भरतपुर. सीकरी के मेवात इलाके में ऐसा ही मामला सामने आया, कुछ अपराधी प्रवति के लोग थाने में घुस गए और एक पुलिसकर्मी की जोरदार पिटाई कर दी. इतना ही नही पुलिसकर्मी की पिटाई करने के बाद पीड़ित पुलिसकर्मी के खिलाफ उसी के थाने में मामला दर्ज करवा दिया. इस मामले को लेकर बीजेपी नेता नेम सिंह फौजदार ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
जिले के मेवात इलाके में दिन पर अपराध बढ़ता जा रहा है. आए दिन देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस मेवात इलाके में अपराधियों को पकड़ने के दबिश देती रहती है. क्षेत्र में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह पुलिस पर हमला करने में जरा भी नहीं सोचते. विगत दिनों सीकरी के मेवात इलाके में ऐसा ही मामला सामने आया कुछ अपराधी प्रवति के लोग थाने में घुस गए और एक पुलिसकर्मी की जोरदार पिटाई कर दी.
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इतना ही नहीं पुलिसकर्मी की पिटाई करने के बाद पीड़ित पुलिसकर्मी के खिलाफ उसी के थाने में मामला दर्ज करवा दिया. जब इस घटना की सूचना स्थानीय नेताओं को पता लगी, तभी इस घटना के बारे में DG सहित भरतपुर रेंज आईजी सहित जिला पुलिस अधीक्षक को अवगत करवाया गया. जिसके बाद उच्च अधिकारियों के दखल अंदाजी के बाद पीड़ित पुलिसकर्मी की शिकायत भी दर्ज की गई लेकिन अभी तक मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है. जिससे बाद स्थानीय लोगों और स्थानीय नेताओं में काफी आक्रोश है.
बीजेपी नेता ने महापंचायत की दी चेतावनी
शनिवार को इसी मामले पर बीजेपी नेता ने कहा कि जिले के नगर तहसील में सीकरी थाने पर तैनात पुलिसकर्मी विश्राम गुजर के साथ कुछ आपराधिक तत्वों ने थाने में घुस कर मारपीट की लेकिन थानाधिकारी ने अपराधियों का मामला दर्ज कर लिया और पीड़ित पुलिसकर्मी का मामला दर्ज नहीं किया गया. जब उच्च अधिकारियों ने मामले में दखल अंदाजी की, तब जाकर पीड़ित पुलिसकर्मी का मामला दर्ज किया गया. इससे यही प्रतीत होता है कि पुलिस अपना काम नहीं कर या रही और राजनैतिक दबाब के कारण पुलिस सिर्फ एक कठपुतली बन चुकी है.
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उन्होंने कहा कि मेवात इलाके में पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है. इसलिए सरकार से मांग है कि जो भी नामजद मुजरिम है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता तो 10 दिन बाद सुन्दरावली गांव में एक महापंचायत आयोजित की जाएगी और सरकार से पुलिसकर्मी को इंसाफ दिलाने के लिए आर-पार की बात करेंगे. अगर सरकार पीड़ित पुलिसकर्मी के को इंसाफ नहीं देती तो समाज के लोग सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे.