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बाड़मेर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक का किया गया विमोचन

बाड़मेर में गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक में कोरोना काल के दौरान घुमंतू जातियों के लिए किए गए सेवा कार्य को प्रकाशित किया गया है. इस दौरान उन्होंने पौधारोपण भी किया गया.

बाड़मेर न्यूज़, Rashtriya Swayamsevak Sangh
बाड़मेर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक का हुआ विमोचन
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Published : Aug 14, 2020, 3:16 AM IST

बाड़मेर. जिला मुख्यालय स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय मधुरकर भवन में गुरुवार को सेवा पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर क्षत्रिय युवा संघ के प्रमुख भगवान सिंह रोलसाबसर ने शिरकत की. विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा उद्यमी और समाजसेवी जोगेंद्र सिंह चौहान उपस्थित रहे. वहीं, अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाड़मेर जिला सह संघचालक मनोहर बंसल ने की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक में कोरोना काल के दौरान घुमंतू जातियों के लिए किए गए सेवा कार्य को प्रकाशित किया गया है. इस दौरान उन्होंने पौधारोपण भी किया गया.

पढ़ें: जोधपुरः राजमाता विजयाराजे कृषि उपज मंडी (अनाज) के अध्यक्ष जगराम को हाईकोर्ट से राहत

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि भगवान सिंह रोलसाबसर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से ही समाज के सेवा कार्यों में विश्वास करता है. समाज को एकजुट करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने घुमंतु जातियों के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में खुशी जताते हुए कहा कि हमारे ही समाज की घुमंतू जातियां हैं, जो महाराणा प्रताप के साथ हरवल दस्ते में शामिल थीं. अब वो जातियां मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा उनके लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकर हर्ष के साथ ही गर्व भी महसूस हुआ.

वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाड़मेर जिला सरसंघचालक मनोहर बंसल ने बताया कि महामारी और प्राकृतिक आपदा के समय संघ हमेशा अग्रिम पंक्ति में ही खड़ा रहता है. घुमंतू जातियों का निश्चित निवास स्थान नहीं रहता. इसलिए घुमंतु जातियों के कोई सरकारी दस्तावेज भी नहीं बन पाते हैं. उसी वजह से घुमंतु जातियों को मतदान का भी अधिकार नहीं मिल पाता है. ऐसी जातियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की घुमंतू टोलियां कार्यरत हैं. प्रदेश भर में घुमंतु जातियों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए जयपुर, दौसा, भरतपुर, जालोर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में छात्रावास चल रहे हैं. यहां पर बच्चों की शिक्षा और उनके रहने की पूर्ण व्यवस्था राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के द्वारा की जाती है.

पढ़ें: अजमेर: 'फ्री होल्ड स्कीम' का फायदा देने की व्यापारियों ने उठाई मांग

बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने प्रयास करके 1500 लोगों के राशन कार्ड, 1100 आधार कार्ड, 200 जन आधार कार्ड, 200 मजदूर कार्ड, 300 व्यक्तियों के वृद्धा पेंशन, 106 लोगों को आवास के लिए पट्टे और 40 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ऋण दिलवाने में सहायता की है. नवरात्र में घुमंतु समुदाय की कन्याओं को आमंत्रित करके उनके पैर धोना और पूजन करके भोजन कराने का भी प्रेरणादायक कार्य प्रदेश में किया गया.

बाड़मेर. जिला मुख्यालय स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय मधुरकर भवन में गुरुवार को सेवा पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर क्षत्रिय युवा संघ के प्रमुख भगवान सिंह रोलसाबसर ने शिरकत की. विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा उद्यमी और समाजसेवी जोगेंद्र सिंह चौहान उपस्थित रहे. वहीं, अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाड़मेर जिला सह संघचालक मनोहर बंसल ने की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा पुस्तक में कोरोना काल के दौरान घुमंतू जातियों के लिए किए गए सेवा कार्य को प्रकाशित किया गया है. इस दौरान उन्होंने पौधारोपण भी किया गया.

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कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि भगवान सिंह रोलसाबसर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से ही समाज के सेवा कार्यों में विश्वास करता है. समाज को एकजुट करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उन्होंने घुमंतु जातियों के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में खुशी जताते हुए कहा कि हमारे ही समाज की घुमंतू जातियां हैं, जो महाराणा प्रताप के साथ हरवल दस्ते में शामिल थीं. अब वो जातियां मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा उनके लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकर हर्ष के साथ ही गर्व भी महसूस हुआ.

वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाड़मेर जिला सरसंघचालक मनोहर बंसल ने बताया कि महामारी और प्राकृतिक आपदा के समय संघ हमेशा अग्रिम पंक्ति में ही खड़ा रहता है. घुमंतू जातियों का निश्चित निवास स्थान नहीं रहता. इसलिए घुमंतु जातियों के कोई सरकारी दस्तावेज भी नहीं बन पाते हैं. उसी वजह से घुमंतु जातियों को मतदान का भी अधिकार नहीं मिल पाता है. ऐसी जातियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की घुमंतू टोलियां कार्यरत हैं. प्रदेश भर में घुमंतु जातियों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए जयपुर, दौसा, भरतपुर, जालोर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में छात्रावास चल रहे हैं. यहां पर बच्चों की शिक्षा और उनके रहने की पूर्ण व्यवस्था राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के द्वारा की जाती है.

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बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने प्रयास करके 1500 लोगों के राशन कार्ड, 1100 आधार कार्ड, 200 जन आधार कार्ड, 200 मजदूर कार्ड, 300 व्यक्तियों के वृद्धा पेंशन, 106 लोगों को आवास के लिए पट्टे और 40 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ऋण दिलवाने में सहायता की है. नवरात्र में घुमंतु समुदाय की कन्याओं को आमंत्रित करके उनके पैर धोना और पूजन करके भोजन कराने का भी प्रेरणादायक कार्य प्रदेश में किया गया.

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