बाड़मेर. सरकार की ओर से ग्रामीण इलाकों में नरेगा योजना के अंतर्गत कई विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. वहीं इन विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं. बाड़मेर जिले के चौहटन उपखंड क्षेत्र के सवलोर गांव में नरेगा योजना के तहत हो रहे घोटालों को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने बुधवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
बाड़मेर जिले के चौहटन उपखंड क्षेत्र के सवलोर गांव मे नरेगा के तहत हो रहे भ्रष्टाचार से आहत ग्रामीणों ने बुधवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे ग्रामीणों के अनुसार नरेगा योजना के तहत एसटी परिवारों के 20 लाभार्थियों के टांका निर्माण के लिए स्वीकृत हुई थी. उनको नियमानुसार मिलने वाली सामग्री से आदि सामग्री दी गई. जिसमें 84 कट्टे सीमेंट के मिलने चाहिए थे, लेकिन 45 कट्टे ही दिए गए. इसी तरह बाकी सामग्री भी आधी ही दी गई. धरने पर बैठे ग्रामीणों ने सरपंच पर आधी निर्माण सामग्री देने का आरोप लगाया.
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ग्रामीणों के अनुसार इस बात का जब उन्हें पता लगा तो उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक को अपनी पीड़ा बयां की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में नरेगा के तहत लगातार हो रहे भ्रष्टाचार से तंग होकर आज जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
जिला कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि-
- एसटी परिवारों के 20 लाभार्थियों के टांका निर्माण हेतु स्वीकृत हुए थे. उनको नियमानुसार मिलने वाली सामग्री से आधी सामग्री दी गई. जिसमें 84 कट्टे सीमेंट के मिलने चाहिए थे लेकिन 45 कट्टे ही दिए गए और अन्य निर्माण सामग्री भी आधी दी गई.
- नरेगा के अंतर्गत हर जानिया की नाड़ी खुदाई कार्य जिसमें फर्जी तरीके से 90 मजदूरों के नाम लिखे गए और फर्जी तरीके से वहां काम दिखाकर और पैसे उठाए गए.
- इसी तरह से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर 2017 से 2020 तक गलत तरीके से चलाया गया और फर्जी एटीएम बनाकर दिव्यांग गफूर खान के 45 हजार रुपए, गोवर्धन राम के 40 हजार और हीरो देवी के 90 हजार रुपए भी फर्जी तरीके से उठाए गए.