बाड़मेर. सिवाना के निकटवर्ती कुसीप ग्राम में फर्जी अस्पताल बना कर करीब 30-35 बेड लगाकर लोगों का इलाज करने एवं आमजन की जान जोखिम में डालने की शिकायत सिवाना एसडीएम को दूरभाष पर 15 मई को मिली. जिस पर सिवाना एसडीएम कुसमलता चौहान के निर्देश पर हल्का पटवारी ने मौके पर जाकर देखा तो बड़े टेंट में 30-35 बेड लगाकर लोगों का इलाज करना पाया गया. जिसमें कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही थी. सोशियल डिस्टसिंग की धज्जियां उड़ रही थी.
पटवारी ने इसकी सूचना एसडीएम को दी. जिसके बाद सोमवार को सिवाना एसडीएम कुसमलता चौहान मय राजस्व टीम मौके पर पहुंची. मौके पर मेडिकल संचालक राजेन्द्र सिंह सोलंकी द्वारा बड़ी संख्या में बेड लगाकर मरीजों का इलाज करना पाया गया तथा 7 मरीज अस्पताल में भर्ती पाए गए. जिनका इलाज जारी था. मरीज कोरोना महामारी को देखते हुए लोग कहीं नहीं जाएं, ताकि लोगों से इलाज के नाम पर बड़ी राशि लूटी जाए. इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था अस्पताल में कर रखी थी.
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वहीं जब सिवाना एसडीएम कुसुमलता चौहान ने अपने आपको डॉक्टर बताने वाले राजेन्द्र सिंह से पूछताछ की तो वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तथा अपने आपको एसएन मेडिकल कॉलेज जयपुर का अंतिम वर्ष का छात्र बताया. राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं डॉक्टर हूं तथा मेडिकल व अस्पताल की मेरे पास डिग्री व लाइसेंस है, जो मेरे नाम से हैं तथा एसडीएम से उलझने लगा और अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने लगा. जिसको लेकर एसडीएम ने पुलिस व बीसीएमओ को सूचाना दी.
वहीं सिवाना पुलिस व बीसीएमओ संजय शर्मा मौके पर पहुंचे और अस्पताल की जांच की. लाइसेंस व डिग्री सम्बंधित कागजात उपलब्ध नहीं करवा पाने पर एसडीएम ने मेडिकल व अस्पताल को सील किया. डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बीसीएमओ संजय शर्मा ने बिना डिग्री, लाइसेंस के अवैध तरीके से अस्पताल चलाने पर मुकदमा दर्ज करवाया. वहीं सिवाना एसडीएम कुसमलता चौहान ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ अभद्रता करने व राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करवाया.