भरतपुर. जिले का एक सीआरपीएफ जवान उत्तर भारत के मणिपुर में विद्रोहियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया था. उस जवान को 56 साल बाद आज शहीद का दर्जा मिला है. इसके साथ ही 81 वर्षीय वीरांगना को सम्मानित भी किया गया. अब वीरांगना और उनके बच्चों को शहीद के सभी परिलाभ मिल सकेंगे. बुधवार को सीआरपीएफ की ओर से वीरांगना को सम्मानित कर सिपाही अर्जुन सिंह को शहीद का दर्जा दिया गया.
सीआरपीएफ कमाडेंट विजय सिंह ने बताया कि 12 जुलाई 1967 को सीआरपीएफ की 13वीं बटालियन मणिपुर में पोस्टेड थी. सिपाही अर्जुन सिंह भी इसी बटालियन में थे. वहां पर विद्रोहियों के छुपे होने की सूचना मिली जिसके बाद सीआरपीएफ के जवान उनसे लोहा लेने निकल पड़े. सीआरपीएफ के जवानों पर अचानक से विद्रोहियों ने हमला कर दिया. जवाब में बटालियन की ओर से भी विद्रोहियों पर फायरिंग की गई. जवानों ने कई विद्रोहियों को मार गिराया लेकिन इस हमले में सिपाही अर्जुन सिंह भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे.
![Soldier get Martyred Status](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17639593_th.jpg)
बुधवार को सीआरपीएफ कमांडेंट विजय सिंह और अन्य अधिकारियों व गणमान्य लोगों ने एक निजी होटल में वीरांगना रामवती देवी को सम्मानित किया. इसके साथ ही परिजनों को बताया कि सिपाही अर्जुन सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान किया गया है. शहीद के परिजनों को अब सभी परिलाभ भी मिलेंगे. परिजनों ने बताया कि अर्जुन सिंह को वीरगति प्राप्त किए हुए 56 साल हो गए हैं. आज उन्हें शहीद का दर्जा मिला है. शहीद अर्जुन सिंह के परिवार में उनकी 81 वर्षीय वीरांगना रामवती देवी हैं जो शहर की पुष्पवाटिका कॉलोनी में अपनी बेटी के साथ रहती हैं.