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बाड़मेर: रोजगार की मांग को लेकर धरना दे रहे 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण

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Published : Dec 20, 2019, 10:47 PM IST

आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 8 दिनों से स्थानीय लोगों को लिग्नाइट माइंस में रोजगार दिलाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली है. वहीं, इस संबंध में प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कला से कहा कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार दिया जाना चाहिए.

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ग्रामीणों का प्रदर्शन

बाड़मेर. जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 8 दिनों से स्थानीय लोगों को लिग्नाइट माइंस में रोजगार दिलाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली. प्रशासन की उदासीनता के चलते सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे इस ठंड में भी RSMML कंपनी के गेट के आगे डेरा डाले हुए हैं.

रोजगार को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन

एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कला से जब मीडिया ने इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब बाड़मेर दौरे आए थे तब उनके साथ मैं और विधायक मेवाराम जैन ने जितने भी संबंधित प्रबंधकों से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने को लेकर चर्चा की थी.

जिस पर उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से उन प्रबंधकों को कहा गया कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार देने के प्रयास किए जाएं. वहींं उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे लोगों से जिला प्रशासन के लोग वार्ता कर समाधान निकालने के प्रयास करेंगे.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने किया शिक्षकों और कांस्टेबलों के लिए आवासीय योजना का शुभारंभ

वहीं, गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने बातचीत में बताया कि कृषि पर आश्रित परिवारों की कंपनी वालों ने धीरे-धीरे सारी जमीन ले ली और स्थानीय लोगों को रोजगार भी कंपनी ने नहीं दिया. जिसके चलते ग्रामीण आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं और परिवार वालों की आर्थिक हालत भी बेहाल हैं. वहीं, धुएं और और राख की वजह से प्रदूषण भी फैलता जा रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं.

जिसके कारण मजबूरन उन्हें धरना देना पड़ रहा है. साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली है. बता दें कि पिछले 8 दिनों से आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों की संख्या में लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.

ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिले और खनन खदान में मंदिर का संपूर्ण निर्माण और विकास खनन से निकलने वाले धुएं और राख का स्थाई निराकरण हो. ग्रामीणों की मांग है कि प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रावधान और प्रभावित गांवों में बिजली, पानी के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाए.

बाड़मेर. जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 8 दिनों से स्थानीय लोगों को लिग्नाइट माइंस में रोजगार दिलाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली. प्रशासन की उदासीनता के चलते सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे इस ठंड में भी RSMML कंपनी के गेट के आगे डेरा डाले हुए हैं.

रोजगार को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन

एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कला से जब मीडिया ने इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब बाड़मेर दौरे आए थे तब उनके साथ मैं और विधायक मेवाराम जैन ने जितने भी संबंधित प्रबंधकों से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने को लेकर चर्चा की थी.

जिस पर उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से उन प्रबंधकों को कहा गया कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार देने के प्रयास किए जाएं. वहींं उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे लोगों से जिला प्रशासन के लोग वार्ता कर समाधान निकालने के प्रयास करेंगे.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने किया शिक्षकों और कांस्टेबलों के लिए आवासीय योजना का शुभारंभ

वहीं, गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने बातचीत में बताया कि कृषि पर आश्रित परिवारों की कंपनी वालों ने धीरे-धीरे सारी जमीन ले ली और स्थानीय लोगों को रोजगार भी कंपनी ने नहीं दिया. जिसके चलते ग्रामीण आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं और परिवार वालों की आर्थिक हालत भी बेहाल हैं. वहीं, धुएं और और राख की वजह से प्रदूषण भी फैलता जा रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं.

जिसके कारण मजबूरन उन्हें धरना देना पड़ रहा है. साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली है. बता दें कि पिछले 8 दिनों से आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों की संख्या में लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.

ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिले और खनन खदान में मंदिर का संपूर्ण निर्माण और विकास खनन से निकलने वाले धुएं और राख का स्थाई निराकरण हो. ग्रामीणों की मांग है कि प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रावधान और प्रभावित गांवों में बिजली, पानी के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाए.

Intro:बाड़मेर

बीते 8 दिनों से स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर धरने पर बैठे 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण, प्रभारी मंत्री बोले आज ही जिला प्रशासन करेगा ग्रामीणों से वार्ता


बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों ग्रामीण पिछले 8 दिनों से स्थानीय लोगों को लिग्नाइट माइन्स में रोजगार दिलाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली प्रशासन की उदासीनता के चलते सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष बच्चे इस ठंड में भी आरएसएमएमएल कंपनी के गेट के आगे डेरा डाले हुए हैं


Body:एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रभारी मंत्री डॉ बीडी कला से जब मीडिया ने इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से रोजगार दिया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब बाड़मेर दौरे आए थे तब उनके साथ मैं और विधायक मेवाराम जैन ने जितने भी संबंधित प्रबंधकों से स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने को लेकर चर्चा की गई थी उसमें उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कही थी और बताया था कितने लोगों को रोजगार दिया तब हमारी ओर से उन प्रबंधकों को कहा गया कि स्थानीय लोगों को प्राथमिकता से ओर रोजगार देने के प्रयास किए जाएं वहीं उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे लोगों से जिला प्रशासन के लोग आज ही वार्ता कर समाधान निकालने के प्रयास करेंगे


Conclusion:इन गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने बातचीत में बताया कि कृषि पर आश्रित परिवारों की कंपनी वालों ने धीरे धीरे करकर कर सारी जमीन तो ले ली और स्थानीय लोगों को रोजगार भी कंपनी के द्वारा नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं और परिवार वालों की आर्थिक हालत भी बढ़े बेहाल हो गए हैं जिसके चलते परिवार का भरण पोषण भी बड़ी मुश्किल हो गया है वही धुएं और और राख की वजह से प्रदूषण भी फैलता जा रहा है जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं जिसके कारण मजबूरन उन्हें धरना देना पड़ रहा है वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक किसी ने उनकी सुध तक नहीं ली आपको बता दें कि पिछले 8 दिनों से आकली ग्राम पंचायत में 3 गांव के सैकड़ों की संख्या में लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिले खनन खदान की में आस्था का मंदिर का संपूर्ण निर्माण और विकास खनन से निकलने वाले धुएं और राख का स्थाई निराकरण हो और प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रावधान प्रभावित गांवों में बिजली पानी और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाएं समेत कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन दे रहे हैं अब देखने वाली ये बात होगी कि प्रभारी मंत्री के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन धरने पर बैठे ग्रामीणों की सुध लेगे ओर कब ये धरना समाप्त होगा

बाईट- मोहनी देवी, ग्रामीण महिला
बाईट-धापू देवी ,ग्रामीण महिला
बाईट - डॉ बी डी कल्ला- प्रभारी मंत्री
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