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भरतपुर के किसानों का NH-21 पर शुरू हुआ महापड़ाव...केंद्र सरकार को दी सीधी चेतावनी - Bharatpur hindi news

दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को भरतपुर के किसान NH-21 पर महापड़ाव डालकर बैठ गए. किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानून वापस नहीं लेती, तब तक महापड़ाव जारी रहेगा.

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भरतपुर में किसानों का महापड़ाव
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Published : Dec 22, 2020, 4:31 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 4:48 PM IST

भरतपुर. दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को भरतपुर के किसान NH-21पर महापड़ाव डालकर बैठ गए. किसानों का कहना है कि ये महापड़ाव अनिश्चितकालीन है. जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेगी, तब तक भरतपुर में किसानों का महापड़ाव जारी रहेगा.

भरतपुर में किसानों का महापड़ाव

किसान नेताओं ने बताया कि किसान संयुक्त संघर्ष समिति ने एक फैसला लिया था कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी. लोगों के बीच काले कानूनों के बारे में जागरूकता लाने के लिए कमेटियों द्वारा गांवों का दौरा किया जाएगा. जिससे लोगों को पता लगे कि तीन काले कानून सभी के लिए कितने घातक हैं. इन कानूनों से किसान के साथ गरीब तबके के लोग भी बर्बाद हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें. पूर्व राज्यसभा सांसद अश्क अली टाक का तंज, 'मुंबई के मजाकिया कलाकार की तरह हैं अठावले'

हालांकि, सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन कानून किसानों के हित में होते तो सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार नहीं होती. जिससे सिद्ध होता है कि केंद्र सरकार ने कानून को लेकर किसानों से बात नहीं की. किसानों का कहना है कि जब तक दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान का संदेश नहीं आएगा, तब तक महापड़ाव जारी रहेगा और दिन पर दिन महापड़ाव में गति लाई जाएगी.

भरतपुर. दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को भरतपुर के किसान NH-21पर महापड़ाव डालकर बैठ गए. किसानों का कहना है कि ये महापड़ाव अनिश्चितकालीन है. जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेगी, तब तक भरतपुर में किसानों का महापड़ाव जारी रहेगा.

भरतपुर में किसानों का महापड़ाव

किसान नेताओं ने बताया कि किसान संयुक्त संघर्ष समिति ने एक फैसला लिया था कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में महापड़ाव की शुरुआत की जाएगी. लोगों के बीच काले कानूनों के बारे में जागरूकता लाने के लिए कमेटियों द्वारा गांवों का दौरा किया जाएगा. जिससे लोगों को पता लगे कि तीन काले कानून सभी के लिए कितने घातक हैं. इन कानूनों से किसान के साथ गरीब तबके के लोग भी बर्बाद हो जाएंगे.

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हालांकि, सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन कानून किसानों के हित में होते तो सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार नहीं होती. जिससे सिद्ध होता है कि केंद्र सरकार ने कानून को लेकर किसानों से बात नहीं की. किसानों का कहना है कि जब तक दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसान का संदेश नहीं आएगा, तब तक महापड़ाव जारी रहेगा और दिन पर दिन महापड़ाव में गति लाई जाएगी.

Last Updated : Dec 22, 2020, 4:48 PM IST
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