बालोतरा (बाड़मेर). शहर के निकटवर्ती जेरला रोड पर स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल आबादी से दूर बना हुआ है. इस 70 छात्राओं वाले हॅास्टल में नहीं वार्डन है, न गार्ड. वहीं हॅास्टल के चारों तरफ चारदीवारी भी नहीं है. जिससे यहां रहनेवाली छात्राएं असुरक्षा और डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं.
एएनएम ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल का निर्माण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जालोर की ओर से जेरला रोड पर मई 2017 महीने में शुरू किया गया था. उसके बाद 10 फरवरी 2018 को निर्माण कार्य पूर्ण कर भवन तैयार किए गए. जिसकी निर्माण कार्य के लिए अनुमानित कीमत करीब 2.50 करोड़ बताई गई लेकिन चारो ओर चारदीवारी नहीं होने से वहां रहने वाली 70 से अधिक छात्राओं में हरदम भय का अंदेशा बना हुआ नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने जब एएनएम ट्रेनिंग सेंटर व हॉस्टल का जायजा लिया तो पाया कि हॅास्टल और एएनएम सेंटर आबादी से बहुत ही दूर बना है. यहां नहीं कोई गार्ड है न ही वार्डन.
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साथ ही हॅास्टल के चारो तरफ बबूल की झाड़ियां हैं और वहां चारदीवारी भी नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था माकूल नहीं होने की वजह से छात्राओं को हमेशा अनहोनी का भय लगा रहता है. वहीं शहर से दूर होने के कारण यहां संसाधनों की कमी है. साथ ही छात्राओं का कहना है कि शाम के समय मनचले हॅास्टल के सामने आ जाते हैं और परेशान करते हैं. जिससे हमेशा डर लगा रहता है.
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छात्राओं की मांग है कि वे शहर से इतनी दूर अकेली रहती हैं. न वार्डन है न गार्ड. वहीं हॅास्टल के चारों तरफ झाड़ियां होने से छात्राएं डर के माहौल में जी रही हैं. छात्राओं की मांग है कि हॅास्टल के चारो तरफ चारदीवारी करवाई जाए. साथ ही वार्डन और गार्ड को नियुक्त किया जाए.