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बाड़मेर में बारिश से लबालब भरा मेली बांध, सड़क टूटने से 3 घंटे बाधित रहा यातायात - rajasthan

लंबे समय से इंद्रदेव के इंतजार में बैठे किसानों के लिए हुई बारिश ने चेहरे खिला दिए. वहीं, जिले में मेली गांव के तालाब में आने वाले बरसाती पानी के नाले पर सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी, कंकरीट डालकर बिछाने से देर रात हुई बारिश ने निर्माणाधीन सड़क को तोड़कर गहरा गड्ढा बना दिया, जिससे सिवाना-समदड़ी मुख्य सड़क मार्ग करीब 3 घंटे अवरुद्ध रहा.

बाड़मेर में बारिश से लबालब भरा मेली बांध
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Published : Jul 28, 2019, 11:20 PM IST

सिवाना(बाड़मेर). लंबे समय से इंद्रदेव के इंतजार में बैठे किसानों के लिए हुई बारिश ने चेहरे खिला दिए. किसानों के लिए इस बार हुई बारिश से अच्छा फायदा होगा. मानसून की पहली बारिश में किसानों द्वारा खेतों में खरीफ की फसलों की बुवाई के बाद बारिश नहीं होने से फसलें में भारी नुकसान हो रहा था.

बता दें, अच्छी बारिश ने बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 12 फीट पानी की आवक हुई है. जिले के सबसे बड़े मेली बांध की भराव क्षमता 18 फीट है. क्षेत्र भर में अच्छी बारिश की सूचनाएं प्राप्त हो रही है. वहीं, सिवाना तहसील मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात हुई बारिश 68 एमएम दर्ज हुई है.

बाड़मेर में बारिश से लबालब भरा मेली बांध

वहीं, क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों पर बरसाती नाले घण्टों पूरे वेग से बहते रहे, जिससे पिपलून, भेरू, देवन्दी, नानेरी, गोलिया, सहित नगा बांध, एनीकट और तालाबों में पानी की अच्छी आवक हुई. पिपलून के हलदेश्वर एनीकट पर चादर चली, तो वहीं क्षेत्र के खेत खलियान और तालाब लबालब हो गए.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर : रासायनिक पानी से हो रहे खेत बर्बाद..... प्रशासन ने नहीं ली सुध

उधर, मेली गांव के तालाब में आने वाले बरसाती पानी के नाले पर सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी, कंकरीट डालकर बिछाने से देर रात हुई बारिश ने निर्माणाधीन सड़क को तोड़कर गहरा गड्ढा बना दिया, जिससे सिवाना-समदड़ी मुख्य सड़क मार्ग करीब 3 घंटे अवरुद्ध रहा. वहीं, बरसाती नाले से सड़क टूटने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी.

सिवाना(बाड़मेर). लंबे समय से इंद्रदेव के इंतजार में बैठे किसानों के लिए हुई बारिश ने चेहरे खिला दिए. किसानों के लिए इस बार हुई बारिश से अच्छा फायदा होगा. मानसून की पहली बारिश में किसानों द्वारा खेतों में खरीफ की फसलों की बुवाई के बाद बारिश नहीं होने से फसलें में भारी नुकसान हो रहा था.

बता दें, अच्छी बारिश ने बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 12 फीट पानी की आवक हुई है. जिले के सबसे बड़े मेली बांध की भराव क्षमता 18 फीट है. क्षेत्र भर में अच्छी बारिश की सूचनाएं प्राप्त हो रही है. वहीं, सिवाना तहसील मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात हुई बारिश 68 एमएम दर्ज हुई है.

बाड़मेर में बारिश से लबालब भरा मेली बांध

वहीं, क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों पर बरसाती नाले घण्टों पूरे वेग से बहते रहे, जिससे पिपलून, भेरू, देवन्दी, नानेरी, गोलिया, सहित नगा बांध, एनीकट और तालाबों में पानी की अच्छी आवक हुई. पिपलून के हलदेश्वर एनीकट पर चादर चली, तो वहीं क्षेत्र के खेत खलियान और तालाब लबालब हो गए.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर : रासायनिक पानी से हो रहे खेत बर्बाद..... प्रशासन ने नहीं ली सुध

उधर, मेली गांव के तालाब में आने वाले बरसाती पानी के नाले पर सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी, कंकरीट डालकर बिछाने से देर रात हुई बारिश ने निर्माणाधीन सड़क को तोड़कर गहरा गड्ढा बना दिया, जिससे सिवाना-समदड़ी मुख्य सड़क मार्ग करीब 3 घंटे अवरुद्ध रहा. वहीं, बरसाती नाले से सड़क टूटने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी.

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बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 12 फीट पानी की आवक।


सिवाना(बाड़मेर)लंबे समय से इंद्रदेव के इंतजार में बैठे किसानों के लिए देर रात शनिवार की रात हुई बारिश ने चेहरे खिला दिए। मानसून के इंतजार में बैठे किसानों के लिए इस बार हुई बारिश से अच्छा फायदा होगा।


Body:मानसून की पहली बारिश में किसानों द्वारा खेतों में खरीफ की फसलों की बुवाई के बाद बारिश नहीं होने से फसलें में भारी नुकसान हो रहा था,

वही देर रात शनिवार व रविवार को हुई अच्छी बारिश ने किसानों के लिए एक अच्छी उम्मीद पैदा की है।

वह इस बार हुई अच्छी बारिश ने बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 12 फीट पानी की आवक हुई है, जिले के सबसे बड़े मेली बांध की भराव क्षमता 18 फीट है। क्षेत्र भर में अच्छी बारिश की सूचनाएं प्राप्त हो रही है। वही सिवाना तहसील मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात हुई बारिश 68 एमएम दर्ज हुई है।

वही क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों पर बरसाती नाले घण्टों पूरे वेग से बहते रहे, जिससे पिपलून, भेरू, देवन्दी, नानेरी, गोलिया, सहित नगा बांध,व एनीकट व तालाबों में पानी की अच्छी आवक हुई, पिपलून के हलदेश्वर एनीकट पर चादर चली तो वही क्षेत्र के खेत खलियान वह तालाब लबालब हो गए। वही मेली गांव के तालाब में आने वाले बरसाती पानी के नाले पर सड़क निर्माण के दौरान मिट्टी, कंकरीट डालकर बिछाने से देर रात हुई बारिश ने निर्माणाधीन सड़क को तोड़कर गहरा गड्ढा बना दिया, जिससे सिवाना-समदड़ी मुख्य सड़क मार्ग करीब 3 घंटे अवरुद्ध रहा। वही बरसाती नाले से सड़क टूटने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।







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