भरतपुर. विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को मिली जीत के बाद प्रदेश में जल्द ही भाजपा की सरकार बनने जा रही है. इस बार के चुनाव में भाजपा ने जहां कई सांसदों को मैदान में उतरा तो वहीं पूर्वी राजस्थान के भरतपुर जिले की चर्चित मेवात की कामां सीट से एक नए चेहरे को टिकट दिया. हरियाणा के नूंह की रहने वाली नौक्षम चौधरी ने दो बार की विधायक व मंत्री जाहिदा खान को तीसरे पायदान पर धकेल कर जीत दर्ज की. जीत के बाद से ही राजस्थान की राजनीति में नौक्षम चर्चाओं में हैं. वहीं, उनके चर्चा में रहने की भी कई वजह हैं, जिनमें लंदन से पढ़ाई करना, 10 भाषाओं का ज्ञान होना और उनका आकर्षक व्यक्तित्व भी शामिल है. आइए जानते हैं यह चर्चित चेहरा नौक्षम चौधरी आखिर कौन है?
2019 में हरियाणा में हारी चुनाव : असल में हरियाणा के पुन्हाना जिले के पेमा खेड़ा गांव की रहने वाली नौक्षम चौधरी ने राजनीति में पदार्पण 2019 के हरियाणा के विधानसभा चुनावों से किया था. इन्होंने अपने ही विधानसभा क्षेत्र पुन्हाना से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. हालांकि, इसमें इन्हें हार का सामना करना पड़ा. 30 वर्षीय नौक्षम चौधरी की मां रंजीता कौर एक आईएएस ऑफिसर हैं, जबकि उनके पिता सेवानिवृत जज हैं.
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दिल्ली से इटली और फिर लंदन में की पढ़ाई : नौक्षम चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज से पढ़ाई की. यहां से पढ़ाई करने के बाद इटली के मिलान शहर पहुंचीं, जहां से वो फैशन, बिजनेस और मैनेजमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई की. उसके बाद लंदन से मीडिया प्रमोशन एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की और फिर नौकरी करने के लिए सिंगापुर पहुंची, जहां उन्हें लाखों के पैकेज वाली नौकरी के रूप में फैशन इंडस्ट्री में पब्लिक रिलेशन का काम किया.
नौक्षम चौधरी को मिले 78,646 वोट : नौक्षम चौधरी की कॉलेज टाइम से ही डिबेट और थिएटर में रुचि थी. सिंगापुर में नौकरी करने के दौरान ही उन्होंने राजनीति में आने का सोचा. पहला चुनाव हरियाणा के पुन्हाना से 2019 में लड़ने के बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए उन्हें भाजपा ने कामां से मैदान में उतारा. बाहरी प्रत्याशी का ठप्पा होने के बावजूद ये खुद को मेवात की बेटी के रूप में ही प्रेजेंट करती रहीं और आखिरकार चुनाव जीत गईं. यहां से नौक्षम चौधरी को 78,646 वोट मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी मुख्त्यार अहमद को 64,740 मत हासिल हुए. वहीं, दो बार की विधायक जाहिदा खान 58,130 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.
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इस कारण हुई जीत : भाजपा प्रत्याशी के रूप में नौक्षम चौधरी के जीतने के पीछे की कई वजहें सामने आई हैं. सबसे बड़ी वजह तो यह है कि कामां की विधायक जाहिदा खान के खिलाफ जनता में खासा असंतोष था. नौक्षम नया और बेदाग छवि वाला नाम था. दलित प्रत्याशी होने की वजह से उन्हें दलित और मेव वोट मिले. साथ ही भाजपा के परंपरागत मतदाताओं का भी भरपूर समर्थन मिला, जिसकी वजह से नौक्षम जीत दर्ज करने में कामयाब रही.