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हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल समाप्त, रोडवेज को 2 दिन में 42 लाख की राजस्व हानि - बस संचालन ठप

भरतपुर में हिट एंड रन कानून के खिलाफ दो दिन से चल रही हड़ताल समाप्त हो गई. बुधवार से निजी और रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो गया. इन दो दिनों के दौरान रोडवेज को 42 लाख रुपए की राजस्व हानि हुई.

drivers strike ends in Bharatpur
हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल समाप्त
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2024, 5:11 PM IST

भरतपुर. हिट एंड रन कानून के खिलाफ दो दिन से चल रही रोडवेज और निजी बस संचालकों की हड़ताल समाप्त हो गई है. बुधवार सुबह से बसों का संचालन फिर से शुरू हो गया. बस संचालन फिर से शुरू होने से यात्रियों ने चैन की सांस ली है. बस संचालन शुरू होती ही बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ नजर आई. वहीं दो दिन तक बस संचालन ठप रहने से रोडवेज आगार को 42 लाख रुपए की राजस्व हानि उठानी पड़ी है.

हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन के विरोध में 1 जनवरी को जिले के सभी रोडवेज और निजी बस चालकों के साथ ही निजी वाहन चालक हड़ताल पर उतर गए थे. दो दिन तक बसों और निजी वाहनों का संचालन बंद होने की वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था. यात्रियों को तीन या फिर टैक्सी की मदद से गंतव्य तक पहुंचना पड़ा. वहीं अधिकतर यात्री वाहन नहीं मिलने की वजह से गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए.

पढ़ें: जानिए ड्राइवरों के विरोध के बीच हिट एंड रन कानून पर क्या है पीड़ितों की राय

रोडवेज बस आगार के मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने बताया कि 1 और 2 जनवरी को दो दिन तक भरतपुर और लोहागढ़ रोडवेज आगार करीब 150 बसों का संचालन बंद रहा था. लोहागढ़ आगार की कोसी, मथुरा, पलवल, दिल्ली, अलवर की तरफ की बसों का संचालन बंद रहा. जबकि भरतपुर आगार के जयपुर, धौलपुर और आगरा की तरफ के सभी रूट पर संचालन बंद रहा था. शक्ति सिंह ने बताया कि दो दिन तक रोडवेज बसों का संचालन बंद रहने से करीब 42 लाख रुपए की राजस्व हानि हुई है.

पढ़ें: हिट एंड रन के पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रावधान है मगर लोगों को क्यों नहीं मिल रहा फायदा

यह है नया कानून: असल में हिट एंड रन मामले में पीड़ित की मौत होने पर पहले दो साल की सजा का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 10 साल और जुर्माना कर दिया है. इसमें नए संशोधन के अनुसार यदि कोई दुर्घटना कर मौके से पुलिस को सूचित किए बिना भाग जाता है और पीड़ित की मृत्यु हो जाती है, तो 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. बस, ट्रक चालक दो दिन तक इसी कानूनी प्रावधान के विरोध में हड़ताल पर थे.

भरतपुर. हिट एंड रन कानून के खिलाफ दो दिन से चल रही रोडवेज और निजी बस संचालकों की हड़ताल समाप्त हो गई है. बुधवार सुबह से बसों का संचालन फिर से शुरू हो गया. बस संचालन फिर से शुरू होने से यात्रियों ने चैन की सांस ली है. बस संचालन शुरू होती ही बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ नजर आई. वहीं दो दिन तक बस संचालन ठप रहने से रोडवेज आगार को 42 लाख रुपए की राजस्व हानि उठानी पड़ी है.

हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन के विरोध में 1 जनवरी को जिले के सभी रोडवेज और निजी बस चालकों के साथ ही निजी वाहन चालक हड़ताल पर उतर गए थे. दो दिन तक बसों और निजी वाहनों का संचालन बंद होने की वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था. यात्रियों को तीन या फिर टैक्सी की मदद से गंतव्य तक पहुंचना पड़ा. वहीं अधिकतर यात्री वाहन नहीं मिलने की वजह से गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए.

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रोडवेज बस आगार के मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने बताया कि 1 और 2 जनवरी को दो दिन तक भरतपुर और लोहागढ़ रोडवेज आगार करीब 150 बसों का संचालन बंद रहा था. लोहागढ़ आगार की कोसी, मथुरा, पलवल, दिल्ली, अलवर की तरफ की बसों का संचालन बंद रहा. जबकि भरतपुर आगार के जयपुर, धौलपुर और आगरा की तरफ के सभी रूट पर संचालन बंद रहा था. शक्ति सिंह ने बताया कि दो दिन तक रोडवेज बसों का संचालन बंद रहने से करीब 42 लाख रुपए की राजस्व हानि हुई है.

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यह है नया कानून: असल में हिट एंड रन मामले में पीड़ित की मौत होने पर पहले दो साल की सजा का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 10 साल और जुर्माना कर दिया है. इसमें नए संशोधन के अनुसार यदि कोई दुर्घटना कर मौके से पुलिस को सूचित किए बिना भाग जाता है और पीड़ित की मृत्यु हो जाती है, तो 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. बस, ट्रक चालक दो दिन तक इसी कानूनी प्रावधान के विरोध में हड़ताल पर थे.

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