अलवर. जिले में राज्य सरकार द्वारा किए गए ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है. ग्रामीणों के द्वारा पुनर्गठन के विरोध में जिला कलक्टर अलवर के पास ज्ञापन सौंपकर.
जिले के धोलापलाश के ग्रामीणों ने शुक्रवार को अलवर पहुंचकर जिला कलेक्टर को नवसृजित ग्राम पंचायत बंदीपुरा से धोलापलाश गांव को हटाने और वापस मोहब्बतपुर में जोड़ने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि मोहब्बतपुर गांव मात्र डेढ़ किलोमीटर है. जबकि नवसृजित बांदीपुरा गांव से 4 से 5 किलोमीटर दूर स्थित है. इसके विरोध जताते हुए ग्रामीणों ने डीएम अलवर को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि धोलापलाश ग्राम पंचायत मोहब्बतपुर में आता था. जो कि ग्राम पंचायत मोहब्बतपुर के पुनर्गठन के बाद नवसृजित ग्राम पंचायत बांदीपुरा में सम्मिलित कर दिया गया है. बांदीपुरा से ग्राम पंचायत मोहब्बतपुर डेड किलोमीटर है. जबकि नवसृजित ग्राम पंचायत बांदीपुरा साढ़े 4 किलोमीटर है. ग्राम पंचायत बांदीपुरा धोलापलाश के मध्य रेलवे लाइन ओर मेगा हाईवे नंबर 25 है. जहां पर दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहेगा.
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पंचायत पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों ने जताई आपत्ति
बाड़मेर . पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों में विरोध जारी है. आए दिन दर्जनों ग्रामीण जिला मुख्यालय पर आकर कलेक्टर को अपनी दास्तां बता रहे हैं. इसी के तहत नागदा के लोगों ने जिला कलक्टर से मुलाकात कर पंचायत पुनर्गठन को लेकर अपनी आपत्ति जताई.
जानकारी के मुताबिक पंचायती राज चुनाव से पहले राजस्थान सरकार और प्रशासन ग्रामीण इलाकों में पंचायत पुनर्गठन का काम अंतिम दौर में है. प्रशासन की ओर से पंचायत पुनर्गठन को लेकर कई तरीके की सूचनाएं जारी की गई है. जिस पर जबरदस्त तरीके से लोगों की आपत्ति नजर आ रही है. नागदा के लोगों का आरोप है कि उनके गांव को कायम बस्ती से जोड़ा जा रहा है जो कि गलत है. क्योंकि कायम बस्ती गांव उनके नया नागडदा गांव से बहुत दूर है.
वहीं, उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद उस गांव का विकास पूर्ण रूप से रुक जाएगा . उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस राजनीति के चलते हमारी गांव को कायम की बस्ती से जोड़ना चाहती है. जबकि हकीकत यह है कि कायम बस्ती से हमारा गांव जुड़ जाएगा तो हमारे गांव का विकास पूरा का पूरा ठप हो जाएगा.