बाड़मेर. राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में आज भी सामाजिक कुरीतियों को लेकर लगातार खबरें आती रहती है, लेकिन अब शिक्षा के चलते समाज जागृत हो रहे हैं और ऐसा ही एक अहम कदम सेन समाज में उठाया है. जिसमें यह फैसला किया गया है कि बाल व्यापक पूर्ण तरीके से रोक लगाई गई है. साथ ही नशा प्रवृत्ति मृत्यु भोज खत्म करने का ऐलान किया है और इस कदम का हर किसी ने स्वागत किया है और यह ऐलान बाड़मेर और जालौर दोनों जिले में रहने वाले सेन समाज के बड़े बुजुर्ग समाज के पंचों ने मंगलवार को बाड़मेर में सामाजिक बैठक करके यह फैसला किया है.
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सरहदी बाड़मेर जिले में सेन समाज भी अब सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित मालाणी सेन समाज न्याति नोरे में हुई समाज की बैठक में बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध सहित तीन अहम निर्णयों पर सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया. इस बैठक में जुटे बाड़मेर और जालौर जिले के सैकड़ों समाज बंधुओं ने नशामुक्त समाज, सामाजिक कार्यक्रमो में डोडा-पोस्त और अफीम के सेवन को प्रतिबंधित, मृत्युभोज में मिठाई बनाने पर रोक, समाज की हर बेटी को उच्च शिक्षित बनाने के साथ ही विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
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बड़ी संख्या में पहुंचे समाज बंधुओं ने समाज में व्याप्त कुरीतियों में प्रमुख तीन बिंदुओं पर चर्चा कर उनको जड़मूल से समाप्त करने का निर्णय लिया. जिसमे बाल विवाह पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध, बिना ठोस कारणों के सामाजिक रिश्तों को नही तोड़ने और पैतृक जमीन में हिस्सेदारी दिलाने के निर्णय पर सभी ने स्वेच्छा से निर्णय लिया. इस दौरान समाज के लोगों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अपने अपने सुझाव देते हुए अपने विचार व्यक्त किए.