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बाड़मेर में गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला आयोजित - barmer news

बाड़मेर जिला परिषद सभागार में गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस कार्यशाला में वक्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला.

workshop on Women Empowerment, महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला
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Published : Oct 3, 2019, 10:40 PM IST

बाड़मेर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को बाड़मेर जिला परिषद सभागार में गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला आयोजित

इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सरहद चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बने. महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और महत्व मिले. इसके लिए उन्होंने भरपूर प्रयत्न भी किया.

पढ़े: आपणी सरकार: जयपुर उपमहापौर के वार्ड का हाल...ना साफ ना सफाई, सीवर लाइन तक जाम

चौधरी ने आगे बताया कि महिलाएं भयमुक्त आत्मनिर्भर और सशक्त बने, इसके लिए आज भी महात्मा गांधी की विचारधारा हमारे लिए मार्गदर्शक बनी हुई है. उन्होंने रूमा देवी को महिला सशक्तिकरण का मिसाल बताते हुए कहा कि उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय रतनू ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन के समय समाज में मौजूद हर तरह की असमानताओं को दूर करने के लिए जनमानस को प्रेरित किया है. इसमें स्त्री-पुरुष समानता को लेकर वह बेहद ज्यादा गंभीर थे. उन्होंने आजाद भारत में हर तरह के भेदभाव से मुक्त समाज निर्माण के लिए अनेक प्रयास भी किए.

पढ़े: 'सिलिकोसिस पॉलिसी' लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा राजस्थान

वहीं इस कार्यशाला के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश पचौरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का जिक्र करते हुए उनके जीवन दर्शन को मौजूदा समय की जरूरत बताया. इस कार्यशाला में नारी शक्ति के सम्मान से सम्मानित रूमा देवी ने भी अपने विचार रखे.

बाड़मेर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को बाड़मेर जिला परिषद सभागार में गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

गांधी दर्शन और महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला आयोजित

इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सरहद चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बने. महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और महत्व मिले. इसके लिए उन्होंने भरपूर प्रयत्न भी किया.

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चौधरी ने आगे बताया कि महिलाएं भयमुक्त आत्मनिर्भर और सशक्त बने, इसके लिए आज भी महात्मा गांधी की विचारधारा हमारे लिए मार्गदर्शक बनी हुई है. उन्होंने रूमा देवी को महिला सशक्तिकरण का मिसाल बताते हुए कहा कि उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय रतनू ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन के समय समाज में मौजूद हर तरह की असमानताओं को दूर करने के लिए जनमानस को प्रेरित किया है. इसमें स्त्री-पुरुष समानता को लेकर वह बेहद ज्यादा गंभीर थे. उन्होंने आजाद भारत में हर तरह के भेदभाव से मुक्त समाज निर्माण के लिए अनेक प्रयास भी किए.

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वहीं इस कार्यशाला के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश पचौरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का जिक्र करते हुए उनके जीवन दर्शन को मौजूदा समय की जरूरत बताया. इस कार्यशाला में नारी शक्ति के सम्मान से सम्मानित रूमा देवी ने भी अपने विचार रखे.

Intro:बाड़मेर

गांधी दर्शन एवं महिला सशक्तिकरण विषयक कार्यशाला का हुआ आयोजन

बाड़मेर जिला परिषद सभागार में गांधी दर्शन एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ, वक्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन एवं महिला सशक्तिकरण जुड़ी से विविध पहलुओं पर प्रकाश लाला


Body:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांधी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है इसी के तहत अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं इसी कड़ी में आज बाड़मेर जिला परिषद सभागार में गांधी दर्शन एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक सरहद चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त बने महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और महत्व मिले इसके लिए उन्होंने भरपूर प्रयत्न किए चौधरी ने कहा कि महिलाएं भयमुक्त आत्मनिर्भर एवं सशक्त बने इसके लिए आज भी महात्मा गांधी की विचारधारा हमारे लिए मार्गदर्शक बनी हुई है उन्होंने रूमा देवी को महिला सशक्तिकरण मिसाल बताते हुए कहा कि उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए उन्होंने अपनी बेटियों का जिक्र करते हुए कहा कि वो महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास कर रही है मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय रतनू ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन के समय समाज में मौजूद हर तरह की समानता ओं को दूर करने के लिए जनमानस को प्रेरित किया इसमें स्त्री पुरुष समानता को लेकर वे बेहद ज्यादा गंभीर थे उन्होंने आजाद भारत में हर तरह के भेदभाव से मुक्त समाज निर्माण के लिए अनेक प्रयास किए गांधीजी आजादी के बाद ऐसे भारत की कल्पना करते थे जहां समानता के लिए कोई स्थान नहीं हो हर नागरिक को आगे बढ़ने का अवसर मिले।


Conclusion:महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक पहलाद सिंह राजपुरोहित ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़े विविध पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भी महिलाओं का एक बड़ा वर्ग परावलंबी है उसे घर के पुरुषों के समान हाथ फैलाने पढ़ते हैं इसी कारण महात्मा गांधी ने आजादी से पूर्व ही महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित किया था डॉ रामेश्वरी चौधरी ने अपने जीवन से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होना होगा गांधी जी ने बहुत पहले ही महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई थी इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश पचौरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का जिक्र करते हुए उनके जीवन दर्शन को मौजूदा समय की महती जरूरत बताया इस कार्यशाला में नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित रूमा देवी ने भी अपने विचार रखे।
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