बाड़मेर. रेगिस्तान में जहां पर आमतौर पर लड़कियों को घरों में ही रखा जाता है. वहीं पिछले कुछ समय से रेगिस्तान के लोगों में परिवर्तन आया है. शायद इसीका नतीजा है कि राजस्थान के बाड़मेर की रूमा देवी को महिलाओं का सबसे बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है.
लोग अपनी बेटियों को घरों से बाहर निकलने का मौका दे रहे हैं. जिसके चलते उनको अपना भविष्य बनाने में सहायता मिल रही है. जिसका नतीजा है कि राजस्थान के बाड़मेर की रूमा देवी को महिलाओं का सबसे बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है. साधारण कपड़े पर कारीगरी से रंग-बिरंगे धागों से समय की कशीदाकारी बाड़मेर की रूमा देवी की प्रयासों को बयां करती है.
दरअसल बाड़मेर की रूमा देवी इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार ग्रहण करेंगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आगामी 8 मार्च को राष्ट्रपति भवन में विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा. जिसमें महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में साधारण उपलब्धि के लिए और रूमा देवी को एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. देश में महिलाओं को मिलने वाला यह सबसे बड़ा सम्मान है. बाड़मेर में कपड़े पर बारीक और रंगों की के जरिए उमा देवी ने देश ही नहीं सात समुंदर पार अपने काम की पहचान बनाई है.
महज 8 महिलाओं के साथ 2008 में शुरू किया गया रूमा का सफर उस वक्त आसपास के लोगों को हंसी मजाक का विषय लगता था. लेकिन अब यह सफर में 22000 महिलाओं के विशाल समूह के रूप में आगे आया है. आगामी 8 मार्च को राष्ट्रपति भवन में विशेष सम्मान समारोह में उमा को मिलने वाले सम्मान को महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में बताया गया है.
उल्लेखनीय है कि रूमा देवी को पिछले वर्ष राज्यपाल द्वारा गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुकी है साथ ही हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए कई बार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सम्मानित होकर जिले और देश का नाम आगे बढ़ाया है रूमा देवी ने अपना सफर महज 8 महिलाओं के साथ शुरू किया था तो हर कोई उनका मजाक उड़ाता था लेकिन उनको अपने इरादों पर पूरा भरोसा था इसीलिए रूमा देवी को आज यह मुकाम हासिल हुआ है रूमा देवी कहती है कि हर महिला को अपने हुनर की पहचान होनी चाहिए