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पिता चराते हैं भेड़-बकरी, बेटे ने किया 10वीं क्लास में बाड़मेर जिले का टॉप

राजस्थान में दसवीं क्लास का रिजल्ट आ गया है रिजल्ट में बाड़मेर जिले में विक्रम सिंह ने 98.2 पर्सेंट हासिल किए हैं जो कि जिले में सबसे टॉप है.

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Published : Jun 4, 2019, 11:48 PM IST

विक्रम सिंह, छात्र

बाड़मेर. जिले के विक्रम सिंह ने दसवीं कक्षा में 98.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं. विक्रम अपनी सफलता का राज बताते हुए कहते हैं कि अभी तक उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी रखी इसी वजह से वह आज बाड़मेर जिले में दसवीं क्लास में टॉप पर है वह दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करते थे और परीक्षा के दिनों में कोई खास शेड्यूल नहीं रहता था जो रूटीन हमेशा रहता था उसी रूटीन के साथ पढ़ाई की जाती थी. विक्रम सिंह बताते हैं कि उन्हें 95% आने की उम्मीद थी लेकिन 98 से ज्यादा परसेंटेज आ गई.

बॉर्डर के गांव में भेड़ बकरी चराने वाले का बेटा बना दसवीं क्लास में बाड़मेर जिले में टॉपर

इस बात की उन्हें खुशी है रिजल्ट आने से पहली रात पूरी रात नींद नहीं आई क्योंकि दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि कितने परसेंटेज बनेंगे और रिजल्ट कैसा रहेगा विक्रम बताता है कि अब उसका सपना आईएएस बनना है जिसके लिए जी जान से मेहनत करना चाहता है. विक्रम सिंह के पिता बॉर्डर के गांव में पशुपालक है भेड़ बकरियों को चराते हैं विक्रम सिंह के पिता बताते हैं कि बेटे का रिजल्ट अच्छा आया.

इस बात की बहुत खुशी है लेकिन रिजल्ट आने से पहले मैंने साफ तौर पर कह दिया था अगर तेरा इस बार रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो तुम मेरे साथ भेड़ बकरियां चराने के लिए गांव में आ जाना. लेकिन अब मुझे खुशी है कि मेरा बेटा बाड़मेर जिले में सबसे टॉप पर रहा है. विक्रम सिंह के रिजल्ट आने के बाद उसके गांव में खुशी का माहौल है तो वही उसकी स्कूल में विक्रम सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाई खिलाकर विक्रम सिंह और उसके पिता का अभिनंदन किया. इस दौरान सब ने विक्रम सिंह के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अध्यापकों ने कहा कि विक्रम हमेशा मेहनत करता था शायद उसी का नतीजा है कि वह जिले के अंदर टॉपर रहा है.

बाड़मेर. जिले के विक्रम सिंह ने दसवीं कक्षा में 98.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं. विक्रम अपनी सफलता का राज बताते हुए कहते हैं कि अभी तक उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी रखी इसी वजह से वह आज बाड़मेर जिले में दसवीं क्लास में टॉप पर है वह दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करते थे और परीक्षा के दिनों में कोई खास शेड्यूल नहीं रहता था जो रूटीन हमेशा रहता था उसी रूटीन के साथ पढ़ाई की जाती थी. विक्रम सिंह बताते हैं कि उन्हें 95% आने की उम्मीद थी लेकिन 98 से ज्यादा परसेंटेज आ गई.

बॉर्डर के गांव में भेड़ बकरी चराने वाले का बेटा बना दसवीं क्लास में बाड़मेर जिले में टॉपर

इस बात की उन्हें खुशी है रिजल्ट आने से पहली रात पूरी रात नींद नहीं आई क्योंकि दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि कितने परसेंटेज बनेंगे और रिजल्ट कैसा रहेगा विक्रम बताता है कि अब उसका सपना आईएएस बनना है जिसके लिए जी जान से मेहनत करना चाहता है. विक्रम सिंह के पिता बॉर्डर के गांव में पशुपालक है भेड़ बकरियों को चराते हैं विक्रम सिंह के पिता बताते हैं कि बेटे का रिजल्ट अच्छा आया.

इस बात की बहुत खुशी है लेकिन रिजल्ट आने से पहले मैंने साफ तौर पर कह दिया था अगर तेरा इस बार रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो तुम मेरे साथ भेड़ बकरियां चराने के लिए गांव में आ जाना. लेकिन अब मुझे खुशी है कि मेरा बेटा बाड़मेर जिले में सबसे टॉप पर रहा है. विक्रम सिंह के रिजल्ट आने के बाद उसके गांव में खुशी का माहौल है तो वही उसकी स्कूल में विक्रम सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाई खिलाकर विक्रम सिंह और उसके पिता का अभिनंदन किया. इस दौरान सब ने विक्रम सिंह के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अध्यापकों ने कहा कि विक्रम हमेशा मेहनत करता था शायद उसी का नतीजा है कि वह जिले के अंदर टॉपर रहा है.

Intro:बाड़मेर
बॉर्डर के गांव में भेड़ बकरी चराने वाले का बेटा बना दसवीं क्लास में बाड़मेर जिले में टॉपर
राजस्थान में दसवीं क्लास का रिजल्ट आ गया है रिजल्ट में बाड़मेर जिले में विक्रम सिंह 98.2 पर्सेंट हासिल की है जो कि जिले में सबसे टॉप है विक्रम सिंह अपनी सफलता का राज बताते हुए कहते हैं कि अभी तक उन्होंने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी रखी इसी वजह से वह आज बाड़मेर जिले में दसवीं क्लास में टॉप पर है वह दिन में 6 से 7 घंटे दूज पढ़ाई करते थे और परीक्षा के दिनों में कोई खास शेड्यूल नहीं रहता था जो रूटीन हमेशा रहता था उसी रूटीन के साथ से पढ़ाई की जाती थी विक्रम सिंह बताते हैं कि उन्हें 95% आने की उम्मीद थी लेकिन 98 से ज्यादा परसेंटेज आ गई इस बात की उन्हें खुशी है रिजल्ट आने से पहली रात पूरी रात नींद नहीं आई क्योंकि दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि कितने परसेंटेज बनेंगे और रिजल्ट कैसा रहेगा विक्रम बताता है कि अब उसका सपना आईएएस बनना है जिसके लिए उस जी जान से मेहनत करना चाहता है


Body:विक्रम सिंह के पिता बॉर्डर के ग्राफ गांव में पशुपालक है भेड़ बकरियों को चलाते हैं विक्रम सिंह के पिता बताते हैं कि बेटे का रिजल्ट अच्छा आया इस बात की बहुत खुशी है लेकिन रिजल्ट आने से पहले मैंने से साफ तौर पर कह दिया था अगर तेरा इस बार रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो तुम मेरे साथ भेड़ बकरियां चराने के लिए गांव में आ जाना लेकिन अब मुझे खुशी है कि मेरा बेटा बाड़मेर जिले में सबसे टॉप पर रहा है बढ़ाओ करिया बने यही मेरा सपना है


Conclusion:विक्रम सिंह के रिजल्ट आने के बाद उसके गांव में पूरा खुशी का माहौल है तो वही उसकी स्कूल में विक्रम सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाई खिलाकर विक्रम सिंह और उसके पिता का अभिनंदन किया गया इस दौरान सबने विक्रम सिंह के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अध्यापकों ने कहा कि विक्रम शिक्षा स्टूडेंट है और वो हमेशा मेहनत करता था शायद उसी का नतीजा है कि वह जिले के अंदर टॉपर रहा है
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