भरतपुर. जिले के 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को घूमने के लिए पूरा दिन कम पड़ जाता है, लेकिन अब पर्यटक सिर्फ एक ही जगह से उद्यान घूमने का आनंद उठा सकेंगे. जी हां, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डॉ सालिम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर को आईआईटी हैदराबाद जल्द ही हाईटेक और अपग्रेड करने जा रही है. इसके लिए इसी सप्ताह डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. उसके बाद यहां आने वाले पर्यटक सेंटर से 3डी व्यू के माध्यम से एक ही जगह से पूरे घने को घूमने का अनुभव ले सकेंगे.
उद्यान के डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि आईआईटी हैदराबाद के साथ लगातार संपर्क में हैं और संभवत इसी सप्ताह डीपीआर फाइनल हो जाएगी. उसके बाद इंटरप्रिटेशन सेंटर को अपग्रेड करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सेंटर को वर्ष 2021 की बजट घोषणा के तहत करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अपग्रेड किया जाएगा. असल में उद्यान के इंटरप्रिटेशन सेंटर को आईआईटी हैदराबाद की आर्किटेक्चर टीम पहले ही विजिट कर चुकी है. पूर्व में एक बार टीम सेंटर को अपग्रेड करने की प्लानिंग भी उद्यान को सौंप चुकी है. लेकिन उसमें कुछ जरूरी बदलाव और सुधार किए गए हैं. अब डीपीआर फाइनल होने के बाद टीम काम शुरू कर देगी.
पढ़ें: घना में पर्यटकों को जल्द मिलेगी ई-रिक्शा की सुविधा, प्रपोजल तैयार
उद्यान डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि इंटरप्रिटेशन सेंटर को पूरी तरह से अपग्रेड और हाईटेक किया जाएगा. जानकारी के अनुसार सेंटर में आने वाले पर्यटकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 3D वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से पूरे उद्यान की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. उद्यान में कौन-कौन सी प्रजाति के वन्य जीव और पक्षी पाए जाते हैं? तितलियों, मेंढक, कछुआ और अजगर की प्रजातियां, कौन सा पक्षी किस देश से और किस रास्ते से उड़कर उद्यान तक पहुंचता है? इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
खास बात यह है कि यहां आने वाले पर्यटकों को 3D चश्मा और ऑडियो रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाएगा. पर्यटक 3D चश्मे के माध्यम से वर्चुअल रियलिटी का आनंद उठा सकेंगे और कान में लगे ऑडियो रिकॉर्ड से उसकी पूरी जानकारी सुन सकेंगे. ऐसे में सेंटर घूमने वाले पर्यटक को एक ही स्थान पर पूरे उद्यान को घूमने का अनुभव मिल सकेगा. गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्डमैन डॉक्टर सलीम अली की याद में वर्ष 2006 में इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण कराया गया था. फिलहाल इंटरप्रिटेशन सेंटर में तस्वीर और स्कल्पचर के माध्यम से पशु, पक्षी, जंगल और क्लाइमेट की जानकारी दी गई है.