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भरतपुर: कामां में गौ सेवकों ने SDM कार्यालय के बाहर किया विरोध प्रदर्शन, CM के नाम सौंपा ज्ञापन - विरोध प्रदर्शन

भरतपुर के कामां उपखंड कार्यालय के बाहर मंगलवार को गौ सेवकों ने सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी विभिन्न मांगों से अवगत कराया. इस दौरान गौ सेवक डॉ. हजारी लाल आर्य ने कहा कि 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया है. अगर मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है.

भरतपुर में गौ सेवक, विरोध प्रदर्शन,
भरतपुर के कामां में गौ सेवकों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 22, 2020, 6:05 PM IST

कामां (भरतपुर). जिले के कामां उपखंड कार्यालय के बाहर मंगलवार को गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले गौ सेवकों ने सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया. साथ ही उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी विभिन्न मांगों से अवगत कराया.

भरतपुर के कामां में गौ सेवकों ने किया विरोध प्रदर्शन

गौ सेवक डॉ. हजारी लाल आर्य ने बताया कि राजस्थान सरकार ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 में 24 जनवरी 2020 को अधिनियम पारित कर किए गए बदलाव को निरस्त कराने के लिए राजस्थान गौ सेवा समिति और गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के आह्वान पर उपखंड अधिकारी कार्यालय पर सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

पढ़ें: जयपुर : दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार पर रहे रेजिडेंट चिकित्सक, सरकार से वार्ता विफल

गौ सेवक डॉ. हजारी लाल आर्य ने कहा कि राज्य के निराश्रित, अपंग और बुजुर्ग गौवंशों के संरक्षण के लिए 21 नवंबर, 2016 को राजस्थान सरकार के गोपालन विभाग ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 बनाए जाने की अधिसूचना जारी की थी. इसमें राज्य की पंजीकृत गौशालाओं में आवासित, निराश्रित, अपंग और बुजुर्ग गौवंशों के पालन पोषण के लिए सहायता राशि स्वीकृत करने का प्रावधान रखा गया था. साथ ही गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम में प्राप्ति के स्रोतों का उल्लेख किया गया था. ऐसे में वर्तमान सरकार के गौशालाओं की सहायता राशि अनुदान के पैसे को कोरोना में लगाने के प्रस्ताव को निरस्त कराने की मांग की गई है. साथ ही 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया है. अगर मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है.

पढ़ें: Special: मटका मशरूम की खेती से किसान और बेरोजगार कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा

कामां (भरतपुर). जिले के कामां उपखंड कार्यालय के बाहर मंगलवार को गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले गौ सेवकों ने सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया. साथ ही उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी विभिन्न मांगों से अवगत कराया.

भरतपुर के कामां में गौ सेवकों ने किया विरोध प्रदर्शन

गौ सेवक डॉ. हजारी लाल आर्य ने बताया कि राजस्थान सरकार ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 में 24 जनवरी 2020 को अधिनियम पारित कर किए गए बदलाव को निरस्त कराने के लिए राजस्थान गौ सेवा समिति और गौवंश संरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान के आह्वान पर उपखंड अधिकारी कार्यालय पर सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

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गौ सेवक डॉ. हजारी लाल आर्य ने कहा कि राज्य के निराश्रित, अपंग और बुजुर्ग गौवंशों के संरक्षण के लिए 21 नवंबर, 2016 को राजस्थान सरकार के गोपालन विभाग ने गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 बनाए जाने की अधिसूचना जारी की थी. इसमें राज्य की पंजीकृत गौशालाओं में आवासित, निराश्रित, अपंग और बुजुर्ग गौवंशों के पालन पोषण के लिए सहायता राशि स्वीकृत करने का प्रावधान रखा गया था. साथ ही गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम में प्राप्ति के स्रोतों का उल्लेख किया गया था. ऐसे में वर्तमान सरकार के गौशालाओं की सहायता राशि अनुदान के पैसे को कोरोना में लगाने के प्रस्ताव को निरस्त कराने की मांग की गई है. साथ ही 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया है. अगर मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है.

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