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तुगलकी फरमान : पंचों ने दुष्कर्म पीड़िता को परिवार समेत समाज से निकाला, 5 लाख का लगाया जुर्माना - rape victim pleaded for justice from SP

बाड़में में जातीय पंचों ने एक फरमान जारी किया है, जिसमें उन्होंने बलात्कार के मामले में राजीनामा नहीं करने पर पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है. इतना ही नहीं, 5 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया है. इसी मामले को लेकर पीड़िता शनिवार को एसपी के पास पहुंची और न्याय की गुहार लगाई.

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पीड़िता ने परिवार के साथ एसपी से लगाई न्याय की गुहार
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Published : Jun 13, 2020, 1:07 PM IST

बाड़मेर. देश-दुनिया में समय भले ही 21वीं सदी में हो, राजस्थान के गांवों में आज भी जातीय पंचों की तानाशाही जारी है. बाड़मेर में जातीय पंचों ने फिर अपने तुगलकी फरमान से अपनी बात रख ही ली. बता दें कि जातीय पंचों ने बलात्कार के मामले में पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का फैसला सुनाया है. साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसी के चलते पीड़िता ने अपने परिवार सहित एसपी से न्याय की गुहार लगाई है.

पीड़िता ने परिवार सहित एसपी से लगाई न्याय की गुहार

दरसअल, जिले के गुड़ामालानी क्षेत्र में बलात्कार के मामले में राजीनामा करवाने को लेकर जातीय पंचों के तुगलकी फरमान जारी किया है. जिसके चलते पीड़िता और उसके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर पांच लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. जिसे लेकर पीड़िता ने अपने परिवार सहित एसपी से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने दिनेश नामक युवक से सांठगांठ कर उसके साथ बलात्कार करवाया. इस पर उसने पुलिस थाना गुड़ामालानी में मामला दर्ज करवाया और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया, लेकिन कुछ महीनों बाद वो आरोपी जेल से बाहर आ गया.

जेल से छूटते ही फिर दबाव बनाना शुरू किया...

जेल से छूटने के बाद उसने अपनी बहन के साथ मिलकर पीड़िता के साथ मारपीट की और फिर से बलात्कार किया. पीड़िता ने बताया कि उसके साथ इतनी ज्यादती होने के बावजूद भी जातीय पंच हमारे घर आए और उसे एवं उसके पिता व परिवार पर आरोपी से राजीनामा करने का दबाव बनाया. जिसके लिए उन्होंने मना किया तो उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया. साथ ही कहा कि जब तक पीड़िता और परिवार राजीनामा करके समाज को 5 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरेंगे, तब तक उन्हें वापस समाज में नहीं लिया जाएगा.

यह बी पढ़ेंः राजस्थान में कोरोना के 230 नए केस, 7 मरीजों की मौत, आंकड़ा पहुंचा 12068

मामला दर्ज करने के आदेश...

इस पूरे मामले को लेकर पीड़िता ने अपने परिवार सहित जिला मुख्यालय पर पहुंच कर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है और जातीय पंचों के विरुद्ध मामला दर्ज करने और उसे और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है. इस पूरे मामले को लेकर एसपी आनंद शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुडामालानी क्षेत्र से एक महिला अपने पिता के साथ आई है. उसने अपने साथ हुए घटनाक्रम के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि हमने प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं और जल्द ही इसपर कानूनी कार्रवाई की गई.

बाड़मेर. देश-दुनिया में समय भले ही 21वीं सदी में हो, राजस्थान के गांवों में आज भी जातीय पंचों की तानाशाही जारी है. बाड़मेर में जातीय पंचों ने फिर अपने तुगलकी फरमान से अपनी बात रख ही ली. बता दें कि जातीय पंचों ने बलात्कार के मामले में पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का फैसला सुनाया है. साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इसी के चलते पीड़िता ने अपने परिवार सहित एसपी से न्याय की गुहार लगाई है.

पीड़िता ने परिवार सहित एसपी से लगाई न्याय की गुहार

दरसअल, जिले के गुड़ामालानी क्षेत्र में बलात्कार के मामले में राजीनामा करवाने को लेकर जातीय पंचों के तुगलकी फरमान जारी किया है. जिसके चलते पीड़िता और उसके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर पांच लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. जिसे लेकर पीड़िता ने अपने परिवार सहित एसपी से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने दिनेश नामक युवक से सांठगांठ कर उसके साथ बलात्कार करवाया. इस पर उसने पुलिस थाना गुड़ामालानी में मामला दर्ज करवाया और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया, लेकिन कुछ महीनों बाद वो आरोपी जेल से बाहर आ गया.

जेल से छूटते ही फिर दबाव बनाना शुरू किया...

जेल से छूटने के बाद उसने अपनी बहन के साथ मिलकर पीड़िता के साथ मारपीट की और फिर से बलात्कार किया. पीड़िता ने बताया कि उसके साथ इतनी ज्यादती होने के बावजूद भी जातीय पंच हमारे घर आए और उसे एवं उसके पिता व परिवार पर आरोपी से राजीनामा करने का दबाव बनाया. जिसके लिए उन्होंने मना किया तो उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया. साथ ही कहा कि जब तक पीड़िता और परिवार राजीनामा करके समाज को 5 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरेंगे, तब तक उन्हें वापस समाज में नहीं लिया जाएगा.

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मामला दर्ज करने के आदेश...

इस पूरे मामले को लेकर पीड़िता ने अपने परिवार सहित जिला मुख्यालय पर पहुंच कर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है और जातीय पंचों के विरुद्ध मामला दर्ज करने और उसे और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है. इस पूरे मामले को लेकर एसपी आनंद शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुडामालानी क्षेत्र से एक महिला अपने पिता के साथ आई है. उसने अपने साथ हुए घटनाक्रम के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि हमने प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं और जल्द ही इसपर कानूनी कार्रवाई की गई.

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