भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ बुधवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया. कुलपति के घेराव के लिए जैसे ही एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मुख्य द्वार से विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश का प्रयास किया, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठियां बरसा दीं. फीस वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 9 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
विरोध में सौंप चुके हैं ज्ञापन : एबीवीपी के नीतेश हंतारा ने बताया कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय नए सत्र में विद्यार्थियों पर अतिरिक्त फीस का भार डाल रहा है. विश्वविद्यालय के नए कुलपति ने कई सुविधाओं के नाम पर फीस लागू की है, जिनका विद्यार्थी कोई लाभ नहीं लेंगे. ऐसे में भरतपुर, धौलपुर के विद्यार्थियों पर इस अतिरिक्त फीस का भार पड़ेगा. दोनों जिले के हजारों गरीब विद्यार्थी इस फीस का भार सहन नहीं कर सकते. इसके विरोध में लगातार कई दिनों से विद्यार्थियों की ओर से ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया जा रहा है.
इस फीस वृद्धि का है विरोध : महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र ने गत माह एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत नए सत्र से संबद्ध कॉलेजों के छात्रों के साथ ही प्रत्येक स्वयंपाठी छात्रों को एल्युमिनी एसोसिएशन के गठन और विकास के लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपए, विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय के विकास के लिए 500 रुपए, विश्वविद्यालय विकास शुल्क 500 रुपए, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर की स्थापना के लिए स्टूडेंट वेलफेयर शुल्क 500 रुपए, प्रत्येक विद्यार्थी से प्री रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 200 रुपए लिए जाएंगे. प्री रजिस्ट्रेशन शुल्क नामांकन शुल्क के अतिरिक्त होगा. कुल मिलाकर इस बार प्रत्येक विद्यार्थी को 2200 रुपए का शुल्क अतिरिक्त देना होगा.
1.40 लाख विद्यार्थियों से वसूला जाएगा : महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से भरतपुर और धौलपुर जिले के कुल 165 कॉलेज संबद्ध हैं. इनमें स्नातक के करीब 60 हजार, स्नातकोत्तर के 20 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इसके अलावा दोनों जिलों में कुल 60 हजार स्वयंपाठी विद्यार्थी भी हैं. कुल मिलाकर विश्वविद्यालय के अधीन 1 लाख 40 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. ऐसे में प्रत्येक विद्यार्थी से यदि 2200 रुपए अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है तो विवि के खजाने में एक ही साल में करीब 31 करोड़ रुपया जमा होगा, जो विद्यार्थियों के लिए बहुत बड़ी परेशानी की बात है.