भरतपुर. सांभर झील में देशी-विदेशी पक्षियों की बड़ी तादाद में मौत के बाद भरतपुर के केवला देव राष्ट्रीय उद्यान (घना) में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. घना प्रशासन ने जहां अपने सभी कर्मचारियों को सचेत रहने के आदेश जारी किए हैं. वहीं पशुपालन विभाग को पत्र लिखकर किसी भी हालात के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है.
घना इलाके के अलावा जिले भर के वन क्षेत्र में भी किसी भी तरह से किसी भी पक्षी की मौत होने पर तुरंत सूचना देने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं घना प्रशासन का मानना है कि सफर में पक्षियों की बड़ी तादाद में मौत से घना आने वाले विदेशी पक्षी अपना रूट बदल सकते हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस बार घना में पक्षियों की संख्या बीते साल की तुलना में कुछ कम हो सकती है.
डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया सांभर में पक्षियों की मास कैजुअल्टी के बाद घना में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. घना के सभी कर्मचारियों को सूचित कर दिया गया है कि क्षेत्र में कहीं भी किसी भी पक्षी की मौत होने पर तुरंत जीपीएस लोकेशन के साथ में रिपोर्ट करेंगे. घना के सभी क्षेत्रों की जांच कराई जा रही है. साथ ही जिले के अन्य क्षेत्रों में भी पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है कि कहीं भी किसी पक्षी की मौत होने पर तुरंत रिपोर्ट किया जाए. ताकि समय रहते घटना की जांच कराई जा सके.
डीएफओ गुप्ता ने बताया कि भरतपुर के पशुपालन विभाग को भी पत्र लिखकर अपनी टीम तैयार रखने के लिए सूचित कर दिया गया है. यदि कहीं भी कोई भी घटना होती है तो पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंचकर हालात को संभाल सकें.
रूट बदल सकते हैं विदेशी पक्षी
डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि अमूमन कुछ सालों के अंतराल पर विश्व भर में कहीं ना कहीं पक्षियों की मौत की इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. सांभर की घटना से विदेशी पक्षी अपना रूट बदल सकते हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि घना आने वाले पक्षी किसी और दिशा में जा सकते हैं. इससे बीते सालों की तुलना में घना में इस बार पक्षियों की संख्या कुछ कम रह सकती है.
घना में आते हैं सैकड़ों प्रजाति के हजारों पक्षी
गौरतलब है कि केवला देव राष्ट्रीय उद्यान में हर साल करीब 400 विभिन्न प्रजातियों के हजारों देशी-विदेशी पक्षी यहां आते हैं. गत सीजन की बात करें तो जनवरी माह में घना में करीब 56 हजार पक्षी आए थे. डीएफओ मोहित गुप्ता ने अपील की है कि अभी घना में सब कुछ सामान्य है. इसलिए किसी पर्यटक को घबराने की आवश्यकता नहीं है. घना प्रशासन हर विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है.