बालोतरा (बाड़मेर). राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था गिरने पर हमला बोला. अपने निवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान चौधरी ने कहा कि देश में कल जो जीडीपी का 4.5 आंकड़ा आया है, वो चिंता का विषय है. जो आंकड़े मोदी सरकार ने पेश किए हैं, उसमें बेस बदल दिया है.
उन्होंने कहा कि जो आंकलन आंकड़ों के माध्यम से किया जा रहा है, उसमें बड़ी हेरफेर की जा रही है. सरकारी आंकड़ा जो हैं, इससे अंतिम पंक्ति में बैठे नौजवान, किसान और व्यापारी वर्ग को नुकसान हुआ है. चुनावों से पहले बेरोजगारी आंकड़े जारी नहीं करना अनुचित है.
चौधरी ने कहा कि 90 लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं. कृषि क्षेत्र में पिछले सालों में किसानों को झटका लगा है. किसानों को 15 हजार करोड़ रुपए जीएसटी चुकानी पड़ी है. इसमें इनपुट वापसी का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे किसानों पर भार बढ़ गया है. देश में एक बात का कुप्रचार किया जा रहा है जिसमें खाद्य महंगाई दर को नियंत्रण करने का ढोंग किया जा रहा है.
नहीं मिल रहा फसलों का उचित दाम
उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है और लागत भी बढ़ी हुई है. जिसमें सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पिछली दीवाली पर भी 50 प्रतिशत खरीद कम हुई है. इसका सीधा असर किसानों, नौजवानों व व्यापारियों पर पड़ा है. 40 वर्षो में पहली बार ऐसा हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार नारों में कई गुना दाम देने की बात करती है जो उचित नहीं है. इस खेल में सिर्फ कुछ कंपनियों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. रिलायंस, अडानी, अम्बानी के लिए यह सरकार काम कर रही है, इसको जनता से कोई मतलब नहीं है.
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उन्होंने कहा कि टाटा कंपनी ने केंद्र में किसानों के मंत्रालय में जाकर पैरामीटर बदला. जिसमें किसानों के जेब पर डाका डाला गया और राजस्थान सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया, जो कि अब गलत साबित हुआ है. बीमा कंपनी में किसानों के मुआवजा राशि 450 करोड़ के आसपास अटके हुए पड़े है, इसके लिए सरकार अब कोर्ट जाएगी और किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ेगी.
वहीं 180 करोड़ रुपए किसानों के बैंकों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं और अन्य राशि भी जल्द किसानों को दी जाएगी. प्रधानमंत्री किसान फसल योजना का दावा फेल हुआ है. बीमा कंपनियों के जरिए किसानों के जेब पर सैकड़ों हजार करोड़ रुपए का डाका डाला जा रहा है.