बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर जिले भर के मजदूरों ने एकजुट होकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. मजदूरों ने जिला कलेक्टर को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि किस तरीके से बाड़मेर जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर मांगता और बाछड़ाऊ गांव में ग्रेनाइट पत्थरों की लीज आवंटित की गई है. वहां पर ठेकेदार मजदूरी कराने के बाद भी 10 लाख रुपए से ज्यादा मजदूरों के पैसे नहीं दे रहे हैं. साथ ही अवैध खनन कर रहे हैं, जिसके चलते 1 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सरकारी व निजी बिल्डिंग को को जबरदस्त तरीके से नुकसान हो रहा है. इस बात की कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.
मजदूरों के नेता लक्ष्मण वडेरा ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर सीधे तौर पर यह आरोप लगाया कि खान मालिकों द्वारा अभी बारूदी सुरंग छोड़ने से सरकारी भावनाओं व गैर सरकारी व निजी भवनों में दरारें आ गई हैं. साथ ही अवैध वसूली की जा रही है. सुरंगों में बारूद छोड़ने से सरकारी भवनों व निजी भवनों में दरार आ गई हैं. साथ ही अवैध वसूली की जारी है करीब 50 मजदूरों के 10 लाख पर बकाया है, जो कि खान मालिक देने को तैयार नहीं हैं.
इस बारे में उन्होंने कई बार खान मालिकों से स्थानीय अधिकारियों से भी बात की, लेकिन कोई उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा है. इसी को लेकर आज हमने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मजदूरों का बकाया भुगतान दिलाने की मांग की है.
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मजदूर नेनाराम ने बताया कि खान मे काम करने वाले करीबन 50 मजदूरों के पिछले काफी समय से पैसे नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि हमारे करीबन 10 लाख रुपये बकाया है. इसको लेकर हमने कई बार उन खान मालिकों से भी बात की, लेकिन कोई भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है. लिहाजा आज हमने मजदूर यूनियन के बैनर तले जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर हमारा बकाया भुगतान दिलाने की मांग की है.