागत करूंगा. मेरा उनसे कोई वैर नहीं है, उनका सम्मान करते हैं.

पढ़ें- राजस्थान में 3 दिसंबर को पहुंचेगी भारत जोड़ो यात्रा, अब तक रूट फाइनल नहीं

हम अपने समाज के लिए जी रहे- गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि हम अपने समाज और आगे आने वाली नस्लों के लिए जी रहे हैं. ये राजनीति के लिए जी रहे हैं. बैंसला ने तल्ख अंदाज में कहा कि हमने गुर्जर समाज के 5% आरक्षण के लिए 72 लोगों की शहादत दी है. समाज के लिए जरूरत पड़ी तो आगे और भी खुशी खुशी आहुति दे देंगे.

राहुल के रूट पर यहां-यहां है गुर्जर- राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा वाले इलाकों में ज्यादातर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र हैं. इनमें गुर्जर आरक्षण आंदोलन से प्रभावित लालसोट, सिकंदरा, बांदीकुई जैसे उपखंड भी आते हैं. हाड़ौती में खासतौर पर बूंदी जिले में गुर्जर समाज और झालावाड़ में भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो कांग्रेस से 7 गुर्जर विधायक बने थे. इसके पहले 2013 में भाजपा ने 10 गुर्जरों को टिकट दिए थे, इनमें से 9 जीते थे. कांग्रेस ने 11 गुर्जर प्रत्याशियों को टिकट दिए, जिनमें से सिर्फ 4 ही जीते. मतलब साफ है कि 2018 में कांग्रेस की ओर बड़ी संख्या में गुर्जर बाहुल्य इलाकों का वोट बैंक शिफ्ट हुआ था. प्रदेश में गुर्जर बाहुल्य आबादी वाले जिलों में करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, भरतपुर, दौसा, कोटा, धौलपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझनू और अजमेर जैसे क्षेत्र आते हैं.

भरतपुर. दिसंबर के पहले सप्ताह में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान प्रवेश करने वाली (Bharat Jodo Yatra in Rajasthan) है. लेकिन उससे पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुली चुनौती दे दी है. विजय बैंसला ने साफ कहा (Vijay Bainsla on Bharat Jodo Yatra) है कि राजस्थान सरकार के पास 20 दिन का वक्त है. यदि 20 दिन में राजस्थान सरकार अपने वादे के अनुसार हमारी मांगे पूरी कर देती है तो मैं खुद राहुल गांधी का सबसे पहले स्वागत करने पहुंचूंगा. अन्यथा समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा.

ये हैं गुर्जर समाज की मांग- विजय बैंसला ने बताया कि राजस्थान सरकार के साथ वर्ष 2019 और 2020 में दो बार समझौते हुए. समझौते के तहत राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए, वर्ष 2013 से 2018 तक की भर्ती के बैकलॉग पर कुछ नहीं किया, प्रक्रियाधीन भारतीयों पर भी 5% आरक्षण को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया. साथ ही समाज के 233 अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश रद्द कर दिए. देवनारायण छात्रवृत्ति योजना के तहत सेंशन 13 हजार छात्रवृत्तियां रोक रखी हैं. राजस्थान सरकार गुर्जर समाज के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

बैंसला ने राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के विरोध का किया एलान

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सरकार हमें उल्लू बना रही- विजय बैंसला ने कहा कि बैकलॉग देने की बात मैं नहीं कर रहा बल्कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में यह बात लिखी थी, जिसमें गांधी परिवार के सभी लोगों की फोटो भी लगे हुए थे. या तो वो मेनिफेस्टो झूठा था या फिर सरकार हमें उल्लू बनाने का काम कर रही है. बीते दिनों में कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ और अन्य उच्च अधिकारियों से भी मिलकर आया. हमारी तो बस इतनी मांग है कि सरकार ने खुद अपने हाथों से जो समझौता किया है बस उसका क्रियान्वयन कर दो.

हमारे बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा- बैंसला ने कहा कि सरकार का 1 साल बचा है. इसके बाद सरकार कहेगी की आचार संहिता लग गई. हमारे बच्चों का भविष्य तो अधर में लटक जाएगा. सरकार के पास 20 दिन हैं और इस 20 दिन में सरकार हमारी मांगे पूरी कर दे. बैंसला ने कहा कि हम कुछ अलग से नहीं मांग रहे, सरकार ने जो समझौता किया है, वही पूरा करने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की चेतावनी, जानिए पूरा मामला...

विजय बैंसला ने राजस्थान सरकार में गुर्जर समाज के 8 विधायकों पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे 8 विधायक भी उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सभी विधायक गुर्जर समाज के दम पर जीत कर सरकार में बैठे हैं और उसके बावजूद ये समाज के साथ खड़े नहीं हो रहे. यदि ये नेता समाज के नाम पर जीत कर समाज के साथ खड़े नहीं होंगे, तो हम इनको क्यों जिताएंगे. हम भविष्य में ऐसे नेताओं को घर बैठा देंगे.

गुर्जर समाज करेगा जमकर विरोध प्रदर्शन- बैंसला ने कहा कि यदि 20 दिन के अंदर मांग पूरी नहीं हुई, तो प्रदेश का गुर्जर समाज जमकर विरोध प्रदर्शन करेगा. राजस्थान सरकार को समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. यदि राजस्थान सरकार 20 दिन में हमारी मांगे पूरी कर देती है, तो मैं खुद सबसे आगे जाकर राहुल गांधी का स्वागत करूंगा. मेरा उनसे कोई वैर नहीं है, उनका सम्मान करते हैं.

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हम अपने समाज के लिए जी रहे- गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि हम अपने समाज और आगे आने वाली नस्लों के लिए जी रहे हैं. ये राजनीति के लिए जी रहे हैं. बैंसला ने तल्ख अंदाज में कहा कि हमने गुर्जर समाज के 5% आरक्षण के लिए 72 लोगों की शहादत दी है. समाज के लिए जरूरत पड़ी तो आगे और भी खुशी खुशी आहुति दे देंगे.

राहुल के रूट पर यहां-यहां है गुर्जर- राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा वाले इलाकों में ज्यादातर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र हैं. इनमें गुर्जर आरक्षण आंदोलन से प्रभावित लालसोट, सिकंदरा, बांदीकुई जैसे उपखंड भी आते हैं. हाड़ौती में खासतौर पर बूंदी जिले में गुर्जर समाज और झालावाड़ में भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो कांग्रेस से 7 गुर्जर विधायक बने थे. इसके पहले 2013 में भाजपा ने 10 गुर्जरों को टिकट दिए थे, इनमें से 9 जीते थे. कांग्रेस ने 11 गुर्जर प्रत्याशियों को टिकट दिए, जिनमें से सिर्फ 4 ही जीते. मतलब साफ है कि 2018 में कांग्रेस की ओर बड़ी संख्या में गुर्जर बाहुल्य इलाकों का वोट बैंक शिफ्ट हुआ था. प्रदेश में गुर्जर बाहुल्य आबादी वाले जिलों में करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, भरतपुर, दौसा, कोटा, धौलपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझनू और अजमेर जैसे क्षेत्र आते हैं.

Last Updated : Nov 15, 2022, 1:22 PM IST
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