बाड़मेर. एक विद्यालय में केवल एक ही तृतीय भाषा पढ़ाने के आदेश को निरस्त कराने की मांग को लेकर बाड़मेर में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन देने आए अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने 2 सितंबर और 5 सितंबर के आदेश अनुसार एक विद्यालय में केवल एक ही तृतीय भाषा पढ़ाने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे में हमारी मातृभाषा सिंधी, उर्दू और पंजाबी पढ़ने से वंचित रखा जा रहा है. इस आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर हमने ज्ञापन सौंपा है.
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युवाओं के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की शुरुआती शिक्षा मदरसों में होती है. जहां पर उन्हें मात्र भाषा उर्दू पढ़ाई जाती है. ऐसे में अब प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने आदेश जारी कर एक विद्यालय में केवल एक ही तृतीय भाषा पढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं. ऐसे में हमें हमारी मातृभाषा पढ़ने से वंचित रखा जा रहा है. हमने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि तृतीय भाषा के तौर पर सिंधी, उर्दू और पंजाबी को भी रखा जाए ताकि विद्यार्थी अपनी स्वविवेक से अपनी तृतीय भाषा का चयन कर सके.