भरतपुर. रूपवास शराब दुखान्तिका मामले में पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही अवैध शराब बनाने के काम में लिए जाने वाले सभी चीजों को जब्त कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों से करीब 12 लाख रुपये भी जब्त किए हैं.
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी उत्तर प्रदेश में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब बनाते थे और उसे राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सप्लाई करते थे. पूछताछ के अनुसार पुलिस ने सभी आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी लेकिन कुछ आरोपी फरार हो गए.
यूपी से दो आरोपी गिरफ्तार
बता दें कि रूपवास थाना इलाके के चकसामरी और तेजनगर में शराब दुखान्तिका में 7 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं 9 लोगों का इलाज जारी है. घटना के दिन ही पुलिस ने रूपवास थाना इलाके के सुंदर, मुनिपाल और दीनदयाल को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद तीनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया वह उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से कुछ लोग राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में शराब सप्लाई करते हैं. सप्लाई करने में उत्तर प्रदेश के नगला छितर गांव के रहने वाले नरेंद्र का नाम सामने आया और नरेंद्र ने घटना से करीब 3 दिन पहले रूपवास थाना इलाके में 3 व्यक्तियों को 5 पेटी शराब सप्लाई करके गया था. जिस पर पुलिस की एक टीम ने नगला छितर गांव में दबिश दी और नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया.
नरेंद्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश मंगुरा थाना अछनेरा का रहने वाला सतवीर अपने लड़के और सहयोगियों के साथ अपने घर में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब तैयार करता है. जिस पर पुलिस ने रविवार को सुबह सतवीर और उसके लड़के नरेश को गिरफ्तार कर लिया. सतवीर के पास से पब्बों पर लगाने वाले बार कोड रोल, बार कोड को लगाने वाली मशीन, शराब का हिसाब-किताब, लैपटॉप, अवैध शराब बिक्री के 12 लाख 48 हजार 300 रुपये जब्त किए हैं.
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पुलिस की कड़ी पूछताछ में सतवीर ने बताया कि मथुरा जिले के नेहरा गांव में धर्मवीर नाम का व्यक्ति अपने घर शराब बनाता है. जिसके बाद धर्मवीर के घर छापा डाला गया और उसके घर से 6 स्प्रिट के खाली ड्रम, 50 लीटर का जेकरीन, 40 लीटर स्प्रिट, और आरओ मशीन जब्त किए गए लेकिन धर्मवीर मौके से फरार हो गया. फिलहाल, पुलिस धर्मवीर की गिरफ्तारी के लिए जगह जगह दबिश दे रही है.
2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा
वहीं आरोपियों ने बताया कि राजस्थान में शराब महंगी होने की वजह से वह अन्य राज्यों के ब्रांड की शराब को राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बेचते थे. बता दें कि गहलोत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की थी.