बाड़मेर. लॉकडाउन की वजह से कई प्रवासी श्रमिक अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. ऐसे में बीते 50 दिनों से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाड़मेर में भी कई अलग-अलग राज्यों के प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं. जो हर दिन कलेक्ट्रेट कार्यालय पर परमिशन पास के लिए चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उन्हें परमिशन पास नहीं मिल रहा है.
इतनी परेशानियों का सामना करने के बाद थके हारे प्रवासी श्रमिक बोल रहे हैं कि वे अब कभी भी राजस्थान नहीं आएंगे. साथ ही उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि, अब वे ही हमारी कुछ मदद करें और हमें यहां से निकालें.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले मंतोष यादव बताते है कि यहां पर एक निजी कंपनी में काम करता हूं और इस कठिन समय में अपने घर जाना चाहता हूं. मंतोष ने बताया कि बीते कई दिनों से रोज कलेक्ट्रेट कार्यालय और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अब तक कलेक्टर से मुलाकात नहीं हो पाई है. हमने अब तक कई बार रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन कुछ भी काम होता नजर नहीं आ रहा है.
इसी तरह यूपी के बलिया निवासी रामकरण प्रसाद कहते है कि योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र सरकार देश के हित में कोई भी कदम उठाए, हमें मंजूर है. लेकिन मजदूरों के लिए कोई उचित व्यवस्था करें. हमें यहां फंसे हुए करीबन 2 महीना हो गया है. हमारी तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से यही मांग है कि कैसे भी करके हमें यहां से निकालकर हमारे घर तक पहुंचाए.
अपनी परेशानी बताते हुए उन्होंने बताया कि कंपनी वालों ने भी अब जवाब दे दिया है. अब वे हमसे 200 रुपया रूम किराया और खाने का खर्च मांग रहे हैं. अब लॉकडाउन की वजह से कोई कमाई नहीं है, तो यह खर्च हम कैसे उठाएं. उन्होंने बताया कि 3 तारीख से लगातार घर वापसी को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय और एसडीम कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं. कई बार रजिस्ट्रेशन भी करवाया मगर कोई जवाब नहीं मिल रहा है. हम रोज भूखे प्यासे गर्मी में सुबह के आए हुए शाम 4:00 बजे तक यहां खड़े रहते हैं. लेकिन हमें कलेक्टर से मिलने नहीं दिया जा रहा.