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Married woman death case: प्रशासन और मृतका के परिवार के बीच सहमति बनने के बाद धरना समाप्त - प्रशासन और मृतका के ​परिवार के बीच सहमति

बाड़मेर के सिवाना में एक महिला की इलाज के दौरान मौत मामले में परिजन एक डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा धरना दे रहे ​थे. घटना के 72 घंटे बाद प्रशासन और मृतका के ​परिवार के बीच सहमति बनी और धरना समाप्त हो गया.

Protest in death of married woman in Barmer ends after administration accepted demands
Married woman death case: प्रशासन और मृतका के परिवार के बीच सहमति बनने के बाद धरना समाप्त
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Published : Mar 11, 2023, 9:13 PM IST

सिवाना (बाड़मेर). सिवाना कस्बे में विवाहिता की मौत के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी शनिवार को दोपहर तक परिजन व समाज के लोग सिवाना हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे. परिजनों की मांग थी कि लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. शनिवार को मृतका के परिवार एवं प्रशासन के बीच चली लंबी वार्ता के बाद बनी सहमति से धरना समाप्त हुआ.

धरने पर बैठे परिजनों से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी और पूर्व नेताओं ने समझाइश की और उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया. इस पर परिजनों ने अपने धरने को समाप्त कर दिया. वहीं आज सवेरे से भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व प्रधान ओमाराम को एडीएम बालोतरा ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. साथ ही प्रशासन ने मृतका के परिवार को सरकारी सहायता एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से मदद देने की बात कही. वहीं पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द किया.

पढ़ें: Doctor APO in Barmer: महिला की मौत पर परिजनों ने समय पर चिकित्सक नहीं मिलने का लगाया आरोप, चिकित्सक एपीओ

यह था मामला: परिजनों के मुताबिक रमणिया निवासी पप्पूदेवी पत्नी महेंद्र कुमार की बुधवार रात को तबीयत बिगड़ गई. जिसको लेकर परिजन मोकलसर हॉस्पिटल गए थे. वहां पर कंपाउडर ने सिवाना हॉस्पिटल जाने को कहा. रात के समय करीब 3 बजे सिवाना सरकारी हॉस्पिटल पहुंचे. हॉस्पिटल में कंपाउडर को दिखाया. तब कंपाउंडर ने मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए कहा. डॉक्टर के क्वार्टर पर दरवाजा खटकटाया व बेल बजाई, तो भी बाहर आकर मरीज को नहीं देखा. वहीं डॉक्टर पर आरोप था कि मरीज दो घंटे तक हॉस्पिटल में तड़पता रहा और इलाज के अभाव में मरीज पप्पूदेवी ने करीब 5 बजे दम तोड़ दिया. डॉक्टर समय पर मरीज का इलाज करते, तो शायद उसकी जान बच जाती.

सिवाना (बाड़मेर). सिवाना कस्बे में विवाहिता की मौत के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी शनिवार को दोपहर तक परिजन व समाज के लोग सिवाना हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे. परिजनों की मांग थी कि लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. शनिवार को मृतका के परिवार एवं प्रशासन के बीच चली लंबी वार्ता के बाद बनी सहमति से धरना समाप्त हुआ.

धरने पर बैठे परिजनों से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी और पूर्व नेताओं ने समझाइश की और उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया. इस पर परिजनों ने अपने धरने को समाप्त कर दिया. वहीं आज सवेरे से भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व प्रधान ओमाराम को एडीएम बालोतरा ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. साथ ही प्रशासन ने मृतका के परिवार को सरकारी सहायता एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से मदद देने की बात कही. वहीं पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द किया.

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यह था मामला: परिजनों के मुताबिक रमणिया निवासी पप्पूदेवी पत्नी महेंद्र कुमार की बुधवार रात को तबीयत बिगड़ गई. जिसको लेकर परिजन मोकलसर हॉस्पिटल गए थे. वहां पर कंपाउडर ने सिवाना हॉस्पिटल जाने को कहा. रात के समय करीब 3 बजे सिवाना सरकारी हॉस्पिटल पहुंचे. हॉस्पिटल में कंपाउडर को दिखाया. तब कंपाउंडर ने मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए कहा. डॉक्टर के क्वार्टर पर दरवाजा खटकटाया व बेल बजाई, तो भी बाहर आकर मरीज को नहीं देखा. वहीं डॉक्टर पर आरोप था कि मरीज दो घंटे तक हॉस्पिटल में तड़पता रहा और इलाज के अभाव में मरीज पप्पूदेवी ने करीब 5 बजे दम तोड़ दिया. डॉक्टर समय पर मरीज का इलाज करते, तो शायद उसकी जान बच जाती.

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