भरतपुर. कचौड़ी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है और अगर आपको एक ही जगह कई प्रकार की कचौड़ियां खाने को मिल जाए तो उसके क्या कहने. आज हम आपको देश की सबसे सस्ती कचौड़ी के बारे में (Country cheapest Kachori ) बताएंगे, जो राजस्थान के भरतपुर में मिलती है. जिसे खाकर न तो आपकी सेहत बिगड़ेगी और न ही आपका जी भरने वाला है. खैर, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं तो चलिए इस खास कचौड़ी की खासियत से आपको अवगत करते हैं.
खास तरीके से तैयार होने वाली भरतपुर की कचौड़ी न केवल अपने स्वाद, बल्कि अपनी कीमत के लिए भी अलग पहचान रखती है. भरतपुर के चौबुर्जा बाजार में बिकने वाली इस कचौड़ी की कीमत दो रुपये है. साथ ही दावा किया जाता है कि यह पूरे देश की सबसे सस्ती कचौड़ी है. इस कचौड़ी की शुरुआत आजादी के दौरान हुई थी. ऐसे में इसकी कहानी भी दिलचस्प है.
1 पैसे से 2 रुपये तक का सफर: चौबुर्जा बाजार में देवीराम कचौड़ी के नाम से दो दुकानें हैं. ये दोनों दुकान दो भाई चलाते हैं. दुकान के मालिक नितिन सिंघल ने बताते हैं कि जब देश आजाद हुआ, तभी से उनके दादा देवीराम चौबुर्जा बाजार में कचौड़ी की दुकान लगा रहे थे. उस समय कचौड़ी की कीमत एक पैसा हुआ करती (Kachori started with one paisa) थी. लेकिन समय के साथ ही इस कचौड़ी की कीमत भी बढ़ गई, जो अब दो रुपये में मिलती है. नितिन दावा करते हैं कि उनकी कचौड़ी देश की सबसे सस्ती कचौड़ी है और स्वादिष्ट कचौड़ी है.
नितिन ने आगे बताया कि उनकी दुकान सुबह 6 बजे खुल जाती है. हलवाई और कर्मचारी एक घंटे में मसाला और मैदा तैयार कर लेते हैं. ग्राहकों को सुबह 7 बजे से कचौड़ी मिलने लगती है, जो बदस्तूर दोपहर एक बजे तक जारी रहती है. इस दौरान 5 घंटे में दोनों दुकानों में करीब 120 किलो मैदे की कचौड़ियां बिक जाती हैं.
जानें कैसे बनती है देश की सबसे सस्ती कचौड़ी: नितिन ने बताया कि कचौड़ी के लिए सबसे पहले मूंग की पीसी दाल, बेसन और मसाले को फेटा जाता है. इसके बाद उसे मैदा के लोई में लपेटकर हाथों से बेला जाता है और फिर उसे शुद्ध तेल में छाना जाता है. वहीं, दो रुपये में कचौड़ी, कढ़ी, लाल मिर्च और लहसुन की चटनी दी जाती है. जिससे यहां कचौड़ी का जायका लाजवाब होता है.
हाजमा भी दुरुस्त: नितिन बताते हैं कि सामान्य तौर पर कचौड़ी समोसे यदि नियमित खाएं जाए तो हाजमा बिगड़ जाता है, लेकिन उनकी कचौड़ी के साथ ऐसा नहीं है. कई उपभोक्ता तो हर दिन इस कचौड़ी का नाश्ता करते हैं. वो इसके निर्माण में शत प्रतिशत शुद्धता को महत्व देते हैं. ताकि ग्राहक को इसे हजम करने में कोई दिक्कत न हो. उन्होंने बताया कि उनकी कचौड़ी की सिर्फ भरतपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक मांग है. अन्य जिलों व राज्यों के लोग भी जब यहां आते हैं तो वो चौबुर्जा की कचौड़ी का स्वाद चखना नहीं भूलते हैं.