पचपदरा (बाड़मेर) जिले के पचपदरा थाने में आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने तत्काल रुप से पचपदरा थाने के सभी स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया.
पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 1 घंटे पहले ही पूरे पचपदरा थाना को लाइन हाजिर किया था वहीं अब पचपदरा थाना अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात भी सामने आ रही है. लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है.
बता दे कि जानियाना गांव में परिवार के जमीन विवाद के चलते एक दिन पूर्व आपसी विवाद हो गया था. जिसके चलते दोनो पक्षों के लोगों को पाबंद किया गया था. वहीं एक पक्ष के दो लोगों की जमानत रविवार को पचपदरा तहसीलदार से हो गई थी.
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वहीं जिसकी मौत हुई है उसकी जमानत नही हुई थी. दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट की माता ने मामला दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया कि मेरा बेटा आरटीआई कार्यकर्ता था, लोगों की समस्याओं के लिए काम करता था. लेकिन पुलिस हिरासत के दौरान उसकी मौत हो गई हैं लिहाजा मुझे न्याय मिलना चाहिए. इस पर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा कि न्यायिक आधार पर शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह था मामला
दरअसल पचपदरा पुलिस की हिरासत में आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश कि तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद पचपदरा पुलिस उसे बालोतरा नाहटा हॉस्पिटल लेकर गई जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
हालांकि पूरे मामले में पुलिस ने कुछ भी बताने से इंकार किया था. आखिरकार एसपी ने बालोतरा पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी लेकर मीडिया से रूबरू हुए. जानकारी के मुताबिक महावीर नगर निवासी जगदीश गोलियां पिछले कई सालों से आरटीआई एक्ट के तहत पुलिस और प्रशासन की सूचनाएं मांगता था.